Daily LifeShort Stories बेटियाँ कोमल एहसास by 2974shikhat August 24, 2018 by 2974shikhat August 24, 2018 हमारा देश विकास के पथ पर आगे बढता जा रहा है….. विकासशील देश की श्रेणी से,ऊपर उठकर….. विकसित देश की श्रेणी मे आने के लिए….. पुरजोर कोशिश करता हुआ नज़र आ रहा है….. अभी भी आश्चर्य मे डालती हैं कई बात….. सिर्फ अनपढ़ और गरीब तबके के नहीं हैं इस तरह के विचार….. संतान के रूप मे… बेटे ही होते हैं,अधिकांशत: भारतीय परिवारों की चाह….. पढे लिखे विचारशील समाज मे भी….. लड़के और लड़कियों के जन्म दर मे आँकड़े, असंतुलित नज़र आते हैं….. सुरसा की तरह मुँह फाड़कर खड़ा यह असंतुलन…. नारी के प्रति सम्मान की बात को झुठलाता दिख जाता है…… शिशु हमेशा शिशु ही होता है…… बचपन की कोमलता,खिलखिलाहट,उछलना कूदना,प्यार और देखभाल करते समय….. कैसे परिवार बेटे और बेटी मे अंतर कर पाता है…. भारतीय समाज मे आपसी बातचीत के दौरान उपयोग मे आने वाले…. मुहावरे,लोकोक्तियाँ या आर्शिवाद हमेशा मेरा ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं…… “दूधो नहाओ पूतो फलो”जैसे आर्शिवाद….. बड़े बुजुर्गों के मुख से सुनायी पड़ते हैं….. बेटियाँ तो कोमल एहसास सी होती है….. गर्भ मे असमय होने वाली कन्याओं की मौत….. पढ़े लिखे समाज की विकृत मानसिकता को दिखाती है…. बेटियों की मुस्कान उनकी पहचान होती है….. जीवन को जिंदादिली से जीने की चाहत उनकी शान होती है…. फिर क्यों समाज से जुड़े परिवार…. परिवार से जुड़े अभिवावक…. बेटियों को असमय ही मौत की नींद सुला देते हैं… शायद वहाँ पर पुत्र मोह…. संतान मोह के ऊपर, भारी पड़ता नज़र आता है…. ज़रा सा प्यार,दुलार और देखभाल…. बेटियों के आत्मविश्वास को बढ़ा देता है…. कुछ सार्थक करने की चाह और उत्साह को जगा देता है…. समय रहते समाज परिर्वतन की बयार महसूस कर रहा है…. बेटियों के प्रति लाड़ दुलार के साथ-साथ नारी के प्रति सम्मान चाह रहा है…. Be HappyBeti bachao Beti padhaoDutyEncouragementHuman behaviorLove and careParentingpositivitySave girl childsociety 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail 2974shikhat previous post जुबाँ समाज की next post “गपशप” You may also like समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति October 26, 2024 पुस्तकालय August 10, 2024 लोकगाथा के साथ सोन और नर्मदा नदी (भाग... April 23, 2024 लोक गाथा के साथ सोन और नर्मदा नदी April 3, 2024 बातें गुलाबी जाड़ा के साथ December 13, 2023 जय चंद्रयान 3 August 24, 2023 प्रकृति का सौम्य या रौद्र रूप और सावन... August 5, 2023 कहानी मोती की January 12, 2023 HAPPY NEW YEAR सुस्वागतम नववर्ष January 10, 2023 ठहरो बच्चू जी August 5, 2022 0 comment pankajchandnani August 31, 2018 - 5:32 am अच्छा लेखन
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अच्छा लेखन