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Daily LifeShort Stories

Garden of thoughtsविचारों का उद्यान

by 2974shikhat April 15, 2017
by 2974shikhat April 15, 2017

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आज के समय मे भागती हुयी सी जिंदगी है ,चारो तरफ रेलमपेल है।मशीन से भाव ,मशीन सी जिंदगी, “छोटी-छोटी बातें कहीं खो गयी जीवन की आपाधापी मे गुम हो कर रह गयी।

अगर आप सुबह की सैर का शौक रखते हैं , उस शौक को पूरा करने के लिये स्थानीय पार्क का सहारा लेते हैं तब ,ध्यान से देखने पर पार्क भी बहुत कुछ कह जाता है । हम सभी को हमारे जीवन मे आने वाले उतार चढ़ाव के साथ-साथ, जीवन का वास्तविक स्वरूप भी दिखा जाता है । वही पार्क पूरे 24 घंटे मे अपने अलग-अलग रूप दिखाता है ।

 देखा है क्या भोर की किरणों को
 पार्क की नम जमीन को ?

 दिखती है अरूषि किरणों से
 खेलती हुयी वनस्पतियाँ…

दिखती है बड़ी मासूम सी ये वनस्पतियाँ…
जोर से खिलखिलाती हुयी अपनी
आँखों को मिचमिचाती हुयी…

 ये पार्क की नम जमीन भी
 हरियाली से भरी होती है….
 कितने लोगों के वजन को
 कम करने के प्रयास मे जुटी रहती है….

 बंद माचिस की डिब्बियों जैसे
 घरों से निकलती है भीड़….

 समा जाती है पार्क की चारदीवारी के अंदर…
 लगता है चारो तरफ भीड़ का समंदर….

  

Spread Positivity

दिखते हैं योग की मुद्रा मे

समाधि लगाये हुये से लोग…

इसी बहाने से चल रहा है
साँसों को साधने का प्रयत्न जोर शोर से….

किसी को टहलना है किसी को दौड़ना है
किसी को तेज तेज चलकर ही

अपने को स्वस्थ बनाना है……

 दिखते हैं श्वानों के साथ भी घूमते हुये लोग….
 श्वान के बहाने ही अपने को रखते हैं निरोग….

 समझ मे नही आती छोटी सी एक बात…
  श्वान घुमाता है इनको या यूँ ही है
  इनका और श्वान का साथ…

  पक्षियों का कलरव भी  बड़ा सुकून देता है….
  दिनभर की ऊर्जा को अपने अंदर संजोता है….

  कितनी आँखें चकर मकर सी घूमती…..
  पार्क की हरियाली के साथ-साथ
  भीड़ मे भी हरियाली खोजती….

 हर तरह के खिलाड़ी दिखाई देंगे
आपको पार्क के अंदर….
कुछ तो दिखते हैं खेलते हुये
कुछ दिखते हैं बिल्कुल बंदर…

लगता है सूर्य भगवान भी
ऊपर से ही लेते हैं मज़ा….                                       

  कभी करते हैं छाँव
  कभी देते हैं धूप की सज़ा…

 दिन चढ़ते ही पार्क का स्वरूप
 अचानक से बदल जाता है….
आसपास इकट्ठा हुआ भीड़ का सैलाब 
 किसी और दिशा मे बढ़ जाता है….
                                          

जीवन की तेज धूप के जैसे ही
पार्क भी वीराना सा नजर आता है….

 सूर्य जब समेटने लगता है अपनी किरणों को…
   तब दिखती है  एक बार फिर से  रौनक….

 रात होते ही यही पार्क
 सूनसान सा हो जाता है….
 जीवन की अनदेखी और
अनचाही सी कहानी सुनाता है….

 जीवन मे होगी जब तक
 उत्साह और उमंग के साथ
 जीवन जीने की चाह…
तब तक दिखाई देगी आगे बढ़ने की राह…

               

 

         
                                     

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0 comment

Rekha Sahay April 17, 2017 - 5:43 am

बहुत खूब !!! उम्दा लिखा है आपने 😊😊

Mrs. Vachaal April 17, 2017 - 6:04 am

धन्यवाद मेरा हौसला बढ़ाने के लिये, अपने आस-पास से ही लिखा है😊😊

CreativeSiba May 27, 2017 - 3:05 pm

Title is awesome 👏

Mrs. Vachaal May 27, 2017 - 3:31 pm

Thanx😊

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कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

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