Life And Its Stories
  • Motivation
  • Mythology
  • Political Satire
  • Spirituality
Life And Its Stories
  • Travel
  • Women’s Rights
  • Daily Life
  • Nature
  • Short Stories
  • Poems
  • Audio Stories
  • Video Stories
  • About Me
  • Contact
  • Motivation
  • Mythology
  • Political Satire
  • Spirituality
Life And Its Stories
  • Travel
  • Women’s Rights
  • Daily Life
  • Nature
Daily LifeMotivation

बात इतनी सी

by 2974shikhat August 6, 2021
by 2974shikhat August 6, 2021

न हूँ मौसम विज्ञानी ,न अर्थशास्त्री ,न राजनीतिज्ञ ,न ही ज्योतिष विज्ञान के ज्ञान की धनी। नही होता पास हमारे ढेर सारे ज्ञान का पिटारा ,नही होता शहद में लिपटे हुए शब्दों के छलावे से, खुद को बेहतर दिखाने का दिखावा। कहते हैं ज्ञानी और विद्वान खुद को बेहतर बनाना है तो दूसरों की कमियों को देखना छोड़ दो। अपने विचारों को सकारात्मक दिशा में मोड़ दो।

अनुभव भी अनुभवी विद्वानों की बातों को सही मानता है।
सोच रही थी कि ,आइना और वजन नापने की मशीन कितना सटीक बोलने वाले होते हैं। चमचमाते हुए दर्पण क्या मन के दर्पण से व्यक्ति को अलग- थलग रख सकते हैं?

अगर सामने लगा हुआ आइना व्यक्ति का प्रतिबिम्ब दिखा सकता है तो मन का दर्पण !अच्छाइयां और बुराइयां क्यों नही दिखा सकता ?
फिलॉसफी वाली बातों से अलग जाकर ,अगर बात वजन नापने की मशीन की करो और गहराई में जाओ तो ,सरकारी तंत्र में सरकार ने पूरा एक विभाग ही बना रखा है।
महत्व नापतौल का इतना की अदालतों में भी न्याय की देवी को तराजू के साथ , आँखों में पट्टी बांध कर खड़ा दिखाया जाता है।

लेकिन ,हमारी बात तो एक छोटे से दायरे में आकर सिमट जाती है ,जब वजन नापने की मशीन वजन को बढ़ा चढ़ा कर दिखाती है।
यहाँ पर मानव मन हठी हो जाता है। न जाने क्यों , मशीन की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह (?) लगाता है ?

समय बरसात के मौसम का है।

सुबह की शुरुआत कभी खुशनुमा मौसम के साथ ,कभी उमस भरी गर्मी साथ में बिजली के बिल की मार तगड़ी।
वैसे हम भारतीय और ऊपर से दिल्ली वाले खाने पीने के बेहद शौक़ीन। मौसम के हिसाब से जीभ पर स्वाद के चटोरेपन का रंग चढ़ता है।
लेकिन घर में लगा हुआ आइना, और किसी कोने में छुपा कर रखी हुई वजन नापने की मशीन ,चीख-चीख कर आगाह करते हुए समझ में आते हैं।

ऐसा लगता है मानो कह रहे हों हठी मन वाले मानव ! यही रुक जाओ।
बरसात के मौसम में , जीभ के चटोरेपन के कारण होने वाली हानि को ज्योतिषशास्त्र भी नही रोक पायेगा। घर का अर्थशास्त्र भी हिचकोले खायेगा। राजनीतिज्ञ और मौसम विज्ञानी की बात मानो या न मानो ,बरसात के मौसम में किये जाने वाले परहेज और स्वास्थ्यवर्धक खाने को ही बेहतर जानो।

Healthy lifestyleRainy seasonsocietySpreadPositivity
0 comment
0
FacebookTwitterPinterestEmail
2974shikhat

previous post
शहर प्रयागराज
next post
करवट समाज की

You may also like

माँ अब नही रहीं

February 13, 2025

सैरऔर चिर परिचित चेहरे

February 4, 2025

बदलेगा क्या हमारा शहर ?

January 23, 2025

पुस्तकालय

August 10, 2024

बातें गुलाबी जाड़ा के साथ

December 13, 2023

जय चंद्रयान 3

August 24, 2023

HAPPY NEW YEAR सुस्वागतम नववर्ष

January 10, 2023

ठहरो बच्चू जी

August 5, 2022

कथा सब्जियों और पोषण की अंदाज जुदा सा

April 21, 2022

मान मनुहार और तक़रार

March 31, 2022

About Me

About Me

कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

Popular Posts

  • 1

    The story of my Air conditioners

    September 10, 2016
  • 2

    विचार हैं तो लिखना है

    October 4, 2020
  • 3

    उत्तंग ऋषि की गुरुभक्ति (भाग1)

    November 11, 2020
  • PODCAST-जंगल का साथ बहुत सारी बात

    October 13, 2017
  • 5

    “कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत सारी शुभकामनायें”

    August 12, 2020

Related Posts

  • माँ अब नही रहीं

    February 13, 2025
  • सैरऔर चिर परिचित चेहरे

    February 4, 2025
  • बदलेगा क्या हमारा शहर ?

    January 23, 2025
  • पुस्तकालय

    August 10, 2024
  • बातें गुलाबी जाड़ा के साथ

    December 13, 2023

Keep in touch

Facebook Twitter Instagram Pinterest Youtube Bloglovin Snapchat

Recent Posts

  • The story of my Air conditioners

  • कथा महाशिवरात्रि की

  • माँ अब नही रहीं

  • सैरऔर चिर परिचित चेहरे

  • बदलेगा क्या हमारा शहर ?

  • समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति

  • पुस्तकालय

Categories

  • All (211)
  • Audio Stories (24)
  • Daily Life (135)
  • Motivation (47)
  • Mythology (16)
  • Nature (33)
  • Poems (61)
  • Political Satire (2)
  • Short Stories (184)
  • Spirituality (20)
  • Travel (25)
  • Women's Rights (8)
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram

@2019-2020 - All Right Reserved Life and It's Stories. Designed and Developed by Intelligize Digital India