Life And Its Stories
  • Motivation
  • Mythology
  • Political Satire
  • Spirituality
Life And Its Stories
  • Travel
  • Women’s Rights
  • Daily Life
  • Nature
  • Short Stories
  • Poems
  • Audio Stories
  • Video Stories
  • About Me
  • Contact
  • Motivation
  • Mythology
  • Political Satire
  • Spirituality
Life And Its Stories
  • Travel
  • Women’s Rights
  • Daily Life
  • Nature
NatureShort Stories

A School of Happiness

by 2974shikhat September 1, 2016
by 2974shikhat September 1, 2016

भोर होते ही कितना कुछ बदल जाता है। सब कुछ Positive हो जाता है ।

रात की कालिमा Negativity गायब । कितना खूबसूरत एहसास होता है न नयी सुबह का । गाँवो की तरफ मुड़िये तो प्राकृतिक सुंदरता , जीवन का एक अलग ही अंदाज ।

सुबह-सुबह गायों के रम्भाने की आवाज , मुर्गे की बाँग जिसे आप अलार्म घड़ी के जैसे बंद भी नहीं कर सकते । पेड़ों की पत्तियो मे एक हल्की सी सरसराहट , गीली मिट्टी की सोंधी सी महक ,हल्की सी सुबह होते ही छुपने की जगह खोजते ढेर सारे जुगनू । घर की महिलाओं का सुबह-सुबह अपने आँगन की साफ सफाई मे जुट जाना ऐसा माना जाता है कि ,दरिद्रता हटाने का सबसे बड़ा उपाय।

इसके विपरीत हमारी महानगरीय सभ्यता , खिड़की के पर्दों को इतना अच्छे से खींच कर रखो की सूरज की एक भी किरण अंदर प्रवेश न कर पाये , नहीं तो ए.सी प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पायेगा । भोर से थोड़ा पहले ही तो लेट नाइट पार्टी खत्म ! दिन का एक पहर , सबसे उर्वरक समय तो सोने मे गुजर गया ।

दिन के अपरान्ह से दिमाग का सक्रिय होना शुरू , सब कुछ खत्म कर देता है । हमारे शरीर की Biological clock का सत्यानाश । मुझे भी अच्छा लगता है सुबह-सुबह उठ कर के प्राकृतिक सुंदरता देखना ।

आकाश की तरफ देखो तो लाल टमाटर जैसे सूर्य भगवान दिखाई देते हैं । कितने चैतन्य रहते हैं। काफी तेजतर्रार छवि है इनकी , नारंगी रंग के कपड़े पहन कर तैयार ।अगर ऐसे शिक्षक आ जाये तो सारे बच्चे और अधीनस्थ कर्मचारी चुपचाप बैठ जाते हैं ।क्लास इनकी बादलों के बीच में लगती है । मजाल है कि, कोई बच्चा क्लास से बाहर आ कर हमें दिखाई दे ।

Evening teacher बड़े cool dude हैं।बच्चों के साथ इनकी दोस्ती जगजाहिर है ।सारे बच्चे तारों के रूप मे हँसते हुए चमकते हुये चंद्रमा की classमें दिखाई देते हैं । काफी खुशनुमा माहौल रहता है रात में आकाश का ।

 बचपन से अपने बड़े बुजुर्गो से यही सुना था कि ,अगर गिद्ध ने किसी पेड़ पर अपना आशियाना बना लिया तो वो पेड़ ठूँठ हो जायेगा और अगर कबूतरों ने बना लिया तो उस घर की उत्तरोत्तर प्रगति कम हो जायेगी । पता नहीं इन सब बातों मे कितनी सच्चाई है , लेकिन हैं तो ये सब प्रकृति के ही बच्चे ।

महानगरो मे हमे सबसे ज्यादा कबूतर ही दिखाई देते हैं , ऊँची -ऊँची इमारतों पर ।
आज मैंने देखा एक क्लास के बच्चे बंक मार कर बैठे हैं , पानी की टंकी के ऊपर । 25 से 30 की संख्या मे वो भी ग्यारहवीं मंजिल पर । लाल-लाल , छोटी-छोटी आँखे कभी गर्दन इधर कभी उधर , क्लास तो इनकी बालकनी मे लगती है , लेकिन शिक्षक की अनुपस्थिति का फायदा उठाया जा रहा है ।

