हर किसी के जीवन मे,कभी न कभी मुश्किलें आती हैं
राजा हो या रंक हो,किसी न किसी रूप मे
हर किसी को सताती हैं
चलता हुआ ,भागता हुआ, प्रतिस्पर्धा करता हुआ जीवन
चारो तरफ दिखाई पड़ता ।
जीवन की राह मे अगर गिरो तो गिर कर
उठने की हिम्मत तो रखो ।
दुनिया नाकाम कोशिशें करती रहेगी ,गिराने की बार बार ।
खुद पर विश्वास और मजबूत इरादा तो रखो ।
उठ गये!खड़े हो गए! किधर देख रहे हो?
चाहिये क्या सांत्वना के दो बोल ।
सबसे पहले खुद को सांत्वना देना तो सीख लो ।
खुद की आत्मा से बातें करने की, हिम्मत तो रखा करो ।
झाँक लिया अगर,खुद के ही भीतर ज़रा नज़दीक से
दुनिया की तरफ मायूसी से देखना न पड़ेगा ।
दूसरों के गिरने पर आवाजें आती हैं ठहाको की ।
अगर बंद कर सको तो,कर लो बंद कानो को
फेर लो,कुटिल मुस्कान से निगाहों को ।
क्या हुआ ,भर आती हैं आँखें असफलता पर बार बार?
आँखों मे तिनका समझ कर पानी के छींटो से
आँखों को धोना होगा ।
अब, मत मचाया करो रुन्दन ,क्रन्दन
जमाने को तो, हमेशा चाहिये होते हैं
तरह तरह के मनोरंजन ।
खुद को करो इतना मजबूत कि
बदल जाये इरादा भी जमाने का ।
मत गिराना कभी अपने आप को
खुद की ही नज़रों मे ।
आत्मा गिराती है कभी, तो हमेशा अनजानी राहों मे
भटकाती है ।
आँखें उठाकर चलना भी भुला देती है ।
डुबोना मत कभी खुद को बुरी आदतों के दरिया मे
बुरी आदतें आती बड़ी जल्दी से
लेकिन वापस जाने मे मजबूत इरादों वाले इंसानो
को भी तोड़ देती हैं ।
कोशिश तो करो खुद को सँभालते हुएआगे बढ़ने की ।
गिराने वालों की भीड़ मे भी मिलेंगे अनजाने,अनदेखे
हाथ रास्ता दिखाने के लिए ।
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Truth and motivational!
Thanks for your appreciation 😊
आपका यह ब्लॉग प्रेरणादाई है।
आपको प्रेरणादायी लगा उसके लिए धन्यवाद😊