नवरात्र और माँ
गाँव ,कस्बों ,शहरों और महानगरों में सुनाई पड़ जाती मंदिर की घंटियाँ ,शंखनाद और सुरताल में सजी हुई स्वरलहरियों के साथ , भजन और मंत्रोच्चार।
व्यक्ति की आस्था – विश्वास और मन का उत्साह , लम्बी – लम्बी कतारों में देवालयों के सामने दिख जाता है।
बीते हुए कोविड काल के बुरे प्रभाव ने ,हर किसी को ईष्ट का ध्यान करने की तरफ प्रेरित तो किया है।
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