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बातें घरेलू उपकरणों (Home Appliances) की

by 2974shikhat October 3, 2021
by 2974shikhat October 3, 2021

रोज के जीवन में घरेलू उपकरणों (Home appliances) की उपयोगिता से , इंकार नहीं किया जा सकता।

विज्ञान की प्रगति मनुष्य की सुख सुविधा के सामानों में, बढ़ोतरी करती जाती है। व्यक्ति होम एप्लायंसेज से इतनी गहराई से जुड़ जाता है की, उनका खराब होना कष्ट देता है।

घर गृहस्थी से जुड़े होने के कारण , हर महिला को इस समस्या से दो चार होना होता है।हमारा भी सामना ऐसी ही समस्या से हो गया। एक विदेशी कंपनी का प्रोडक्ट होने के बाद भी, हमारी वाशिंग मशीन आजकल खराब है। इधर कुछ दिनों से ज्यादा शोर मचा रही थी। फ़िलहाल वर्कशॉप की सैर पर है।

वाशिंग मशीन को खरीदने से पहले अच्छी खासी रिसर्च भी किया था। कंपनी ने जल्दी से जल्दी किसी भी प्रकार की समस्या को, हल करने का वादा भी किया था। फ़िलहाल हमारे देश में लेट लतीफी की बात आम है । त्योहारों का समय है। संचार माध्यमों में होम एप्लायंसेज की खरीदफरोख्त पर,तरह तरह के वादों और प्रलोभनों का, एक बार फिर से साम्राज्य है।
कभी कभी तो ऐसा लगता है की मानव स्वभाव जैसे ही, घरेलू उपकरण भी व्यहवार करते हैं।

लेकिन विसंगति वाली बात भी सामने आती है। मनुष्य को बचपन से मानसिक और शारीरिक श्र्म की अहमियत बताई जाती है। अगर दिमाग से काम नहीं लिया तो बुद्धि कुंद,अगर शरीर से सही ढंग से काम नहीं लिया तो शरीर अस्वस्थ। शरीर और दिमाग हर जगह अकर्मण्यता का साम्राज्य।

वाशिंग मशीन की समस्या ,सही तरीके से डिस्केलिंग न होने के कारण उपजी है। बाहरी आवरण का जंग से सामना हो गया। घर के काम काज में बढ़ोतरी का अलग ही फ़साना हो गया। कपड़े भी आजकल बड़बोले हो गए है। बाल्टी के भीतर साबुन में भीगे हुए, कुछ समय तक पड़े रहते हैं। धुलने के बाद ढेर सारा पानी पी कर तारों पर लटके रहते हैं।

ऐसा लगता है कह रहे हों ,अब आ रहा है मजा ! कपड़ों को धोने में। आपकी ज्यादतियां भी कुछ समय से बढ़ गयीं थी। फुली आटोमेटिक मशीन के टैंक में, कितने चक्कर कपड़ों को घुमवाती थी। जान बूझ कर कम गंदे कपड़ों को भी मशीन में डालकर, हाथ पर हाथ धरे नजर आती थीं। माना कि वाशिंग मशीन की सहायता से कपडे धोना सुविधाजनक है ,लेकिन हल्के फुल्के कपड़ों को हाथ से धोना भी बनता है।

बात होम एप्लायंसेज की कान खोलकर सुन लीजिये।

जब उपभोक्ता खरीदने जायेगा तमाम सुविधाओं और सहूलियत के वादों को, सामान के साथ लाएगा। एक बार अगर घरेलू उपकरण बिगड़ा तो, वर्कशॉप वाले भी टालमटोल के साथ, आरामतलबी की मुद्रा में नजर आएंगे।

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2974shikhat

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मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

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