प्राकृतिक सुंदरता, अद्भुत रत्न, विलक्षण प्रतिभा,उर्वरा भूमि,कलकल बहती नदी और न जाने कितनी विलक्षण चीजें !कितना खूबसूरत है न हमारा देश!
लेकिन ,फिर भी रियो ओलंपिक में पदक के मामले मे छायी हुई मायूसी, अब जा कर दूर हुई। ऐसी दूर हुई कि अब, रियो ओलंपिक का नाम सुनते ही हमारे दाँत अंदर नही जा रहे।
कल मैने सोसायटी गार्ड से लेकर रिक्शे वाले तक को, ओलंपिक बैटमिंटन फाइनल की कमेन्ट्री फोन पर सुनते देखा। ऐसा जुनून हमारे देश में सामान्यतौर पर क्रिकेट के लिए ही दिखता है । आखिरकार हमारे देश की बेटीयों ने घनघोर मायूसी के बाद पी वी सिंधू का रजत, और साक्षी मलिक का काँस्य पदक दिलाकर, नई सुबह की रोशनी भर दी हमारे अंदर। हमे गर्व है,पी वी सिंधू और साक्षी मलिक पर I वैसे मानिये या न मानिये हम भारतीय, छूटती हुई ट्रेन और बस पकड़ने मे माहिर होते हैं। यह बात रियो मे भी साबित हो गयी । बीते कई दिनो से सारे विश्व की मीडिया ने, भारतीयो के किस्से बनाने शुरू कर दिये।
हमारा चिड़चिड़ा पड़ोसी जो मौका मिलते ही हमारी, थोड़ी-थोड़ी जमीन दबाने की जुगत मे लगा रहता है। उसने तो हमारे यहाँ लड़के और लड़की को अंतर के साथ पालने की, भारतीय मानसिकता को पदक न पाने का, सबसे बड़ा कारण ही बता डाला। बुरा लगता है न ये सब, लेकिन गलत नही है। कहीं न कहीं हमे आइना दिखाया है बाहरी मीडिया ने। हर बार जब इस तरह का कोई बड़ा खेलो का आयोजन होता है तो, हम भारतीयो की आँखों मे चमक आ जाती है।
हमारे यहाँ के समाचार पत्र खेल जगत की राजनीति से भर जाते है। हर क्षेत्र मे राजनीति, जातिवाद अपने लोगो को आगे लाने की होड़, जिसके कारण प्रतिभाशाली खिलाड़ी पीछे छूट जाते हैं। बाकी की रही सही कमी डोपिंग विवाद पूरा कर देता है । मुझे रियो ओलंपिक में पदक न पाने के बाद भी सबसे ज्यादा प्रभावित किया दीपा करमाकर ने। प्रोड्यूनोवा या वाल्ट जिम्नास्टिक में, खतरनाक जिम्नास्टिक की पद्धति होती हैI जिसे डैथ वाल्ट भी कहते है,क्योंकि ये एक तरह का खतरनाक वाल्ट है। विश्व की बहुत सारी जिमनास्ट है जो इस वाल्ट से, दूर रहना ही पसंद करती है।
जहाँ तक मैने दीपा के बारे मे पढा है। बचपन मे चपटे पैर के पंजे के कारण, दीपा को अपने प्रर्दशन को बेहतर करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती थीI फिर भी रिजल्ट अच्छा नहीं आता था। अच्छे खासे प्रशिक्षण और व्यायाम के बाद, उनके पैर मे वक्र(कर्व)बना, जिससे उनका प्रर्दशन बेहतर होने लगा।
उम्मीद का दिया अभी भी जल रहा हैI शायद अभी कुछ और पदक मिल जाये तो अच्छा हो। वैसे हम भारतीयो ने अभी से अपनी आँखो को, 2020 टोकियो ओलंपिक पर केंद्रित कर लिया है।
हमारी सकारात्मक सोच ही, आगे हमारे खिलाड़ियो का उत्साह बढायेगी अच्छा प्रदर्शन करने के लिये । Be Positive
4 comments
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