Daily LifeMotivation स्वस्थ जीवन पर दिमाग का पहरा by 2974shikhat September 24, 2018 by 2974shikhat September 24, 2018 यह केवल आज की ही बात नही… जीवन के धरा पर उतरने से लेकर…. जीवन चक्र चलने तक का ही तो फसाना है…. ज्यादा गूढ़ बातों के फेर मे मत पड़ो तो… जीवन सिर्फ जीभ के स्वाद और शब्दों के साथ जीभ के फिसलने और संभलने का खेल है….. हर इंसान के जीवन में मन का और जीभ का अद्भुत सा मेल है…. इन दोनो की गहन मित्रता से सारा जग हैरान और परेशान है…… चिकित्सा जगत के धुरंधरों का भी यही मानना है…. अगर स्वस्थ और खुश रहना है तो….. मन और जीभ को,दिमाग की बात को अक्षरश:मानना है…… Image Source : Google Free विचारों के इसी क्रम के साथ….. हम भी निद्रा देवी के आगोश मे सो गये…. सोते सोते ही ,मिठाईयों, हरी सब्जियों,सूखे मेवे के साथ-साथ, स्वच्छ जल के वार्तालाप मे शामिल हो गये….. जनमानस स्वादिष्ट मिठाईयों और, व्यंजनो को फटकार रहा था…… मिठाईयों के मीठे मीठे से स्वाद को,तीखे शब्दों के बाणों से भेदता जा रहा था….. तरह तरह की मिठाईयाँ नज़र आ रही थीं…. उलझी हुयी सी जलेबी, चाशनी मे डुबकी लगा रही थी….. छेने की मिठाईयाँ, बड़े गर्व के साथ खड़ी थीं….. स्वादिष्ट होने की बात को,दूर से ही बोल रही थीं…. रसगुल्लों का बड़ा वृहत सा,साम्राज्य दिख रहा था….. कहीं राजभोग,कहीं गुलाब जामुन,कही छेने का रसगुल्ला उछल कूद कर रहा था… हरी सब्जियाँ, सलाद,फल और सूखे मेवे खड़े खड़े ही इतरा रहे थे….. खुद के सबसे ज्यादा उपयोगी होने की बात को दर्प के साथ बतला रहे थे…… Image Source : Google Free बोले दिनभर की ऊर्जा को संजोना है तो हमे साथ मे लीजिये ….. बाकी की चीजों की तरफ से, ज़रा मुख तो फेरिये…. स्वच्छ और शीतल जल था,बोतल के भीतर बंद…. अपने अविरल बहते रहने की बात को, झुठला रहा था….. बोतल के भीतर से ही मुस्कुरा रहा था….. बोला!वाटर प्यूरीफायर से निकलकर बंद बोतलों मे आपके सामने खड़ा हूं….. जब से स्वच्छ और स्वास्थ वर्धक जल और, बोतलों का साथ हुआ तब से तरह तरह के ब्रांड से मिला हूं…… प्लास्टिक ही सबसे ज्यादा,जल को प्रदूषित करता है… देखिये जल को,प्लास्टिक की बोतलों और पाउच के साथ ही स्वस्थ और स्वास्थ वर्धक भी नज़र आता है….. नदियों और मीठे जल स्रोत में प्रदूषण की बात को जल दुखी मन से बोल रहा था ….. व्यायाम शालायें कह लो,या कह लो जिम व्यंग्य के साथ इठला रहे थे … बोले,मिठाईयाँ वही है,इंसान भी वही है …. लेकिन देखिये,अब जमाना बदल गया ….. इंसान पैदल चलना या,अन्य प्रकार के शारीरिक श्रमों को करना भूल गया …… ये आधुनिक जमाना है ,आप जैसों की सोच को मुश्किल पचाना है…. एयर कंडीशनर की शीतल हवा मे ही पसीना बहाना है….. मीठा न खाना और,न खिलाना तो बस एक बहाना है…… असल मे आधुनिकता के इस दौर मे …. कट्स एंड कर्वस कह लो या….. सिक्स एब्स का फेर कह लो….. बस इसी के साथ, सारा जमाना है….. Image Source : Google Free जेबें अपनी ढीली करते चलो …. पसीना बहाने के लिये एयर कंडीशनर की हवा को चुनो …. यूँ ही लोग मिठाईयों और, स्वादिष्ट व्यंजनों को बदनाम करते हैं … दिमाग को पीछे छोड़कर …. मन और जीभ के फेर मे पड़ते हैं … मेरे विचार से तो… मिठाईयाँ हो या स्वादिष्ट व्यंजन…. हरी सब्जियाँ हो, या फल और सूखे मेवे …. हर चीज स्वस्थ शरीर,और खुश मन के लिये आवश्यक होती है …… जीभ और मन की चंचलता …… दृढ़ इच्छाशक्ति के सामने शून्य नज़र आती है …. AdaptationBe HappyDutyExpressionFood and happinessfood and nutritionHealthy lifestyleHuman behaviorpositivitySave water resourcessocietyThoughtsWill power 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail 2974shikhat previous post जमीं पर,जमीर की फेहरिस्त next post बारिश की बूँदों के साथ खुशनुमा सा दिन You may also like पुस्तकालय August 10, 2024 बातें गुलाबी जाड़ा के साथ December 13, 2023 जय चंद्रयान 3 August 24, 2023 HAPPY NEW YEAR सुस्वागतम नववर्ष January 10, 2023 ठहरो बच्चू जी August 5, 2022 कथा सब्जियों और पोषण की अंदाज जुदा सा April 21, 2022 मान मनुहार और तक़रार March 31, 2022 होली का त्यौहार और उड़ता गुलाल March 19, 2022 नयी उमंग नया उत्साह, फिर आया नया साल January 24, 2022 Happy birthday to you,says the world December 2, 2021 0 comment sadhana jain September 24, 2018 - 7:03 am 👌
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