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बात दिये की

by 2974shikhat October 27, 2019
by 2974shikhat October 27, 2019

अनंत व्योम मे, एक दिया जगमगा रहा था…..

भोर की अरुणिमा के साथ…

सूरज की चमक कहला रहा था…..

दिन बीता तो रात मुखर हो गयी…..

देखते ही देखते स्याह काले आकाश मे….

चाँद और तारे की चमक व्याप्त हो गयी…..

बात अगर भारतीय संस्कृति की करिये तो….

सूर्य को दीपक और, अग्नि का प्रतीक माना गया है….

प्रेरणादायक लगती है यह बात…..

नन्हा सा दीपक दिनकर की अनुपस्थित मे…..

अंधेरे पथ को आलोकित कर देता है…..

प्रकाश और दिये का अद्भुत संबंध होता है…..

सृष्टि के आरंभ से ही….

सूर्य के साथ साथ चंद्रमा और तारों ने भी….

बखूबी अपनी भूमिका निभाई है…..

खुद चमक कर जीवन को राह दिखायी है…

पास आता हुआ दीपों का त्योहार…..

मन को उमंग और उत्साह से भर देता है …

सच मायने मे कच्ची माटी को…..

दीपों मे ढाल कर….

रोशनी का माध्यम बना देता है….

Expression

नन्हे से दीपक की लौ…..

सकारात्मक सी लगती है….

ऐसा लगता है,मानो….

अंधेरे को दूर करने के उद्देश्य से ही जलती है….

तमाम लोकगाथाओं और, पौराणिक कहानियों मे…

दीपों के अस्तित्व से जुड़ी….

अलग-अलग गाथायें सुनायी पड़ती हैं…..

ये दिये भी,कभी आस्था और विश्वास के बीच…..

तो कभी उमंग और उत्साह के साथ….

अपनी रोशनी को बिखेरते हैं…..

रात के अंधेरों मे…..

नदियों की लहरों पर…..

जल के बहाव के साथ,बहता हुआ दिया हो……

या घरों की देहरी या दीवारों को, रोशन करता हुआ दिया हो….

या मंदिरों मे आस्था और, विश्वास की रोशनी का दिया हो…..

जीवंत सा लगता है…..

ध्यान से देखने पर दीपक भी…..

बोलता हुआ सा लगता है……

AsthabhaktidiwaliExpressionfaithFeeling of positivityfestival of lightsIndian society and cultureinspirationThoughts
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2974shikhat

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Madhusudan November 7, 2018 - 5:44 am

Khubsurat rachna….Diwali ki hardik shubhkamnaye……Maa Lakshmi aapko sukh,samridhi aur shanti pradaan karen.

Shikha November 7, 2018 - 5:49 am

धन्यवाद …. स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि के साथ दीपों का त्यौहार, आप और आपके परिवार के लिए शुभ और मंगलकारी हो

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कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

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