प्रकृति का मतलब सिर्फ दिखती हुई हरियाली और आकाशगंगा ही नहीं होता, बल्कि इनके ऊपर निर्भर होने वाले अनेक जीव जन्तु भी होते हैं I सब एक दूसरे के ऊपर किसी न किसी तरह से निर्भर रहते हैं I
हर जीव जन्तु की अपनी भाषा, अपनी समझ होती हैI कभी किसी प्राणी को बड़े ध्यान से देखिये और, उनकी body language को पढ़ने की कोशिश करिये I ऐसा लगेगा कि अरे! ये तो सही मायने मे , आपसे बातें करने की कोशिश कर रहा है I
आपने देखा है चींटो को जब घूमते रहते हैं I कभी अगर गलती से उनके ऊपर पैर पड़ गया तो, अपने मुँह को खोलकर डाटते हुये से लगते हैं I उसी जगह पर गोल गोल घूमते रहते हैं I गुस्सा Control नहीं कर पाते I कभी-कभी तो पांव की उन्गलियों मे इतनी जोर से चिपट जाते हैं कि, खून निकाल कर ही दम लेते हैंI मानो गुस्से मे कह रहे हो, भगवान ने दो आँखे किस लिये दी है? उपयोग मे नहीं ला सकते I
सामान्यतौर पर हम बड़े पेड़ों या झाड़ियों के नीचे ही, अपनी गाड़ियों को खड़ा करते हैं I हमे पता भी नहीं होता कि इन पेड़ों पर, कितने तरह के जीव जन्तुओं का बसेरा होता है I आजकल की व्यस्तता वाली जीवन शैली मे, सारा दिन भागते हुये ही निकल जाता है I दिमाग पर जब काम का बोझ थोड़ा कम होता है और, मन थोड़ा हल्का होता है तब आप चीजों को, ज्यादा observative तरीके से देख पाते हैं I
कुछ दिन पहले की ही तो बात है, मैने बड़े आराम से अपनी कार को society से बाहर निकाला I तल्लीन होकर चला रही थी, शाम का समय हो चला था, मेरी बेटी मेरे बगल वाली सीट पर बैठी हुयी थी I चलती फिरती हुई road पर अचानक से उसने बोला मम्मा ! wind screen पर छिपकली I मैने ध्यान से देखा तो बाहर की तरफ से एक गिरगगिट wind screen पर बैठा हुआ था I बड़े आराम से मुफ्त की सवारी कर रहा था I
अपने ऊपर थोड़ा अफसोस भी हुआ कि, हमारे बच्चों को छिपकली और गिरगगिट मे अंतर नहीं पता I window का glass ऊपर कर के मै, driving करती रही I तभी अचानक से गिरगगिट की तरफ नजर गयी, ऐसा लगा मुझसे बोल रहा हो , Hello Ma’am sorry! मै आपको परेशान कत्तई नहीं, करना चाहता I
आप आराम से drive करिये, एक ही society मे रहते रहते बोर हो गया था, सोचा long drive पर चलूं I Delhi वाला हूँ न, जल्दी बोर हो जाता हूँ I आपकी गाड़ी पर ही बैठ गया एक बार फिर से sorry ,उसके चेहरे पर बड़ा confidence था I अचानक से मेरी car speed breaker पर पहुंची I उसके चेहरे का सारा confidence रफूचक्कर हो गया, घबरा सा गया I
बेचारे के चेहरे पर दया के भाव आ गये please please pleaseeee…. ma’am break लगाइये, नहीं तो मै कहाँ जाऊँगा, आपको मालूम भी नहीं पड़ेगा I मुझे बड़ी जोर से गुस्सा आया, एक तो हमारी कार पर सवारी कर रहा है और , मुझे अक्ल सिखा रहा है I
खैर ! कोई बात नहीं, मैने आराम से break लगा कर speed breaker पार किया ,और drive करती रही I वो आराम से wind screen पर बैठा रहा I
बीच मे एक बार मुझे लगा कि, जोर से break लगा कर इसे आगे चलने वाली innova के ऊपर पहुंचा दूँ I लेकिन फिर मैने अपना इरादा बदल दिया, सोचा कुछ देर बाद अपने आप ही अपने रास्ते चला जायेगा I मुझे आश्चर्य इस बात पर हो रहा था कि, 5-6km की दूरी, 60 से 65 की speed पर भी ये फिसल नही रहा है Iऔर गुस्ताखी देखिये, अपना सिर उठा -उठा कर, अगल – बगल आने जाने वाली गाड़ियों की सवारियों को भी, बड़ी दिलचस्पी लेकर देख रहा था I
