सोन नदी पर किये हुए रिसर्च से सम्बंधित किताब में, लोकगाथाओं से जुड़ते हुए सोन और नर्मदा के विवाद में विंध्य वर्णन भी आता है। इस विवाद में फंसे कुछ और पर्वत और उनकी श्रृंखलायें भी आती हैं।
बात विंध्य वर्णन की करो तो वाल्मीकि रामायण में भी कहा गया है कि – सुस्वाद फलों से युक्त बड़े वृक्षों वाला यह वन था जिसमे रामचंद्र जी ने अपना वनवास का समय बिताया था।
अनेक प्रकार के मृगों से भरा हुआ हिंसक जानवरों को अपने साथ लिए हुए ,अनेक प्रकार के पक्षियों और कीटों से गुंजायमान रहता था।