थोड़ी देर में देखा तो बाज सर चले आ रहे हैं , अपने पंख फैलाये हुये । सारे कबूतरों की सिट्टी पिट्टी गुम , सब उड़ लिये टंकी के ऊपर से अपनी -अपनी क्लास मे जाकर बैठ गये ।उनकी आँखो में डर था । मानो कह रहे हो बच गये बेटा जी , लेकिन कई तो उसमे से ऐसे थे , जो इतना सब होने के बाद भी अपनी चुहलबाजी मे कोई कमी नहीं ला रहे थे ।

हर क्लास मे 4 या 5बच्चे ऐसे होते हैं ,जिन्हें क्लास की राजनीति के तहत अलग कर दिया जाता है । मेरे घर के पास भी बेचारे 4-5 कबूतर ऐसे ही हैं । रंग उनका उजला सफेद है ,  सब के बीच में सामंजस्य नहीं बैठा पा रहे हैं ।

बालकनी से नीचे झाँक कर देखा , बिल्ली मौसी बड़े लालच से ऊपर देख रही थी , कि एकाद बच्चा तो कुछ गलती करे , नीचे आये तो उनके अंदर भी Positivity आये ।

रोज का इनका यही काम है , रोज जबड़े मे एकाद को दबाई रहती है ।

 कितनी काइयाँ आँखे और भावभंगिमा दिख रही थी ।मुझे तो इन कबूतरों की इतनी चंचलता भी रास नहींआती है ।

फिर अचानक से दिमाग मे आया अरे ये तो food chain है , ये तो चलेगी ही चलेगी मै रोकना भी चाहूँगी , तब भी प्रकृति अपने हिसाब से ही काम करेगी ।

feelings of positivityHappiness in NatureHuman behaviorSunshine feeling
0 comment
0
FacebookTwitterPinterestEmail
2974shikhat

previous post
Hindi Blog- Chalti Ka Naam Gaadi
next post
Destination-Positivity; My First Solo Train Travel

You may also like

कथा महाशिवरात्रि की

February 25, 2025

सैरऔर चिर परिचित चेहरे

February 4, 2025

बदलेगा क्या हमारा शहर ?

January 23, 2025

समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति

October 26, 2024

पुस्तकालय

August 10, 2024

लोकगाथा के साथ सोन और नर्मदा नदी (भाग...

April 23, 2024

लोक गाथा के साथ सोन और नर्मदा नदी

April 3, 2024

बातें गुलाबी जाड़ा के साथ

December 13, 2023

जय चंद्रयान 3

August 24, 2023

प्रकृति का सौम्य या रौद्र रूप और सावन...

August 5, 2023

About Me

About Me

कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

Popular Posts

  • 1

    The story of my Air conditioners

    September 10, 2016
  • 2

    विचार हैं तो लिखना है

    October 4, 2020
  • 3

    उत्तंग ऋषि की गुरुभक्ति (भाग1)

    November 11, 2020
  • PODCAST-जंगल का साथ बहुत सारी बात

    October 13, 2017
  • 5

    “कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत सारी शुभकामनायें”

    August 12, 2020

Related Posts

  • कथा महाशिवरात्रि की

    February 25, 2025
  • सैरऔर चिर परिचित चेहरे

    February 4, 2025
  • बदलेगा क्या हमारा शहर ?

    January 23, 2025
  • समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति

    October 26, 2024
  • पुस्तकालय

    August 10, 2024

Keep in touch

Facebook Twitter Instagram Pinterest Youtube Bloglovin Snapchat

Recent Posts

  • The story of my Air conditioners

  • कथा महाशिवरात्रि की

  • माँ अब नही रहीं

  • सैरऔर चिर परिचित चेहरे

  • बदलेगा क्या हमारा शहर ?

  • समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति

  • पुस्तकालय

Categories

  • All (211)
  • Audio Stories (24)
  • Daily Life (135)
  • Motivation (47)
  • Mythology (16)
  • Nature (33)
  • Poems (61)
  • Political Satire (2)
  • Short Stories (184)
  • Spirituality (20)
  • Travel (25)
  • Women's Rights (8)
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram

@2019-2020 - All Right Reserved Life and It's Stories. Designed and Developed by Intelligize Digital India