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नर्मदा नदी के सहारे भेड़ाघाट की यात्रा

by 2974shikhat May 9, 2018
by 2974shikhat May 9, 2018

अपने ही देश में अगर यात्रा करने का विचार दिमाग में आता है तब, हमारे देश का हृदय कहा जाने वाला प्रदेश यानि मध्य प्रदेश,यात्रा करने के विचार से अछूता नही रह पाता…..

इस प्रदेश में पर्यटन हमेशा से ही विकसित रहा है,अब धीरे धीरे प्रदेश के विकास के साथ साधन और सुविधाओं के विकास के साथ-साथ पर्यटन उद्योग फलता फूलता दिख रहा है….

आवागमन के सभी साधनों के द्वारा मध्यप्रदेश देश के बाकी हिस्सों से बेहतरीन तरीके से जुड़ा हुआ है…..

ऐतिहासिक इमारतों, प्रागैतिहासिक काल की गुफाओं,किलों, के साथ साथ सांस्कृतिक विरासतों के अलावा ,अप्रतिम प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को मध्य प्रदेश की तरफ खींच ले जाता है…..

Image Source : Google Free

प्राकृतिक सुंदरता में विंध्याचल की पर्वत श्रृंखलाएं हो या “सतपुड़ा के घने जंगल, ऊंघते अनमने जंगल”या हो नदियां, सभी आकर्षक लगती हैं…..

नदियों की अगर बात करें तो विश्व में सबसे ज्यादा नदियां भारत में बहती हैं,और भारत के अंदर सबसे ज़्यादा नदियां मध्य प्रदेश में बहती हैं…..

आज हम नर्मदा नदी के सहारे ही अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर भेड़ाघाट की यात्रा करते हैं…..

मध्यप्रदेश के जबलपुर से करीब २०कि०मी० दूर स्थित भेड़ाघाट में धुआंधार सबसे रमणीय स्थल है ….

लेकिन उससे पहले नर्मदा नदी के बारे में जानकारी लेना तो बनता है….

नर्मदा नदी को “रेवा” के नाम से भी जाना जाना जाता है….

ऐसी मान्यता है कि गंगा नदी में डुबकी लगाकर इंसान यदि अपने पाप को धोता है तो , नर्मदा नदी का दर्शन मात्र ही प्रभावी होता है…..

मध्य प्रदेश राज्य में नर्मदा नदी के विशाल योगदान के कारण ही इसे, मध्य प्रदेश की “जीवन रेखा”भी कहते हैं….

महाकाल पर्वत के अमरकंटक शिखर से नर्मदा नदी की उत्पत्ति होती है….

यह नदी पश्चिम की तरफ जाकर खम्बात की खाड़ी में गिरती है….

नर्मदा समूचे विश्व में दिव्य और रहस्यमयी नदी है….

इसकी महिमा का वर्णन चारों वेदों की व्याख्या में श्री विष्णु के अवतार वेदव्यास जी ने, स्कंद पुराण के “रेवाखण्ड” में किया है…..

नर्मदा नदी देश की सबसे स्वच्छ नदियों में से एक मानी जाती है….

अमरकंटक से निकलने के तुरंत बाद ही बड़े अद्भुत और दर्शनीय स्थल का निर्माण करती है….

संगमरमर की चट्टानों के बीच में लहराती हुई, गुजरती हुई नर्मदा,दिव्य और भव्य लगती हैं….

भेड़ाघाट में दो घाटियों के बीच में से गुजरती हुई नर्मदा में नाव से सैर के बिना इसके अलौकिक रूप का दर्शन नही हो सकता….

अलग-अलग आकार में खड़ी, लेटी, बैठी संगमरमर की चट्टानें कल्पना के अनुसार जीवित , और बोलती हुई सी लगती हैं…..

भेड़ाघाट के नामकरण के संबंध में अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं…..

जो इस स्थान की पवित्रता को प्रमाणित करती है….

