रास्ते हमेशा से मुझे कुछ न कुछ लिखने के लिए प्रेरित करते हैं….
दार्शनिकता के अंदाज से सोचिये तो,हर व्यक्ति यात्री है…
जीवन के रास्तों पर चला जा रहा है….
चलते हुए रास्तों पर कभी ठहरता है….
कभी थकता है,कभी निराशा के साथ, कभी आशाओं के झूलों पर झूलता दिखता है….
कभी तो खुद से प्रेरित होकर चलता है….
कभी दूसरों के प्रेरित करने से, जीवन की राह पर बढ़ा चला जाता है…
ये तो हुई दार्शनिक अंदाज मे कही गई बात !
सामान्यतौर पर यदि रास्तों को देखो तो….
“रास्तों की अपनी ही दौड़ है….
बस! आपाधापी मे आगे बढ़ने की होड़ है…
अगर खुद रास्तों के साथ चलो तो..
ध्यान दीजिए! हर चीज दौड़ती भागती सी नज़र आती है….
रास्तों की साथी समझ मे आती है…
हर रास्ता अपनी ही धुन मे चला जा रहा…
कहीं विचारों को गुनता सा लगा….
कहीं दूसरों के विचारों को, सुनता सा लगा”….
आज का युग,विज्ञान का युग है…..
यह बात हर कोई मानता है,और अपने चारो तरफ विज्ञान के अविष्कार को देखता है …….
यातायात और परिवहन की करें अगर बात !तो तरह तरह के आकार और आकृति की गाड़ियों को विज्ञान ने ही रास्तों पर उतारा है……
दोपहिया, तीनपहिया,चारपहिया वाहनो के अलावा, जैसे -जैसे वाहन का आकार,और सामान ढोने की क्षमता बढ़ती जाती है….
पहियों की संख्या बढ़ती हुई नज़र आती है….
राष्ट्रीय राजमार्ग हों या ,महानगरों और नगरों के भीतरी रास्ते, भारतीयों को तो इस पर दौड़ते भागते वाहन सामान्य से लगते हैं….
लोग अपने तरीके से वाहनो को चलाने,यायात नियमों की धज्जियाँ उड़ाने मे माहिर हो गये हैं….
भारत भ्रमण पर आने वाले विदेशी पर्यटक,रास्तों पर खुद को ज़रा सा असुरक्षित महसूस करते हैं ….
सामान्यतौर पर राष्ट्रीय राजमार्गों पर गाड़ियों को चलाने,गति पर नियंत्रण रखने,ओवरटेक करने के अपने नियम होते हैं…..
लेकिन भारत मे इन नियमों का पालन करते ,कम ही वाहन चालक दिखते हैं…..
नियमों का उल्लंघन, राष्ट्रीय राजमार्गों पर ,आसानी से देखा जा सकता है….
परिणामस्वरूप विदेशों की तुलना मे,भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुर्घटनायें, बहुतायत मे होती हैं….
बड़े आकार के ट्रेलर हो ट्रक हो टैक्सी चालक हो या सरल शब्दों मे कार्मशियल लाइसेंस वाले चालक,नशे के दौरान भी गाड़ियों को चलाते हुए नज़र आते हैं …..
राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनो तरफ बसे हुए लोग गांव, खेत, खलिहानों से निकलकर शहर की तरफ जाने के लिए, इन्हीं राजमार्गों का उपयोग करते हैं…..
लेकिन राजमार्गों पर यात्रा करते समय भी, अपनी ही मर्जी और नियम कानून के मालिक होते हैं….
गलत दिशा की तरफ से आते हुए दुपहिया वाहन,ट्रक,ट्रैक्टर,जानवर,बैलगाड़ी आराम से आपको राजमार्गों की यात्रा के दौरान दिख जायेंगे……
भारतीयों के लिए तो सामान्य सी है यह बात!लेकिन विदेशी पर्यटकों को आश्चर्य के साथ आकर्षित करती है यह बात
तब हम शायद गर्व से यह बात कहते हैं कि, यही हमारा भारत है जनाब !
दूसरी तरफ आप अगर, शहरों के भीतर ड्राइविंग सीट पर हैं तो,आपके अपने अलग ही अनुभव होते हैं..,,,.
सबसे ज्यादा शोर रास्तों पर, गाड़ियों के हार्न का ही सुनाई पड़ता है…..
महानगरों मे तो फिर भी आप हार्न का उपयोग, जरा सा संभाल कर करते हैं……
लेकिन छोटे शहरों और कस्बों मे चलने वाले वाहनों के अलावा, राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलती हुई गाड़ियाँ,अपनी अलग-अलग पिच पर बजने वाले हार्न से ,आगे बढ़ने का रास्ता खाली करती दिखती हैं…….
दुपहिया वाहनों का अपना अलग ही अंदाज है……..
कानफोड़ू सी आवाज निकालने के बाद, अपनी रफ्तार से आगे बढ़ने वाली राॅयल इनफील्ड! वाहन चालक को भी पावर देती हुई सी लगती है,और युवाओं की पसंदीदा गाड़ी होती है…..
अनेक कंपनियाँ बुलेट की तुलना मे,अपने अपने उत्पादों को आकर्षक ढंग से रास्तों पर उतारने के लिए,प्रयत्नशील दिखती हैं……
रास्तों पर चलने वाली गाड़ियों की भीड़, चाहे वो रिक्शे हों,आॅटो हो ,मोटरसाइकिल,ट्रक कार ,जीप अपनी मदमस्त चाल मे चलती हुई बस हो……
रास्तों पर बिना हार्न के शायद ही दिखती हैं
बड़े आकार की गाड़ियाँ ! अपने बेसुरे से हार्न से, छोटी गाड़ियों को डराती सी लगती हैं..….
पुराने समय की बात को अगर सोचो तो, आवागमन के ज्यादा साधन उपलब्ध नही थे…….
घोड़ा गाड़ी, पालकी ,रथ,तांगा या बग्घी मे जुते हुए जानवरों के गले मे बंधी हुई घंटिया, घुंघरू
या इंसानों के मुख से निकलने वाले, बोल या गीत ही शायद! हार्न का काम करते थे……….
जानवरों और इंसानो के कान,आसानी से इन आवाजों को सुनकर रास्तों को खाली करते दिखते थे…….
आज के समय विज्ञान के साथ,विकास के युग मे,पुराने समय से तुलना करना अनुचित सा लगता है…..
लेकिन! हार्न और गति का शोर…..
यातायात नियमों की धज्जियाँ उड़ाते लोग…..
रात के अंधेरे मे ट्रेफिक पुलिस का, वाहन चालकों के नशे मे होने की जाँच करने केलिए लगाए गए बैरीकेट्स!…..
इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि…….
भारत मे रास्तों पर चलना, विदेशों के समान आसान नही…..
ज़रा सा यातायात के नियमो का पालन करिये……
सुधरती हुई यातायात व्यवस्था के साथ गर्व से कहिये “यही हमारा भारत है ज़नाब “…..