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सैर मुगल गार्डन की

by 2974shikhat March 11, 2019
by 2974shikhat March 11, 2019

Lutyens Delhi,

दिल्ली की सड़क पर ,जब सेंट्रल दिल्ली की तरफ निकलो तो, लुटियंस की दिल्ली ब्रिटिश वास्तुकला के साथ, अपनी तरफ आकर्षित करती है।

दिल्ली के अन्य भाग की तुलना मे,इसभाग मे हरियाली भी, अच्छी खासी नज़र आती है।

राजपथ की तरफ चलिये तो, अपनी भव्यता को दिखाता हुआ,राष्ट्रपति भवन नज़र आता है ।

राष्ट्रपति भवन! केवल अपनी इमारत के कारण ही, भव्य नही नज़र आता है।

Mughal Garden

ज़रा सा ‘नार्थ एवेन्यू ‘ की तरफ का रुख करिये, वहाँ आपको ब्रिटिश वास्तुकला और मुगल वास्तुकला के मिश्रण के बीच मे, प्राकृतिक सुंदरता को दिखाता, ‘मुगल गार्डन’ नज़र आयेगा।

मुगल गार्डन के इतिहास की अगर बात करें तो,राष्ट्रपति भवन के निर्माण की बात को पढ़ना पड़ता है।

‘रायसीना और माल्चा’ दो गांवों की जमीन पर यह भव्य इमारत, इतिहास के पन्नों के अनुसार खड़ी नज़र आती है।

1911 मे जब अंग्रेजों ने भारत की राजधानी ,कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने का सोचा तो,रायसीना की पहाड़ी का चयन, वायसराय हाउस के लिए किया गया।

उस समय तत्कालीन वायसराय, लार्ड हार्डिंग की पत्नी ने वायसराय हाउस मे, भारतीय शैली के उद्यान को बनाये जाने का प्रस्ताव रखा ।

श्रीनगर मे निशात बाग और शालीमार बाग को देखने के बाद,मुगल उद्यान शैली उनके दिमाग मे ऐसी बैठी कि, लुटियंस ने उसको साकार रूप मुगल गार्डन के रूप मे किया।

Mughal garden

वसंत के महीने मे ,एक महीने के लिए मुगल गार्डन, सामान्य जनता के लिए खोला जाता है।

गेट नंबर 35से प्रवेश और निकास की व्यवस्था ,सामान्य जनता के लिए की गई है ।

सोमवार के दिन को छोड़कर, बाकी के दिन यह सुबह के 9 बजे से ,दोपहर के 4 बजे तक दर्शकों के लिए खुला रहता है।

मुगल गार्डन मे प्रवेश नि:शुल्क होता है ,लेकिन कड़ी सुरक्षा जांच के दायरे से होकर,अंदर प्रवेश मिलता है।खाने-पीने की किसी भी तरह की सामग्री, कैमरा,पर्स,छाता जैसी चीजों को, आप अंदर लेकर नही जा सकते।

छोटे आकार के मनी बैग के अलावा ,मोबाइल को अंदर लेकर जाने की, सहज अनुमति मिलती है।

Mughal Garden

देशी विदेशी पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ से,मुगल गार्डन गुलजार दिखता है।

अगर आप प्रकृति के द्वारा दी हुई चीजों से लगाव रखते हैं तो, मुगल गार्डन की सैर ,आपको नई ऊर्जा से भर देगी ।

देश विदेश के रंग बिरंगे फूलों की छटा ,यहाँ पर बिखरी दिखती है।

Mughal garden

 वृक्षों की सघन छाया और ,वृक्षों के तने से लिपटी हुई शाखायें और एरियल रूट्स ,भारतीय लोकतंत्र और सामाजिक व्यवस्था का ढांचा दिखाते हुए से प्रतीत होते हैं।

मुगल गार्डन को देख कर ऐसा लग रहा था मानो !तमाम तरह के फूल और पेड़ पौधे कह रहे हों, बहुत लिख लिया आपने भारत की सांस्कृतिक विरासत की बातों को,बहुत लिख लिया आपने तमाम तरह के ज़ज्बातों को ,खाने पीने की विविधता और स्वाद की!