यह माना जाता है कि भृगु ऋषि के नाम पर इसका नाम पड़ा, जो नर्मदा नदी के किनारे आश्रम में रहा करते थे….

दूसरी मान्यता भेड़ाघाट शब्द के अर्थ से निकलती है, जिसका अर्थ मिलना होता है….

यह शब्द दो नदियों के मिलने की बात को बताता है…..

Shakti peeth

Image Source : Google Free

कुछ विद्वानों के अनुसार यह प्राचीन भैरवी घाट का परिवर्तित आधुनिक नाम है…..

पुरातात्विक अवशेषों से प्रामाणित होता है कि प्राचीनकाल से ही यह स्थान शक्ति पूजा का प्रसिद्ध केंद्र रहा है…..

भेड़ाघाट की खासियत, नर्मदा नदी के दोनों तटों पर संगमरमर की सौ फुट तक ऊंची चट्टानें हैं….

इन चट्टानों की रंगों की कोमल छटा मन को हरने वाली होती है…

सूरज की रोशनी इन सफेद और मटमैले रंग की चट्टानों पर पड़ते ही ,इनका अद्भुत रुप नदी में प्रतिबिंब के रूप में दिखता है….

चांद की रोशनी में भी इन संगमरमर की चट्टानों की आकर्षक चमक देखने के लिए, यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा होता है…..

भेड़ाघाट एक ऐसा आकर्षक पर्यटक स्थल है जो अपनी ऊंची ऊंची चट्टानों और झील के लिए माना जाता है….

Narmada river

Image Source ; Google Free

पहाड़ों के बीच में से बहती हुई नर्मदा नदी यहां पर बिल्कुल संकरी हो जाती है, जबकी मैदानों में शांत और काफी चौड़ाई में नर्मदा नदी का बहाव रहता है…

यहां पर ऐसा लगता है मानो अपनी संजोयी हुई ऊर्जा को संकरी धारा के रूप में, पहाड़ से लगभग सौ फुट नीचे तक गिराकर, शक्ति प्रदर्शन करते हुए एक झरने का निर्माण करती हैं….

पानी के इतनी ऊंचाई से गिरने के कारण नर्मदा नदी का गर्जन सुनाई पड़ता है …..धुंए के रुप में पानी की छोटी छोटी बूंदें चारों तरफ फैलकर अलौकिक दृश्य का निर्माण करती है…..

Bhedaghat

Image Source ; Google Free

इसी कारण से इस स्थान को धुआंधार के नाम से जाना जाता है….

वर्तमान में रोपवे के जरिए पर्यटक इस दृश्य को देख सकते हैं….

चौंसठ योगिनी मंदिर शक्तिपीठ

भेड़ाघाट के अलावा कल्चुरी और गोंड शासकों के समय निर्मित चौंसठ योगिनी मंदिर शक्तिपीठ भी दर्शनीय है….

मंदिर के अंदर शिव पार्वती जी की मूर्ति और चारों तरफ चौंसठ योगिनियों की मूर्ति स्थापित है…..

बांधवगढ़ और पेंच नेशनल पार्क

भेड़ाघाट के अलावा २००कि०मी० की दूरी पर ही बांधवगढ़ और पेंच नेशनल पार्क भी स्थित है….. जहां आप टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में बाघ के दीदार कर रोमांच का अनुभव कर सकते हैं….

Bhedaghat

Image Source ; Google Free

उसके बाद भेड़ाघाट जाकर आध्यात्मिक शांति के साथ नर्मदा नदी की भव्य शक्ति को आंखें खोलकर निहार सकते हैं, और बंद आंखों के साथ पानी की बूंदों की शीतलता को महसूस कर सकते हैं……

Happiness in NatureMP TourismNarmada riverpositive effect of nature
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pankajchandnani May 9, 2018 - 5:16 am

अच्छा लेख

Mrs. Vachaal May 9, 2018 - 6:14 am

धन्यवाद 😊

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कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

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