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Daily LifeShort Stories

सुख दुःख का साथी बिस्कुट

by 2974shikhat October 11, 2021
by 2974shikhat October 11, 2021

लेखन के लिए सामान्य सी ही तो लगती है न यह बात !

ज़रा सी प्रेरणा ,कल्पना की हिलोरों के बीच हिलते – डुलते से शब्द ,चुटकी भर वास्तविकता ,थोड़ी सी उधेड़बुन ,कभी ज्यादा कभी कम समय में अप टू डेट सी मुस्कुराती ,खिलखिलाती , ठहाके या अट्हास करती हुई सी रचना।

हम भी सुबह सुबह कुछ लिखने की प्रेरणा की तलाश में रहते हैं। कभी तो प्रकृति को ज़रा करीब से निहार लिया ,कभी रोज के कामों को निपटाते हुए ही शब्दों को खोज लिया ,कभी घर के साजो सामान से ही बतिया लिया, अगर प्रेरणा मिली तो ठीक नहीं तो, किताबों या लेखों के साथ ही समय बिता लिया।

इसीप्रकार की गतिविधि के समय , अचानक से सामने बिस्कुट आ गया।

तरह-तरह की गोष्ठियों के हमसफर के रूप में अपनी पहचान बता गया ,खरी- खरी बात भी सुना गया। सुबह की चाय के कप के साथ तश्तरी में नजर आने के कारण , हमारी कल्पना को प्रेरित कर गया।

समाज में होने वाले छोटे- मोटे आयोजनों में ,बिस्कुट के योगदान से इंकार नहीं कर सकते। धाम धुड़ूम की आवाजें निकालती कॉफ़ी मशीन ,सामान्य से ठंडी केतली में रखी हुई चाय ,कुरकुरी सी चिप्स और बिस्कुट किसी भी सभा की शान होते हैं।

वैसे मानिये या न मानिये ,बिस्कुट से सामान्य भारतीय का सुख दुःख का बराबरी से रिश्ता है।
सार्वजनिक स्थानों पर ,ट्रेन या बस में यात्रा करते समय ,परिवार के साथ सफर करते हुए, छोटे -छोटे बच्चे नजर आते हैँ। अपनी ऊल ज़लूल फरमाइशों के कारण पिटने या डाट खाने के बाद ,आँखों में आंसुओं का सैलाब लिए हुए बिस्कुट के पैकेट के साथ ,दशकों पहले भी दिख जाते थे, आज भी नजर आते हैँ।

बिस्कुट के कुछ ब्रांड तो ऐसे हैँ जो बजरंगबली के बूंदी के प्रसाद के जैसे ही, लम्बे समय से साथ निभा रहे हैँ।
दूध में डुबो कर खाना है तो खाइये ,चाय कॉफ़ी के साथ ग्रहण करिये। कई भारतीय परिवारों में जल के साथ मीठा परोसने की परम्परा चली आ रही है।

ग्रामीण अंचलों में गन्ने की पेराई के बाद गुड़ को बनाया जाता था। इसमें सोंठ वाला गुड़ ,ड्राई फ्रूट्स वाला गुड़ ,तिल मूंगफली वाला गुड़ बना कर, जल के साथ परोसने के लिए रख दिया जाता था।
आजकल शहरी प्रभाव और सुविधाजनक होने के कारण, बिस्कुट ने वहां पर भी अपना स्थान बना लिया है।

पारम्परिक खान पान को अगर एक तरफ रख कर सोचिये तो, बिस्कुट के बढ़ते हुए रसूख से इंकार नहीं कर सकते। वजन कम करने के खान-पान की दौड़ में भी बिस्कुट का साथ ,खून की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा या अन्य कोई व्याधि , उसके लिए भी बिस्कुट का कोई नया उत्पाद।

अजवाइन ,जीरा ,मेथी जैसे पाचक मसालों की याद दिलाता हुआ बिस्कुट का स्वाद। चॉकलेट से सराबोर ,ब्रेड के साथ जैम तो बिस्कुट के भीतर जैम ,पचास प्रतिशत मीठा तो पचास प्रतिशत नमकीन।
ऐसा हमसफर की मुख के भीतर दांत नदारत लेकिन तब भी बिस्कुट का स्वाद भाता। छोटा बच्चा या बुजुर्ग हर कोई बिस्कुट के पैकेट के साथ नजर आता।

दीपावली के उपहारों में भी अब बिस्कुट नजर आने लगे हैं।
बीते हुए वर्ष में समाचारों के माध्यम से दिखाए हुए चित्रों में, देश के विभिन्न भागों से हुए कामगारों के पलायन के समय , पानी की बोतलें और बिस्कुट के पैकेट साथ में सफर करते हुए दिख रहे थे।

सेवा के भाव से जुटे हुए लोगों ने , बिस्कुट के पैकेट और पानी की बोतलों का दान किया। बेघर और बेसहारा लोगों ने कृतज्ञता के भाव से ग्रहण किया और अपने पैरों को गति दिया।

BiscuitExpressionFood and happinessHuman behaviorRefreshmentSnackssocietyThoughts
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2974shikhat

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