ऐसा लग रहा था मानो eye tonic ले रहा हो I मुझे हँसी आ रही थी I मैने मन ही मन मे बोला, कोई बात नहीं बेटा! आराम से चकर – मकर देखो, हो तो तुम गिरगगिट ही I रंग बदलना तो तुम्हारा काम है Iखैर हम अपने गंतव्य पर पहुँच गये, मेरा ध्यान गाड़ी से सामान निकालने पर चला गया, वापस wind screen पर ध्यान नही गया I
करीब एक घंटे बाद जब मै वापस आयी, तब भी महाशय मेरी car के wind screen पर ही बैठे हुये थे I ऐसा लग रहा था कि जैसे, मुझसे कुछ कहना चाह रहा है I मैने उससे सख्ती से पूछा बोलो क्या बात है? नहीं तो चुपचाप से मेरी बात सुनो! इससे ज्यादा wind screen की सवारी मै तुम्हें नही करा सकती I
क्योंकि अब अँधेरा हो रहा है I तुम्हारे कारण मेरा ध्यान divert होगा I मै driving पर concentrate नही कर पाऊंगी Iअब बहुत हो चुकी तुम्हारी long drive! तुम्हारा कोई भरोसा नहीं , कहीं कूद कर मेरी driving seat ही share करने लगो I मेरी आवाज मे थोड़ी सख्ती थी I
मैने उसके चेहरे की तरफ देखा, उसने अपने सिर को ऊपर नीचे कियाI फिर से अपना रंग बदला और, बोलना शुरू किया I नहीं ma’am आप मुझे गलत समझ रही हैं I पटर- पटर… चटर- चटर बोले पड़ा था I कोई बात नहीं , मै तो जा ही रहा थाI इतना भी एहसान फरामोश नहीं कि, आपको thanx बोले बिना चला जाऊं I
Thank u ma’am मैने कई बड़ी -बड़ी गाड़ियों के ऊपर भी long drive का मजा लिया है Iआपको ये बात नहीं मालूम.. ma’am! मै South Delhi …..North Delhi…. East Delhi… West Delhi…सब घूम चुका हूँ I
ये बड़ी -बड़ी गाड़ियों वाले बड़े निर्दयी होते हैं speed breaker का भी ध्यान नही रखतेIspeed भी बहुत ज्यादा रखते हैं, turning point पर कई बार तो मुझे ऐसा लगता है कि, मै हवा मे उड़ जाऊँगा, लेकिन भगवान जी बचा लेते हैं I
आपने speed breaker का भी ध्यान रख कर, मेरे लिए safe driving की, और गाड़ियों से तो मै कई बार गिरते गिरते बचाIलेकिन आप की car मे गनीमत रही कि मै wind screen से नीचे नही सरका Iबीच-बीच में अपनी जीभ को बाहर निकाल कर, मच्छरों को खाता भी जा रहा थाI
मैने मन ही मन सोचा कितने positive thought है इसकेIतब तक उसकी आवाज आयी ma’am अब मै चलता हूँ ,नये परिवेश मे, नये माहौल मे, नये दोस्तों के बीच में bye! ऐसा कहते हुये कूद कर झाड़ियों मे खो हो गया I
मै भी अपने घर के रास्ते पर चल दी और, सोचने लगी प्रकृति! जीवन के सफर मे कितना कुछ सिखाती है I
लेकिन नये लोगों के ऊपर विश्वास कैसे होता होगा ,मुश्किल तो होता होगा I धोखा खाने की संभावना ज्यादा होती होगी I
सोचा उसे खोज कर पूछूँ उससे, तुम कैसे भरोसा करते हो I पीछे मुड़कर देखा तो, झाड़ियों मे से झाँक रहा था I Ma’am !Ma’am! मै समझ गया आपके मन की बात ! असल में मै मनुष्य नहीं हूँ न, इसलिये ज्यादा छल कपट नहीं आता I
हँसते हुये बोला, मुझे लोग रंग बदलने वाला बोलते हैं Iआपने भी बोला था, अपने आसपास देखिये I बहुत सारे गिरगगिट मनुष्य रूप मे दिखाई देंगेI मुझे अफ़सोस भी हुआ मनुष्य जाति के ऊपर , सही तो कह रहा है ये ! एक बार फिर से उसकी आवाज आयी, Ma’am! मेरी बातों से परेशान मत होइये, खुश रहिये positive रहिये I
इतनी ज्यादा बातें मैने किसी long drive मे नहीं की I अब मै जा रहा हूँ, आपसे फिर मिलूंगा Iतब तक कुछ अच्छा करिये ,मुझे भूख भी लगी है, और एक बार फिर से गायब हो गया I