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  बेटियाँ  (Daughters )

by 2974shikhat April 3, 2017
by 2974shikhat April 3, 2017

April 3, 2017

इस कविता को लिखने का ख्याल मुझे Word Press पर एक post की cover image देखने के बाद आया था।बेटियाँ स्वभाव से भावुक और जिम्मेदार होती है ।

अपने माँ-बाप से दिल से जुड़ी हुयी होती हैंlसमय के साथ-साथ माँ के साथ उनका रिश्ता और प्रगाढ़ होता जाता हैIकुछ समय के बाद ,दोस्ती के रिश्ते मे बदल जाता  है । 

  बीतते हुए समय के साथ, बेटियाँ माँ को राह दिखाने का भी काम करती हैं। हर परिवार मे बेटियाँ अपनी माँ को सफल रूप मे देखना चाहती है ।

समाज मे इस तरह की बातों को देखने के बाद , माँ बेटी के संवाद को कविता रूप मे लिखने की कोशिश की है I

Image Source : Google Free

“सर्दियों की गुनगुनी धूप सी ही तो होती हैं “बेटियाँ”…

परियों के साथ होने का एहसास होता है …
जब हाथ मे बेटियों का हाथ होता है….

भूल जाती हैं जब माँ अपनी अहमियत…

तब उनकी बातों मे सवाल होता है…

हमारी माँ के अलावा भी तो है आपका अपना व्यक्तित्व…
क्यूँ नही समझती आप अपना अस्तित्व…

हमारे नन्हे पाॅव ने अब चलना सीख लिया….
हमारी आवाज ने अब तुतलाना छोड़ दिया…

सँभालिये अब आप अपने आप को…
जुट जाइये एक बार फिर से उत्साह से…

तब याद आती है माँ को ये बात भी …
होता है दिल और दिमाग को, इस बात का एहसास भी ..

जब माँ अपनी अहमियत भूल जाती हैं …
तब प्यार से बेटियों की झिड़क भी प्यार से सुनती जाती है …

उन कड़वी बातों को भी सुनकर गुरूर होता है …
क्योंकि उस झिड़क मे भी गजब का फितूर होता है ..

तब याद आती है माँ को ये बात भी…
होता है दिल और दिमाग को, इस बात का एहसास भी …

माँ सिर्फ उनकी माँ ही बनकर रह जायें …

 कम से कम अब तो अपने 

आप को सँवारती जायें…

माँ की ही कही बातों का
माँ के ऊपर पलटवार होता है….

भूल जाइये अब इधर-उधर की बातों को….
कर लीजिये अपने समय का सदुपयोग…

नही तो करेंगी बाद मे अफसोस…
क्यूँ समय पर खो दिया आपने अपना होश…

माँ को फिर यह समझाया जाता है…

बिना मेहनत के कुछ पाया नहीं जाता है

कर लीजिये अपने दिमाग के साथ साथ

हाथ पांव को भी मज़बूत ….

क्योंकी खोजना है आपको अपना वजूद…

कभी अपने आपको हमसे अलग मत सोचियेगा….

आपकी ममता से ही बडे हुए हैं हमेशा यही सोचियेगा….

माँ और बेटी का रिश्ता अनमोल होता है….

बिना कुछ कहे ही सब कुछ बोलता है….

आवाज़ के उतार चढाव से माँ मन की बात जानती है….

माँ की इस प्रतिभा को हमेशा बेटी मानती है….

सुनकर बेटियों की बातों को…
माँ के शरीर मे हो जाता है,ऊर्जा का संचार…

आने लगते हैं दिमाग मे
सुलझे हुये से विचार…

चलों आज से बेटियों की बात को मानते हैं …
अपने व्यक्तित्व को एक बार फिर से पहचानते हैं …

daughter mother bondingdaughtersInnocence
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2974shikhat

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0 comment

multitudeofmythoughts April 6, 2017 - 4:25 pm

Very well expressed.The pictures in your article makes it more worthy.

Mrs. Vachaal April 7, 2017 - 4:50 am

Thanx😊

-Eugenia May 7, 2017 - 1:01 am

Lovely pictures. Thank you for following BrewNSpew and it’s good to meet you.

Mrs. Vachaal May 7, 2017 - 7:02 am

Thanx Eugenia ,mera blog follow karney ke liye second time bhi thanx😊

Manisha May 10, 2017 - 10:25 am

Nice compilation of the sensible thoughts​.

Mrs. Vachaal May 10, 2017 - 5:23 pm

Thanx😊

breathingpark May 14, 2017 - 3:52 am

Very touching and enthralling the way you have depicted mother and motherhood. Keep posting such gems.

Mrs. Vachaal May 14, 2017 - 5:13 am

Thanx😊

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कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

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