जीवन के सफर में , किस्मत और तक़दीर की बात करने वाले लोग तमाम मिलेंगे I किस्मत और तक़दीर के नाम पर उलझते हुए दिखेंगे I बुद्धिजीवियों और विद्वानों की वाणी से निकले वाक्य , किताबों के पन्नों के साथ दिखते है I सार्थक कर्म के बिना तक़दीर और किस्मत संवर नहीं सकते I ऊपर वाले की दरबार में मस्तक झुकाया हुआ इंसान भी जब , कर्म की राह पर मुड़ता है तब रोशनी की किरण छिटकती है I
Kismat Aur Taqdeer
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