परिवार और समाज मे हमेशा ऐसे लोग मिल जाते हैं,जो अपनी परेशानियों के बोझ तले नकारात्मक विचारों से घिर जाते हैI हमेशा अपनी किस्मत खराब होने की बात करते है I काबिलियत होने के बाद भी, खुद पर भरोसा करने में असफल रहते हैं I ऐसे ही लोगो को प्रेरित करने के उद्देश्य से इस कविता ने जन्म लियाI सार्थक कर्म के बिना ऊपर वाले के दरबार मे भी आवाज नहीं पहुँचती I खुद की सोच सकारात्मक रखकर और एकाग्रता का मूल मंत्र अपनाकर ,किस्मत को संवारने की राह पर बढ़ना आसान हो जाता है
Ai Kismat Chl Tujhe Sanvarte hai
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