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यात्रा “भारत पर्व” की

by 2974shikhat February 1, 2019
by 2974shikhat February 1, 2019

“शहर ए दिल्ली” का मिज़ाज भी बदलता रहता है

नये साल के साथ, सर्द मौसम मे देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत,दिल्ली शहर दिखता है

कई दिन पहले से ही ,अगर आप इंडिया गेट की तरफ जाइये तो,राजपथ के आसपास गणतंत्र दिवस की परेड के पहले होने वाली, सुगबुगाहट महसूस होती है….

हमारा शहर, गणतंत्र दिवस के उत्सव के समय खुद को, गौरवान्वित महसूस करता है….

राष्ट्रीय पर्व को मनाने के लिए,पूरा दमखम सरकारी विभागों का दिखता है….

गणतंत्र दिवस की परेड और झांकियों को देखने के लिए लोंग, भोर से ही राजपथ पर एकत्रित होना शुरू हो जाते हैं……

अमर जवान ज्योति पर, शहीदों को पुषपांजलि अर्पित करने के बाद,उत्सव अपने जोश के साथ दिखता है…..

तमाम देशी विदेशी अतिथियों के अलावा, बहादुर बच्चों के साथ, राजपथ गुलजार हो जाता है…

Bharat parv

अगर आप ने किसी भी कारणवश ! गणतंत्र दिवस की परेड के साथ झाँकियों को नही देखा,तो कोई बात नही…

चलिए! लाल किले के प्रांगण मे आयोजित “भारत पर्व”उत्सव मे…..

लाल किले की सैर हमने कई बार की!

वहाँ की ऊंची ऊंची दीवारों से की गई बातों को,अपनी कविताओं और कहानियों मे ढाला…..

मुगलिया संस्कृति और वास्तुकला की कलात्मकता को भी, अपने शब्दों का साथ दिया…..

इस बार की हमारी लाल किला की सैर,उसके बाहरी प्रांगण तक ही सिमट गई ……

Bharat parv

ऊंची-ऊंची दीवारें और किले की प्राचीर!शांत खड़ी होकर अपना मनोरंजन भारत पर्व महोत्सव के द्वारा कर रही थी….

ऐसा लग रहा था सत्रहवीं शताब्दी का बना हुआ लाल किला भी, भारत पर्व को देखकर गर्व महसूस कर रहा हो…

किसी समय देश की राजधानी का शक्ति केंद्र, आज अपने आस-पास पूरे भारत को समेट कर खुश हो रहा हो…..

पर्यटन मंत्रालय,अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के साथ राज्य सरकारों के सम्मिलित सहयोग से आयोजित भारत पर्व का यह चौथा संस्करण था 

जो 26जनवरी से लेकर 31दिसंबर तक, लाल किला के बाहरी परिसर मे आयोजित दिख रहा था…..

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य! अपने देश के प्रति गौरव और राष्ट्र प्रेम की भावना विकसित करना रहा है…..

Bharat parv

सुरक्षा जांच के बाद अंदर प्रवेश करते ही, गुजरात मे स्थापित “सरदार पटेल” की प्रतिमा “स्टेच्यु ऑफ युनिटी” की प्रतिमूर्ति आपको दिखेगी….
एक कतार से आपको, अलग-अलग प्रदेश और मंत्रालयों के साथ-साथ,सामाजिक जागरूकता से संबंधित झांकियाँ महात्मा गाँधी के मार्गदर्शन मे दिखाई देंगी…..

महात्मा गाँधी की 150वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य मे,इसबार का मुख्य थीम महात्मा गाँधी को बनाया गया था…..

कहीं स्वच्छ भारत के साथ, गाँधी जी दिख रहे थे तो कहीं ,भारत छोड़ो आंदोलन के साथ तो कहीं योग और ध्यान की बात के साथ…..

