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Daily LifeShort Stories

हाय , ये वैलेंटाइन डे और हनुमान जी !

by 2974shikhat February 14, 2017
by 2974shikhat February 14, 2017

(14 Feb 2017)

कल का दिन मेरे लिये दिमाग को थोड़ा हल्का रखने का था ,क्योंकी कल ही मैने अपना एक ब्लॉग पोस्ट किया था ।

नए साल के आने की खुमारी, उतर चुकी थी I साल दो हजार सत्रह ने अपनी गति पकड़ ली थी Iआराम से बैठी थी ,सामने रखे हुये कैलेण्डर को बड़े ध्यान से देख रही थी ।

बच्चों की परीक्षा के दिन के साथ-साथ, इस महीने के व्रत और त्योहार की तरफ भी नजर फेर रही थी । तभी दिख गयी 14 फरवरी! मंगलवार का दिन, हनुमान जी का दिन । हर मंगलवार को बचपन से, हनुमान जी को याद करने की आदत पड़ी है ।

बहुत साथ दिया है इनकी चालिसा ने बचपन से “चाहे रात के अंधेरे मे डराता हुआ पेड़ हो या, परीक्षा के समय किसी उत्तर को याद कराने का खेल हो” । देखा मंगलवार का दिन “एक लाल रंग के घेरे मे घिरा था ,उसके सामने वैलेन्टाइन डे खड़ा था”

उसके बाद ही “दिमाग ने आराम करने का इरादा छोड़ दिया ,एक बार फिर से उँगलियों ने अपने साथ कलम को जोड़ लिया”…..

ऐ महाबली हनुमान ये तूने क्या दिन दिखाया….

अपने ही दिन को वैलेंटाइन डे मनाने वालों
को दे डाला….

कहाँ फिर गयी है महानगरों ,नगरों और कस्बों मे सब की अक्ल …
किशोर, युवा और वृद्ध हर किसी की,खिल गयी है शक्ल …

कहाँ जा कर बैठ गये हो तुम पवन पुत्र हनुमान ….
जरा घूम कर देख तो आओ …

कोई ले भी रहा है क्या आज तुम्हारा नाम ?

दिखेगी आज तुम्हें भारी भीड़ चहुँओर ….
लोगों का आज घर मे दिख नही रहा है ठौर …
कोई धक्का खाता है , कोई इठलाता है ….

कोई गुलाब के बहाने ही बातें मनवाता है ….

किसी के ऊपर देनदारी भारी….

लेकिन फिर भी करनी है तगड़ी खरीददारी ….

Image Source : Google Free

चारो तरफ दिखाई पड़ता है दिखावा
धोखा, छल और शोर ….

ये सब देखकर मेरा मन तो हूआ खराब ….
अब वो देखो , वहाँ बह रही है शराब….

ये पाश्चात्य सभ्यता और ये उन्माद ….
ले डूबता है लोगों का दिमाग …..

हे महाबली हनुमान !आज नही मिलने वाला तुम्हें भोजन ……
तरसेगा हर किसी का बूँदी और लड्डू को मन …..

पता नहीं, क्यूँ नही खुलती लोगों की आँख ……
जरा जगाओ तो सबके मन मे शक्ति के साथ-साथ
भक्ति भी आप ……

दिखा दो चुल्लू भर पानी मे ही लोगों को उनकी
शक्ल तो आज ….
क्या भूल गया है हमारा समाज  इतिहास …..

भूल गयी आज सबको वीरता की कहानी ….
भूल गयी हमारी रानी पद्मिनी क्षत्राणी ……

आज रह गयी है नारी क्या ? केवल
मनोरंजन की चीज …..

डूब रहा है इसी तरह के भुलावे मे
आज हमारा समाज …

कुछ तो जगा दो  उनका भी दिमाग ….

DutyExpressionHanuman chalisaHuman behaviorLord HanumansocietyThoughtsvalentine dayWestern culture have influenced many
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2974shikhat

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0 comment

Rekha Sahay February 18, 2017 - 10:31 am

हाहाहा…. बहुत मज़ेदार व्यंग किया है आपने.

Mrs. Vachaal February 18, 2017 - 10:42 am

धन्यवाद 😊

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कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

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