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Daily LifeShort Stories

 A date with the city roads

by 2974shikhat May 24, 2017
by 2974shikhat May 24, 2017

Spread Positivity

If you are a keen​ listener , then you will hear the city roads speak to you.

आपने कभी महसूस किया है कि रास्ते भी कभी-कभी बातें किया करते हैं ।चलते हुये किसी भी वाहन से अगर आप ध्यान से सड़कों को देखेंगे तो मेरी इस बात को महसूस कर सकते हैंl सड़कें मानव जीवन को बड़े पास से दिखाती है । मनुष्यों के जैसे भावों को भी दिखाती है जैसे आथिर्क विषमता के कारण मानव जीवन दिखता है, वैसा ही जीवन इन सड़कों का भी दिखता है ।
वो दिन बड़ा खास था….

 मेरे दिमाग मे तरह तरह के विचारों का वास था….

अचानक  से दिमाग किसी बात पर उलझ गया….
मन उसको सुलझाने  मे जुट गया….

मन ने दिमाग की बात  मानी…..

बाहर निकल कर तफरीह करने की ठानी….

मैने सोचा चलो देखते हैं दिन के इस पहर मे भी….
रास्तों की कहानी उन्हीं की जुबानी…..

Spread Positivity                 

निकल पड़ी मै भी घूमने के लिये…… 
अपने उत्साह से भरे हुये शरीर और दिमाग को लिये हुये….

आवागमन के साधन के रूप मे मेरी अपनी कार थी….
थोड़ी दूर तक घूमने जाने के लिये मेरी कार बेकार न थी….

 लाल बत्तियों से भरे हुये शहर मे इन बत्तियों के बहाने ही….
 वाहनो की गति को मिलता है जरा सा विराम…..

 विराम मिलते ही ये गाड़ियाँ करती है……
 इन्ही चौराहों पर आराम…..

 ये रास्ते भी कितने मजेदार  होते हैं…..
 कहीं चिकने ,कहीं सपाट ,कहीं ऊबड़ खाबड़ से रहते हैं….

  कितनी नजाकत से काली -काली रोड लहराती है…..
  जबरजस्ती अपने आप को चमकीला और साफसुथरा दिखाती है….

  गर्मी की दोपहर मे देखा तो सड़कें बड़ा इतरा रही थी…..

  अपने आप को  मृगमरीचिका से भरा हुआ दिखा रही थी…..

  रात मे देखा तो टोल रोड ,इठलाती बलखाती चली आ रही थी…
  अपने सिर के ऊपर तेज रोशनी वाले बल्ब को जला रही थी….
  पता नही क्यों जबरजस्ती का घमंड दिखा रही थी…..

 ऐसा लग रहा था बड़े गुरूर के साथ अपनी कहानी सुना रही थी…..
 मुझसे बोली मत करना मेरे संग हँसी और ठिठोली…….
 सारे रास्तों मे सबसे सभ्रान्त कुल की मानी जाती हूँ……
 इसी लिये टोल रोड कहलाती हूँ…….

 एक बार फिर से मुझसे मुखातिब हुई…….
 बोली समझना न हमे गलियों की सड़क…..
 मै हूँ हाइवे की रानी…..
 करती रहती हूँ अपनी मनमानी……
भगाती रहती हूँ गाड़ियों
को उनकी मनचाही गति से……

 मेरी बात को ध्यान लगा कर सुन लो……
  अच्छे से मेरी बातों को गुन लो…..

  चलना न मेरे ऊपर से मध्यम या धीमी गति से……
  ये बात समझ लेना अपनी गूढ़ मति से……

   बड़ी देर से टोल रोड की घमंड भरी बातों को सुनकर
मै अनसुना करे जा रही थी…..

   क्योंकी आज के समाचार पत्र मे इन्ही रास्तों की
   कहानी पढ़ने के बाद अपने दिमाग को घूमने के
बहाने ही बहला रही थी……

    दिमाग ने अपना योगदान दिया टोल रोड की बातों से
    अपने को अनजान किया……

    भगाया मत करो जीवन को इतनी जोर से……
     कि टूट जाये जीवन की डोर किसी छोर से…..

    हमेशा चलने की अपनी गति पर नियंत्रण रखना चाहिये……
    सिखाये मन जब अनियंत्रित होकर भागना तो एक बार……
    मरघट की तरफ का रुख भी जरूर करके आना चाहिये…..

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0 comment

CreativeSiba May 27, 2017 - 5:03 am

A Date with the City Road
WOW
Its different 😜

Mrs. Vachaal May 27, 2017 - 5:38 am

Thanks 😊

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कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

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