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Daily LifeShort Stories

Time is very powerful समय बड़ा बलवान 

by 2974shikhat October 4, 2017
by 2974shikhat October 4, 2017

​           

बस दो दिन पहले की ही तो बात थी…. गाँधी जयंती हमारे साथ थी…सोशल साइट्स के माध्यम से
                                 याद आ रही थी….

  बचपन से याद की हुई बापू की सारी बातों को तरोताजा
                                     किये जा रही थी…
                  

बुरा मत बोलो,बुरा मत सुनो,बुरा मत देखो को चित्र के साथ याद दिला रही थी….

 अक्टूबर महीने के केलेंडर मे गाँधी जयंती लाल रंग को
 ओढ़े हुए नज़र आ रही थी….

सभी के चेहरे खुशी से खिल गये…..क्योंकि गाँधी जयन्ती सोमवार को होने के
कारण छुट्टी के लंबे दिन मिल गये…

सभी ने अपने अपने चेहरों को, मुस्कान के साथ सजाया…
उत्साह हृदय से निकलकर,सारे वातावरण मे नज़र आया….

 कुछ लोगों ने घर मे ही, आराम फ़रमाया
 वहीँ  कुछ ने अपना सामान बाँधकर, तफरीह के इरादे को
  सफलता पूर्वक निभाया…

  दशहरे का उत्साह और जन्मदिन के अवकाश ने
  आपस मे मिलकर, खुशी को बेइंतहा बढ़ाया…

लोगों की मस्ती चारो तरफ दिख रही थी….
 कहीं भीड़ शहर से बाहर की तरफ तो कहीं माॅल
 या सिनेमा हाल की तरफ खिसक रही थी….

  मै भी उसी भीड़ का हिस्सा थी… घर से निकलकर, बाजार मे जरूरी सामान खरीदने के फेर मे

रुपये मे बैठे हुये गाँधी जी को भी बाजार की सैर करा रही थी…

अचानक से दिमाग मे आया ये ख्याल ,किसी को नही पता होता कि कल क्या
होगा उसका हाल…
.

Spread Positivity

   एक साल पुरानी ही तो बात है…. गांधी जी पुरानी नोटों के साथ घूम रहे थे…..
    देश की समृद्धि और खुशी को अलग रंग की
    नोटों मे मुस्कान के साथ देख रहे थे….

      समय कितना बलवान होता है….
                       एक महीने बाद ही लाकर,भूसे के ढेरों, जमीन के नीचे
                 जाने कहाँ कहाँ, छुपा कर रखी हुयी जगहों से,बाहर निकल रहे थे….

अपनी स्थिति पर,पुरानी नोटें बिसूर रहीं थी… नोट बंदी के कारण , वापस बैंक मे जाने के रास्तों को ढूंढ रहीं थी….
कहीं तेल मे सनी,कही मुड़ी तुड़ी,तो कहीं साफ – सुथरी भी नज़र आ रही थी….

 गहरी साँसें लेकर मैने, नयी नोट के ऊपर, आराम से बैठकर
  मुस्कुरा रहे गाँधी जी की तरफ, सम्मान के साथ देखा….

  बड़े प्यार से नयी नोटों को अपने पर्स के भीतर समेटा…

मन ही मन मे बुदबुदायी….
अब आप कई जयन्तियों तक इन्हीं नोटों पर
 आराम फरमाइयेगा….

 नये नये रंगों की नोटों के चक्कर मे
एक बार फिर से,देशभक्त नागरिकों की तरफ से, मुँह मत मोड़ियेगा…

                     
      

   

Be HappyDemonetisationHuman behaviorIndian SocietyMarket turmoilRestless society
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0 comment

Train Today to Reap Tomorrow October 5, 2017 - 11:46 am

Long weekend to last year…very well expressed!

Mrs. Vachaal October 5, 2017 - 12:45 pm

Thanks 😊

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कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

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