अब ज़रा मुगल गार्डन की ,खिलखिलाती हुई वनस्पतियों के ऊपर प्रकाश डालिये ।

मुगल गार्डन मुख्य रूप से चार भागों मे बॅटा हुआ है। चारो भाग एक दूसरे से भिन्न और अनुपम है ।

Mughal garden

मुगल वास्तुकला के अनुरूप, नहरों और फव्वारों को वनस्पतियों के बीच, आकषर्क तरीके से बनाया गया है, रंग बिरंगी वनस्पतियों के बीच जल! आँखों को शीतलता प्रदान करता है ।

बनावट के आधार पर चतुर्भुज आकार का बगीचा,लम्बा बगीचा,पर्दा बगीचा और गोलाकार बगीचा दिखाई देता है।

गेट नंबर 35से अंदर प्रवेश करने के थोड़ी देर बाद ही, सबसे पहले औषधीय महत्व के पौधों की क्यारियां दिखाई देंगी।

इन क्यारियों मे गिलाॅय,लेमन ग्रास,तुलसी की अलग-अलग किस्में,रीठा,ईसबगोल,जैतून के अलावा कई औषधीय महत्व के पौधे नज़र आ रहे थे।

इसके बाद आगे बढ़ने पर बोनसाई का बगीचा दिखाई देता है।

बोनसाई को देखकर ,प्रकृति की दी हुई चीजों पर, मानव दिमाग का अतिक्रमण दिखाई देता है।

बड़े बड़े छायादार वृक्ष सिमटे से दिखते हैं,गमलों के दायरे मे ।

सीमित जगह मे अपनी जड़ों और शाखाओं को फैलाते हुए दिखते हैं।

बनावट के आधार पर अगर बगीचों की तरफ नज़र डालें तो

Mughal garden

चतुर्भुज आकार का उद्यान – मुख्य भवन से सटा हुआ है ,और मुगल स्थापत्य के चार बाग शैली का आभास देता है।

Mughal garden

लम्बा उद्यान -इसमे गोलाकार आकार मे तराशी गई झाड़ियों के बीच,खूबसूरत रंगीन पौधों की क्यारियां आकर्षक दिखती हैं।

Mughal garden

पर्दा उद्यान – ऊंची ऊंची दीवारों से घिरा यह उद्यान गुलाबों की क्यारियों के साथ आकर्षक दिखता है।दीवारों के किनारों पर लगे हुये चाइना आरेंज के एक रंग के फल ,और गुलाब के अलग-अलग रंग ,इस उद्यान की सुंदरता बढा देते हैं।

Mughal garden

गोलाकार उद्यान – इसमे सालभर फूल खिलते रहते हैं।

मुगल गार्डन का सबसे खूबसूरत भाग यहीं पर दिखता है

तमाम रंग के फूलों के बीच ,फव्वारे से निकलती हुई पानी की फुहारें और संगीत ,अप्रतिम सौंदर्य का बोध कराते हैं।

गोलाकार उद्यान को देखने के बाद, आप मुगल गार्डन के मुख्य भाग से, बाहर निकल जाते हैं।

कुछ दूरी तय करने के बाद ,खाने पीने की चीजों के स्टाल, पेड़ों की छाँव के नीचे मिलते हैं।

Mughal garden

मुगल गार्डन के बारे मे अगर सोचिये तो, केवल गुलाब की ही 250 से ज्यादा किस्में दिखती हैं

गुलदाउदी की 100 से अधिक किस्में , बोगनविलिया की 50 किस्में ,डेहेलिया के तमाम रंग

Mughal garden

इनके अलावा देशी विदेशी फूलों की किस्में बहुतायत मे दिखती हैं।मुगल गार्डन को देखने के बाद बाहर निकलते समय ,प्रकृति की कलात्मकता और सुंदरता आश्चर्य मे डाल जाती है।

Mughal garden

इंसान कृत्रिम तरीके से कितने भी रंगों को बना ले ,लेकिन प्रकृति के द्वारा दिये हुए रंग अनमोल होते हैं, बेजोड़ होते हैं।

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2974shikhat

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