आज के समय की अस्वस्थकर जीवन शैली,अपने अवगुणों के कारण ही मोटापे को साथ लिए फिरती है
समाज में दूसरा नहीं तो तीसरा व्यक्ति,पूरी तरह नहीं तो आंशिक रूप से ही, मोटापे से पीड़ित है…
मोटी लड़कियों और महिलाओं को देखकर नाक भौं सिकोड़ने वाला पुरुष समाज ! बढ़े हुए वजन के साथ घूमता फिरता दिखता है….
बढ़ा हुआ वजन सामान्य तौर पर खुद की बुरी आदतों का ही परिणाम होता है….
बचपन में याद की हुई कविता की कुछ पंक्तियां, मोटापे को याद करते ही जुबान पर आती हैं…..
“आराम करो आराम करो,आराम जिंदगी की कुंजी
इससे न तपेदिक होती है,आराम सुधा की एक बूंद
तन का दुबलापन खोती है,आराम शब्द में राम छिपा
जो भवबंधन को खोता है,आराम शब्द का ज्ञाता तो
विरला ही योगी होता है”
हास्य के भाव को दिखाती ये पंक्तियां,आज के समय में सिर्फ और सिर्फ जीभ के स्वाद को आराम देने की बात कहते हुए सार्थक लगती हैं……
खाने पीने की दुकानों पर दिखते हैं हर समय मेले……
खाली नही दिखते रेस्टोरेंट्स या सड़क के किनारे लगे ठेले…...
सुबह से ही भागा दौड़ी में लगा दिखता इंसान……
फिर भी शारीरिक श्रम का अभाव और फास्ट फूड का चाव…..
कमर का बढ़ा देते हैं आकार……
बस इसी कारण से बच्चों से लेकर बड़े बूढों तक को….
तमाम तरह की शारीरिक व्याधियों के पास पहुंचा देते हैैं…….
प्रात:कालीन भ्रमण एक सरल और सहज प्रक्रिया है……
इसके बाद भी व्यायाम करने जाने के लिए इंसान
चौपहिया या दुपहिया वाहन के भरोसे खड़ा है…….
सारा खाया पिया पेट के पास आकर ही टिकता…….
उसी को छुपाने के फेर में, जाने कितनी
जली कटी बातों को कपड़ों ने चुपचाप,आलमारी के भीतर लटके लटके सुना……
स्वस्थ इंसान को देखकर आइना भी मंद मंद मुस्कुराता है……
अच्छे खासे शरीर को मोटापे से ग्रस्त दिखाता है……
हर कोई शारीरिक श्रम के सार्थक परिणाम को जानता है…….
फिर भी तुलनात्मक रूप से जीभ के स्वाद को सर्वोपरि मानता है……
मानसिक थकान के फेर में, शारीरिक श्रम को अनदेखा करना……
अवसाद,हृदयरोग और डायबिटीज को लाता है……
कभी कभी तो दबे पांव ही असाध्य बीमारियों को
अपने साथ खींच लाता है…….
चारों तरफ इंसान बढ़े हुए वजन के साथ डोल रहे……
शारीरिक श्रम की बात और,जीभ के चटोरेपन की बात को
लंबी लंबी सांसों के बीच में भूल रहे…..
पेट पर आकर कसते हुए कपड़े,महिला समाज के साथ साथ…..
खाते पीते पुरुष समाज की भी पहचान बन चुके हैं……..
भोर की किरणों के साथ खुद को जगाना……
सुबह की सैर को आदत में लाना……
मुश्किल लगता,लेकिन असंभव तो नही…..
आलस्य को दूर भगाना …..
व्यायाम को आदत में लाना……
सबसे बड़ा काम है…….
रखना है अगर शरीर को स्वस्थ…..
हरी सब्जियों और फलों को अपने भोजन का
महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनाना होगा…..

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बुरी आदतों को हमेशा के लिए त्यागना होगा……
बढ़ाना है अगर आत्म अनुशासन, तो
खुद से ही मिलना होगा……
चित्त में भरकर उमंग और उत्साह…..
मोटापे से मुक्त होने के लिए वचनबद्ध होना होगा…….
शारीरिक श्रम,योग ध्यान, प्राणायाम या सूर्य नमस्कार के जरिए ही
खुद को स्वस्थ रखने के पथ पर अग्रसर होना होगा…….

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