यह केवल आज की ही बात नही…
जीवन के धरा पर उतरने से लेकर….
जीवन चक्र चलने तक का ही तो फसाना है….
ज्यादा गूढ़ बातों के फेर मे मत पड़ो तो…
जीवन सिर्फ जीभ के स्वाद और शब्दों के साथ
जीभ के फिसलने और संभलने का खेल है…..
हर इंसान के जीवन में
मन का और जीभ का अद्भुत सा मेल है….
इन दोनो की गहन मित्रता से
सारा जग हैरान और परेशान है……
चिकित्सा जगत के धुरंधरों का भी यही मानना है….
अगर स्वस्थ और खुश रहना है तो…..
मन और जीभ को,दिमाग की बात को
अक्षरश:मानना है……

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विचारों के इसी क्रम के साथ…..
हम भी निद्रा देवी के आगोश मे सो गये….
सोते सोते ही ,मिठाईयों, हरी सब्जियों,सूखे मेवे
के साथ-साथ, स्वच्छ जल के वार्तालाप मे शामिल हो गये…..
जनमानस स्वादिष्ट मिठाईयों और, व्यंजनो को फटकार रहा था……
मिठाईयों के मीठे मीठे से स्वाद को,तीखे शब्दों के बाणों से
भेदता जा रहा था…..
तरह तरह की मिठाईयाँ नज़र आ रही थीं….
उलझी हुयी सी जलेबी, चाशनी मे
डुबकी लगा रही थी…..
छेने की मिठाईयाँ, बड़े गर्व के साथ खड़ी थीं…..
स्वादिष्ट होने की बात को,दूर से ही बोल रही थीं….
रसगुल्लों का बड़ा वृहत सा,साम्राज्य दिख रहा था…..
कहीं राजभोग,कहीं गुलाब जामुन,कही छेने का रसगुल्ला
उछल कूद कर रहा था…
हरी सब्जियाँ, सलाद,फल और सूखे मेवे
खड़े खड़े ही इतरा रहे थे…..
खुद के सबसे ज्यादा उपयोगी होने की बात को
दर्प के साथ बतला रहे थे……

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बोले दिनभर की ऊर्जा को संजोना है तो
हमे साथ मे लीजिये …..
बाकी की चीजों की तरफ से, ज़रा मुख तो फेरिये….
स्वच्छ और शीतल जल था,बोतल के भीतर बंद….
अपने अविरल बहते रहने की बात को, झुठला रहा था…..
बोतल के भीतर से ही मुस्कुरा रहा था…..
बोला!वाटर प्यूरीफायर से निकलकर
बंद बोतलों मे आपके सामने खड़ा हूं…..
जब से स्वच्छ और स्वास्थ वर्धक जल और, बोतलों का साथ हुआ
तब से तरह तरह के ब्रांड से मिला हूं……
प्लास्टिक ही सबसे ज्यादा,जल को प्रदूषित करता है…
देखिये जल को,प्लास्टिक की बोतलों और पाउच के साथ ही
स्वस्थ और स्वास्थ वर्धक भी नज़र आता है…..
नदियों और मीठे जल स्रोत में प्रदूषण की बात को जल
दुखी मन से बोल रहा था …..
व्यायाम शालायें कह लो,या कह लो जिम
व्यंग्य के साथ इठला रहे थे …
बोले,मिठाईयाँ वही है,इंसान भी वही है ….
लेकिन देखिये,अब जमाना बदल गया …..
इंसान पैदल चलना या,अन्य प्रकार के
शारीरिक श्रमों को करना भूल गया ……
ये आधुनिक जमाना है ,आप जैसों की सोच को
मुश्किल पचाना है….
एयर कंडीशनर की शीतल हवा मे ही
पसीना बहाना है…..
मीठा न खाना और,न खिलाना तो
बस एक बहाना है……
असल मे आधुनिकता के इस दौर मे ….
कट्स एंड कर्वस कह लो या…..
सिक्स एब्स का फेर कह लो…..
बस इसी के साथ, सारा जमाना है…..

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