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Daily LifeShort Stories

समाज पर असर डालती कहानियों की वृहत दुनिया

by 2974shikhat May 21, 2018
by 2974shikhat May 21, 2018

 

 

कहानियों की दुनिया भी बहुत बड़ी होती हैI काल्पनिक और अकाल्पनिक बातें ही, कहानी की वृहत दुनिया का निर्माण करती हैI

प्राचीन काल की बातों की तरफ ,यदि इतिहास के पन्नों के साथ चलते हैं तो,दर्शनशास्त्र  और धार्मिक शिक्षाएं सिर्फ मौखिक रूप से दी जाती थीं I
इस तरह से केवल श्रुत माध्यम से,धार्मिक और सांस्कृतिक विरासतें अपना सफर तय करती थी I
इतिहास के पन्नों के साथ धीरे धीरे समाज आगे बढ़ता दिखता है I
राजे रजवाड़ों या मुगलों का समय, कहानियों के माध्यम से आंखों के सामने चलचित्र जैसा चलता है I

कहानी सुनाना मानव स्वभाव का गुण है….

कहानी सुनाना मानव स्वभाव का गुण है I हर व्यक्ति इस कला का जानकार होता है I

किसी को इसमें महारत हासिल होती है,तो कोई सामान्य तरीके से सुनाता है I

हम भारतीयों के जीवन को, हमेशा कहानियां प्रभावित करती रही हैं I

Indian society and culture

Image Source : Google Free

संयुक्त परिवार की संस्कृति में बच्चों का समय, अपने मां पिता के अलावा घर के बुजुर्गो के संरक्षण में भी रहा करता था I

दादा -दादी या नाना- नानी के अलावा, घर के कई पारिवारिक रिश्तों के सान्निध्य में, बचपन का महत्वपूर्ण   समय बीतता था I

बच्चों का ध्यान खेलने और खाने के बाद पढ़ाई पर टिकता था I

किताबी ज्ञान की तुलना में व्यवहारिक ज्ञान का स्थान ,ज़रा सा ऊपर माना जाता था….

व्यवहारिक ज्ञान की पाठशालाएं, पारिवारिक और सामाजिक आयोजनों के समय लगा करती थीं I
बाकी का व्यवहारिक ज्ञान हम उम्र बच्चों के साथ, घर की दीवारों से बाहर मिलता था I
नींद से बोझिल होती हुई पलकें ,और कानों में बड़े बुजुर्गो के द्वारा सुनाई जा रही कहानियों का स्वर ,बच्चों के साथ बड़ों को भी कल्पना लोक की सैर पर ले जाता था I
Indian society and culture

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कहानियां विभिन्न प्रकार की होती थी ,कोई कहानी देशभक्ति के नाम,कोई भूत पिशाचों के नाम ,कोई परीलोक या सामाजिक ताने-बाने के इर्द गिर्द बुनी होती थी I
कहानियों को सुनने के बाद कल्पना का ऐसा असर होता था कि, सारे जंगली जानवर और पशु पक्षी मनुष्यों के समान ही बोलते, समझते और सबसे बड़े हितैषी लगते थे I
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण पंचतंत्र की कहानियां हैंI
पं विष्णुदत्त शर्मा प्रसिद्ध संस्कृत नीति पुस्तक “पंचतंत्र” के रचयिता थे I

नीतिकथाओं में पंचतंत्र का पहला स्थान है…..

राजा अमरशक्ति अपने पुत्रों को, राजनीति एवं नेतृत्व गुण सिखाने में असफल रहे…..

Indian society and culture

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पं विष्णु शर्मा राजनीति और नीति शास्त्र के ज्ञाता थे I

राजा ने धन का लालच देकर अपने पुत्रों को, कुशल राजसी प्रशासक बनाने की बात पंडित जी से की I

पंडित विष्णु शर्मा ने ससम्मान उनके धन के आग्रह को अस्वीकार करते हुए, समाज के हित में छ: महीने के भीतर कुशल प्रशासक बनाने की शपथ ली और उसे पूरा करके दिखाया I

इस व्यवहारिक ज्ञान को देते समय उन्होंने कुछ कहानियों की रचना की,और श्रुत माध्यम से राजकुमारों को नीति और नेतृत्व सिखाया I

 

इसके साथ राजकुमारों की रुचि को, राज पाठ की गतिविधियों में बढ़ाया I
इतिहास के पन्ने ही हमें यह भी बताते हैं कि, चारण और भाटों के द्वारा कथात्मक काव्य की प्रस्तुति, राज दरबारों और सामान्य जनमानस के बीच में की जाती थी I
जहां तक चारणों के बारे में बातें करें तो ये, राजपूत तथा राजकुल से संबंधित होते थे I
अपने ओजपूर्ण कथात्मक काव्य के माध्यम से ,दरबारियों और योद्धाओं के अंदर वीर रस के भाव को पैदा करते थेI
भाटों के द्वारा गाया जाने वाला कथात्मक काव्य, राजदरबार से बाहर सामान्य जनता के बीच में अपनी जगह बनाता था I

कहानी के संदर्भ में अगर दिल्ली की बात करें तो, दिल्ली हमेशा से ही संस्कृति और साहित्य का केंद्र रही है….

इसीलिए कहानी सुनाना यहां एक कला बन गयी I

दास्तानों को सुनाने के लिए, उच्चस्तर की सधी हुई भाषा का प्रयोग होने लगा I

कभी कभी दास्तानों का श्रोताओं के ऊपर ऐसा असर होता था कि, उन्हें लगता था कि सबकुछ उन्हीं पर बीत रहा हो I

मुगलों के समय में दास्तानोगोई की कला कि उन्नति हुई I

 

हर दास्तान विचित्र घटनाओं के बावजूद, इंसान की जिंदगी के उतार चढ़ाव को बताती थी I
हर कहानी में एक शिक्षा छुपी होती थी I

कहानी सुनाना दिल्ली के सांस्कृतिक विरासत का, भूला बिसरा अंग बन गया था I

आज की पीढ़ी जिसको थोड़ी बहुत भी इतिहास की जानकारी है,उनके लिए यह आश्चर्य की बात थी, कि इतनी समृद्ध कला कैसे धूमिल हो गई I आज की बात अगर करें तो नये तरीके से, धीरे-धीरे यह कला पुर्नजीवित नज़र आ रही है I

वर्तमान में संचार माध्यम और सोशल मीडिया, राजाओं और बादशाहों के दरबार के समान ही कार्य कर रहे हैं…..

“स्टोरी टेलर”या कथावाचक के रूप में कहानियों को लिखकर प्रकाशित करने वाले…

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अपनी आवाज के जरिए सुनाने वाले या वीडियो के माध्यम से, पुरानी परंपरा को नये तरीके से आगे ले जाते नज़र आ रहे हैं I

एक बार फिर से जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूती हुई कहानियों की दुनिया, सजी संवरी नज़र आ रही है I

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कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

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