रोज की दिनचर्या अलग सी होती है न बात !
कभी मान – मनुहार तो कभी तक़रार।
कभी तीखे से निकले शब्द या बोल ,कभी चाशनी में लिपटे से छंद या तोड़।
सुबह से ही शब्द मान – मनुहार दिमाग में हलचल मचा रहा था ,लेकिन साथ में तक़रार शब्द भी उछलता कूदता चला आ रहा था।
मानव मन भी बड़ा विचित्र सा ! सुख है तो दुःख भी , परिश्रम है तो कामचोरी भी ,निराशा तो आशा भी ,कठोरता तो कोमलता भी।
हर दिन अलग -अलग भावों और परिस्थितियों के साथ।
बात मान – मनुहार से शुरू हुई तो सबसे पहले ,रसोई की तरफ नज़र फिरी। स्वादिष्ट व्यंजनों का काल्पनिक मान – मनुहार सामने आ रहा था लेकिन दिमाग तक़रार करके, रायता सा फैला रहा था। गर्मियों की शुरुआत से ही रसोई में ,रेफ्रिजरेटर के खुलते ही शीतल हवा असीम सुख
का बोध कराती है।
आइसक्रीम का मान -मनुहार दिमाग भी , स्वीकार करता लग रहा था। हरी – हरी सब्जियां , छाछ और फल अपनी आँखों की पुतलियों को फैलाकर देख रहे थे ,दबे शब्दों में ही सही लेकिन आइस – क्रीम के ऊपर तंज कस रहे थे।
रसोई की सीमा रेखा के भीतर प्रवेश करते ही व्यक्ति को ,खुद से ही लड़ना पड़ता है। कभी मान -मनुहार को स्वीकार तो कभी ,अस्वीकार करना पड़ता है।
बच्चा हो ,युवा हो या हो बुजुर्ग आजकल , मोबाइल फ़ोन के मान – मनुहार के कायल हो गए हैं। चलती फिरती रोड हो ,सार्वजनिक स्थल हो या हो ड्राइविंग सीट की सवारी ,मोबाइल फ़ोन की बात सुनते और पुचकारते हुए लोग नजर आ जाते हैं।
मोबाइल फ़ोन के हाथ में आते ही इंसान ! मानसिक रूप से गुमशुदा।
आख्यान -व्याख्यान की सभा हो , या हो सुख दुःख की बात , यदि मोबाइल फोन म्यूट नहीं तो तरह -तरह की आवाजें निकालकर मान मनुहार करता समझ में आता। सोशल मीडिया पर उपयोगी कंटेंट के साथ – साथ अनुपयोगी और फूहड़ कंटेंट की भरमार। शब्दों में भावनाएं नहीं व्यक्त हो रही तो ,इमोजी की चाक चौबंद सी व्यवस्था।
दैनिक जीवन में कितना बतियाये ,कितने शुद्ध तो कितने अशुद्ध बोल। कितना पाप कितना पुण्य इसका हिसाब किताब रखने वाला कोई मोबाइल एप , शायद अभी तक नहीं बना है।
रोज के जीवन में फिटनेस और तक़नीक़ी के उत्तम जोड़ की , दुनिया कायल है। मोबाइल फ़ोन के द्वारा तमाम फिटनेस एप, मान मनुहार करते नजर आते हैं। स्टेप काउंट के चक्कर में व्यक्ति खुद से ही प्रतिद्वंदिता करते दिख जाते हैं।
स्वास्थ सम्बन्धी सेवाओं का विस्तार ,शरीर को चलाते रहो और उत्तम स्वास्थ्य पाओ का तार्किक फलसफा ! व्यक्ति को जीवन में प्रोत्साहित करता जाता है।
मोबाइल फ़ोन जैसे बातूनी उपकरण का मान -मनुहार और तक़रार ! रोज के जीवन में कुछ प्रतिशत ही सही , स्वस्थ जीवन की राह पर मोड़ता हुआ सा भी नजर आता है।