बूझती हुई पहेली
बूझो तो जाने वाली बात, रसोई में सामने आ गयी।
रसोई में किसकी सखी सहेली कौन ?
सबसे पहले तवा और चिमटे की बारी थी।
सहृदयता दिखाते हुए तवा बोलने लगा।
अब आयी चौकी और बेलन की बारी।
आते ही अपने विचारों को प्रकट करने के लिए , शिकायती लहज़े को अपनाया।
कढ़ाई और पलटा सामने नजर आये।
बोलने लगे , हमारे बारे में आपका क्या ख्याल है।
चाय का बर्तन और छन्नी
उबासी लेते हुए सामने आये।
शांत दिमाग और मन से ,रसोई के सामानों की बात को सुन रही थी।
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