November 15,2016
आराम से मिला पका-पकाया भोजन करने मे कितना मजा आता है न । हम स्वाद ले लेकर तृप्त होते रहते हैं । थोड़ी बहुत कमियाँ भी निकाल देते हैं, लेकिन उस भोजन को बनाने से पहले की मेहनत, और तैयारी को हम सभी भूल जाते हैं ।
ठीक वैसे ही जैसे तमाम औषधी गुड़ों को अपने अंदर समेटे हुए, शहद का उपयोग करने से पहले हम ये भूल जाते हैं कि, इस एक चम्मच शहद को तैयार करने मे मधुमक्खियों को कितनी मेहनत लगी होगी ।कुछ दिन पहले की ही तो बात है , आराम से खड़े होकर प्रकृति का नजारा ले रही थी । तभी सामने से मधुमक्खियाँ उड़ती दिखायी दी ।बड़ी तेजी से उड़ी जा रही थी बेचारी ! multistory building की भीड़ मे फूल वाले पौधे खोज रही थी ।
ऐसा लग रहा था मानो एक दूसरे से पूछ रही हों, तुझे मिला क्या कहीं फूलों वाले पौधे का जमावड़ा । दूसरी ने नाक सिकोड़ते हुये बोला, कहाँ यार! यहाँ तो ज्यादातर लोगों ने या तो money plants या तो show plant लगा रखे हैं ।
फूलों वाले पौधे को खोजने के लिये बड़ी मेहनत करनी पड़ती है I तू समझती नहीं है इसीलिये तो slim trim हूँ , बहुत दूर तक जाती हूँ ,फूलों का रस इकट्ठा करने के लिये । थोड़ी देर मे ही तीसरी भी उनके बीच मे कूद पड़ी। अरे यार ! इन कबूतरों के चक्कर मे हमें ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। सारी मधुमक्खियाँ उसकी हाँ मे हाँ मिलाने लगी ।
सही कहा यार तूने अरे! वो देख उस balcony में भी जाल लगा लिया I बड़ी मुश्किल होती है जाल मे घुसकर फूलों का रस लेने मे I अगर ले भी लेती हूँ तो, बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है I मेरा तो दम घुटने लगता है ।
इतनी देर मे 8-10 मधुमक्खियाँ और आ गयी I उनकी बातचीत इतनी जोर-जोर से हो रही थी की ,उसकी भनभनाहट मेरे कानों तक पहुंच रही थी । ऐसा लग रहा था मानो किटी पार्टी से बाहर निकलकर ,एक दूसरे के कपड़े और खाने पर नुक्ताचीनी कर रही हो। जल्दी ही सभा समाप्त हो गयी I
सब अलग-अलग society की तरफ उड़ चली I बेचारी इस बात से बहुत दुखी थी कि लोग , फूलों वाले पौधों की जगह show plant ज्यादा लगाते हैं ।
मै आराम से खड़े होकर उनके हाव भाव को देख रही थी । आसपास के ही किसी फ्लैट के छज्जे से उनका लगाव बढ़ रहा था ।
कल शायद रानी मधुमक्खी आयी थी छज्जा देखने I यहाँ अपना आशियाना बनाना ठीक है कि नहीं , उसने सारी मधुमक्खियों से पूछा? मधुमक्खियाँ अगल बगल उड़ कर गयी, उसके बाद अपनी -अपनी राय रानी को देकर उड़ चली । इनमे से किसी का भी इरादा चमचागिरी का बिल्कुल नही लग रहा था। सब अपनी -अपनी report देकर अपने अपने काम मे लग गयी।
मै भी अपने काम मे लग गयी I शान्त दिमाग से वापस खड़े होने का समय शाम को मिला । फिर से मेरा ध्यान उस तरफ गया जहाँ मधुमक्खियों का जमावड़ा हो रहा था I उनकी भनभनाहट को ध्यान से सुनने की कोशिश करने लगी I
उसमे से एक जो कुछ भी बोल रही थी , उसे सुनकर मै तो चौंक गयी I कान लगाकर उसकी बातों को ध्यान से सुनने लगी, वो बड़े सरल भाव से सारी मधुमक्खियों को बता रही थी । यार तुम लोंगो को मालूम है क्या? मेरी नानी और दादी दोनो ने मुझे ये बात बतायी है । वैसे तो सामान्यतौर पर , नानी और दादी की बातों मे समानता कम ही होती है । लेकिन इस बात के लिये वो एकमत थीं । इसीलिये मुझे उनकी बात पर आँख बंदकर के विश्वास है।
वो कह रही थी , मुम्बई मे बड़े भाई ने जो घर बनाया है न ! उन्होंने हमारे घर से ही उसकी design चुरायी है । दूसरी ने बोला कौन सा बड़ा भाई अरे! तुम्हे नहीं पता वो 1bilion dollars की skyscrapers (गगनचुम्बी) Antilia जो बनी हुयी है । सब झूठे हैं कहते है,Chicago based architect ने design की है ।
लेकिन तुझे मालूम है वो शिकागो वाले आर्किटेक्ट हमारे छत्ते (bee hives) को निकाल कर ले गये थे , फिर अच्छे से देखकर उन्हे बड़े भाई का घर बनाने का ख्याल आया । उस मधुमक्खी की आँखों मे बड़ा घमंड था। हम भी अपना घर कितनी मेहनत से गगनचुम्बी इमारतों के ऊपर बनाते हैंl कितने बड़े -बड़े हमारे छत्ते होते हैंl
हमारे घर के आसपास रखे पक्षियों के पीने के लिये रखे पानी के बर्तन हमारे स्विमिंग पूल होते हैं I बड़े भाई के घर मे भी वैसे ही बनाया हुआ है । हम तो बिना एयरस्ट्रिप के ही ट्रैफिक से दूर अपने घर मे लैंड कर जाते हैं । उन्होंने तो एयरस्ट्रिपभी बनायी हुयी है ।
कितने सारे कमरे होते है न हमारे घर मे उनके घर मे भी same to same और तुझे मालूम है interior भी हमारे घर से चुराया हुआ है।कितना storage space हमारे पास होता है उनके पास भी है ।
बड़े नकलची लोग होते है इस दुनिया मे । सारी मधुमक्खियाँ उसकी बातों से सहमत नजर आ रही थी ।सामान्य इंसान जैसे ही उनकी बातें लग रही थी । सब अपने -अपने विचार रख रही थी , किसी ने बोला यार tailor bird का घर भी इन इन्सानो ने नहीं छोड़ा।उसके जैसा घर भी बनाया है विदेश में । उसमे से कई तो इस लिये परेशान थी कि , कहीं किसी दिन कोई बड़ा businessman हमारा घर ही ,अपने रहने के लिये न निकाल ले जाये ।
बड़ी दैर तक मै उनकी बातें सुनती रही , उनकी ईमानदारी ,मेहनत और बातों की कायल हो गयीI
45 दिन के जीवन मे हमे , कितना कुछ दे जाती है एक मधुमक्खी । सही मे अपने आसपास कीड़े -मकोड़ों की आदतों को ध्यान से देखने से भी , हम अपनी जिंदगी के महत्व को समझ सकते हैं ।
पर्यावरण संरक्षण की सिर्फ बातें ही न करके , पौधों को लगाकर अपना सकारात्मक योगदान तो दे सकते हैं I
सीमित जगह में, कम से कम कुछ फूलों वाले पौधे तो लगा ही सकते हैं ।