एक लेखक की नज़र से यदि जीवन को देखिये तो, जीवन के सफर में सीढ़ियां ही सीढ़ियां दिखती है I कभी व्यक्ति उसपर चढ़ने में सफल होता है ,कभी असफल I पार्क में खेलते हुए छोटे छोटे बच्चों को ध्यान से देखने पर , जीवन का अनमोल सबक देखने को मिला I उनका बालसुलभ स्वभाव बिना किसी लाग लपेट के, आपसी सहयोग की बात कर रहा था I पार्क में तरह तरह के झूलों की सीढ़ियों पर चढ़ता बच्चा! पीछे वाले बच्चे के साथ सहयोग कर रहा था I आपसी सहयोग से जीवन के सफर में आगे बढ़ने की बात की, सत्यता को सिद्ध कर रहा था I
Seedhiyan Aur Jeevan
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