‘साहित्य अकादमी’ द्वारा पुरस्कृत उपन्यास ‘दारा शिकोह’ उपन्यास से प्रेरित होकर लिखे,तीसरे संग्रह “मुगलशाही में हिंदुस्तान ,यात्रा और व्यापार “
शीर्षक दिया गया है।
संग्रह में लिखे हुए सारे किस्से और कहानियाँ ,इस उपन्यास से प्रेरित होने के बाद विस्तार पायी है।
‘ चिट्ठी इंग्लिस्तानी राजदूत की कंपनी बहादुर के नाम ‘
हिंदुस्तान हमेशा से ही विदेशियों के कौतूहल का विषय रहा है। इतिहास के पन्नों को पलटने पर इसके प्रमाण मिलते हैं।
कभी पुर्तगाली मुसाफिर तो कभी इंग्लिस्तानी व्यापारी ,कभी कला सभ्यता और संस्कृति के पारखी, तो कभी खुद को समृद्ध करने के उदेश्य से आये हुए विदेशी।
एक उल्लेख आता है की ‘डॉक्टर ब्रॉउटन’ जो इंग्लिस्तानी राजदूत हैं। अपने देश के व्यापारियों के हाथ से कम्पनी बहादुर को एक चिट्ठी भेज रहे हैं। जिसमे लिख रहे हैं की —
“आज मुझे यह याद नहीं है कि हिंदुस्तान में मेरा वास्तविक कार्य क्या है ? क्या मै एक डॉक्टर हूँ ?या ईस्ट इंडिया कंपनी कि स्वार्थ रक्षा हेतु नियुक्त किया गया हूँ। मेरा पद मेरी भूमिका क्या है यह बात लंदन के दफ्तर ने स्पष्ट नहीं की है।”
“एशिया का नक्शा देखो तो यह समझ में आता है की , हिंदुस्तान का ज्यादातर हिस्सा उपजाऊ है। इन सबमे सबसे ज्यादा उपजाऊ है बांग्लादेश। यहाँ जितनी तरह की खेती होती है शायद विश्व में कहीं नहीं होती होगी।”
“रेशम और नील का उत्पादन तो बहुत अच्छा है। हिंदुस्तान के ज्यादातर सूबों में अच्छी खेती -बाड़ी होती है। कारीगर तरह तरह के गलीचे ,कालीन ,सोने चाँदी के कामदार कपड़े बनाते हैं,और दुनिया भर के बाजारों में बेचते हैं।
हमें इस बात पर ध्यान देना है कि उलन्दाज़ ,अंग्रेज,पुर्तगाली जहाज जो भी हिंदुस्तान में व्यापार करने जाते हैं, वो सोने के बदले में ही सामान खरीदते हैं।”
एशिया में नियम है कि ,किसी सम्मानित व्यक्ति से मिलने खाली हाथ नहीं जाते। जिस दिन मैंने मुग़ल बादशाह का चुन्नौटी अंगरखा छुआ था। उसी समय मुझे उनके सम्मान में आठ अशर्फियाँ गिन कर लेनी पड़ी थीं। इसके अलावा एक कटार की खोल और एक हत्थेदार छूरा देना पड़ा था एक उमराव को। यह उमराव वही व्यक्ति होता है जो ,शाही हकीम की माहवार तनख्वाह मुक़र्रर करता है।
“दुनियाभर का सोना चाँदी घूमते – घामते फिर हिंदुस्तान वापस लौटआता है। उसके बाद न जाने किस गुफा में गायब हो जाता है। वैसे यहाँ कि महिलाओं को सोने के जेवर पहनना बहुत पसंद है । हिंदुस्तान अपना सारा लेन – देन सोने के बदले में ही करता है।
मै कंपनी बहादुर का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहा हूँ।”