Bharat parv

हर प्रदेश अपनी कला और संस्कृति का प्रर्दशन अपने लोकनृत्यों, कपड़ों के स्टाॅलों और फूड स्टाॅल के जरिये करता हुआ दिख रहा था…

झाँकियों के खंड से आगे बढ़ते ही ,सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतीकरण के लिए सजाया गया,बड़ा सा मंच सामने दिखता है…

इस मंच के ऊपर हर राज्य के कलाकार, अपने अपने लोक गायन और नृत्यों को ,प्रस्तुत कर रहे थे…

Bharat parv

यहाँ आप अच्छा खासा समय ,दूसरे प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को समझने मे, बिता सकते हैं……

इसके बाद तीसरा खंड आया,जहाँ मुख्य रूप से खाने पीने के हर राज्य के, स्टाल सजे दिखते हैं…

इसके अलावा तीन चार ,छोटे छोटे मंच पर कार्यक्रम होते हुए दिख रहे थे….

कहीं प्रश्नोत्तर के साथ ईनाम हाजिर था ….

कहीं बच्चों का धमाल दिख रहा था….

कहीं युवा छात्र और छात्रायें अपनी स्वर लहरी बिखेर रहे थे ….

वहीं थोड़ी दूर पर ही, ढोलक की मधुर थाप के साथ कठपुतलियों का नृत्य, आकर्षित कर रहा था…..

एक मंच दर्शकों को,अपनी मधुर आवाज के साथ,अपनी तरफ खींच रहा था….

कभी “मेरे देश की धरती सोना उगले”तो कभी “ये देश है वीर जवानो का”के साथ लोंग थिरकते हुए भी दिखे….

मेरे विचार से सबसे ज्यादा मुग्ध! या तो लाल किले की प्राचीर दिख रही थी,या छोटे बच्चे !

इनके अलावा भी हर कोई उमंग और उत्साह के साथ, “भारत पर्व” को जी रहा था….

Bharat parv

एयरफोर्स का बैंड अपने साजो सामान के साथ खंड एक मे झाँकियों के पास ही एक मंच से अपनी प्रस्तुति दे रहा था….

बार्डर पिक्चर का “संदेशे आते हैं”की धुन बजते ही,मस्तक एक बार फिर से ,शहीदों के सम्मान मे झुक गया….

चारो तरफ मुस्तैद वर्दीधारी ,चाहे वो भारतीय सेना के रक्षक हों या, दिल्ली पुलिस के सजग प्रहरी!

अपने-अपने दायित्व को निभाते हुए दिख रहे थे…..

रात का अंधियारा छाते ही सारा परिसर ,चमकीली रोशनी मे नहाया हुआ सा नज़र आ रहा था…

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तब समझ मे आया कि, ऊंचे-ऊंचे पेड़ों ने भी खुद को सजाया हुआ था….

लाल किले की गंभीरता को देखकर, मै भी विचारमग्न हो गई ….

खुद भी देशप्रेम और राष्ट्र गौरव की भावना से जुड़ती चली गई….

राजस्थान के फूड स्टाॅल से, प्याज और मावे की कचौरी को पैक कराने के लालच से, खुद को नही रोक पायी …..

अगर आप खाने के शौकीन हैं तो, इस तरह की जगहों पर समझ मे नही आता कि, किस स्टाॅल पर कुछ खाया जाये….

जब खाने की चीजों मे विविधता दिखती है तो,संशय होना लाज़मी है…..

वापस लौटते समय हमने, मध्य प्रदेश के मुरैना से आये चाय विक्रेता की, तंदूरी चाय का स्वाद लिया…..

Bharat parv

बेहतरीन स्वाद और आकर्षक तरीके से बनी हुई चाय को, कुल्हड़ मे लेकर हम परिसर से बाहर चल पड़े ….

भारतीय गौरव,अतुल्य भारत,भारत पर्व उत्सव की स्मृतियों को इंडिया शब्द के साथ नही!

भारत शब्द को मन और मस्तिष्क मे संजोये हुए….

Bharat parv

 

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Abhay February 1, 2019 - 1:28 pm

Last year I was there.

Shikha February 1, 2019 - 1:37 pm

हमारा जाना पहली बार हुआ था…भारत सरकार का अच्छा प्रयास है… अपनी कला और सांस्कृतिक विरासत को सामने लाने का 😊

Abhay February 1, 2019 - 1:39 pm

जी बिलकुल, पिछली बार मेरा भी पहला अवसर था. 🙂

Manisha Kumari February 4, 2019 - 3:28 pm

आपके लेख के माध्यम से घर बैठे भारत पर्व देख लिया। और अगले वर्ष वहां जाने की लालसा भी जाग गई है।

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कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

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