MotivationShort Stories बात कागज और कलम की by 2974shikhat September 28, 2018 by 2974shikhat September 28, 2018 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आधुनिक और विकसित दुनिया मे….. कुछ लिखने की चाह मे कल्पना की उड़ान के साथ….. हमे कागज पर लिखना पसंद है….. सामने रखा हुआ कागज खुशी से उछल पड़ता है…. जब मेरे हाथों मे, शब्दों को उगलने के लिये कलम देखता है….. दिमाग मे विचारों की कड़ियाँ आपस मे मिलने जुलने लगती हैं….. जब उंगलियों के साथ मिलकर कलम हमारे विचारों से जुड़ने लगती है..,. सोचती हूं,जल्दी से विचारों के धागों को चुन लूं…. लाल,नीले,काले,हरे रंग की स्याही से कोई कविता या कहानी बुन दूं…… कभी-कभी दिमाग उलझाता है…. कागज और कलम को, एक तरफ रखकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ दोस्ती निभाने की बात समझाता है…… तब सोचती हूं,कागज पर लिखना छोड़ दूं…… अपने विचारों को लिखने के लिये इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के, की पैड की तरफ खुद को मोड़ दूं..,,,. विचारों की श्रृंखला वहीं टूट जाती है..,..,. कलम भी हमारे विचारों को समझकर रूठ जाती है…… कुछ पलों के लिये ही सही इधर उधर गुम हो जाती है……. ज़रा सा मान मनौव्वल पर मान जाती है….. कागज तो शांत होकर देखता है…… मेरे विचारों से खुद को अनभिज्ञ सा रखता प्रतीत होता है….. शायद पता है उसे….. जैसे ही पास मे हमारे शब्दों का सैलाब आयेगा.. मोबाइल, टैब,लैपटॉप सब पास मे बैठकर निहारेगा……. उगलते हुये शब्दों के वेग को कागज ही सँभालेगा…… ऐसा नही है कि, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का साथ पसंद नही…… उंगलियों को कीपैड पर थिरकना पसंद नही…. कहानी हो या कविता, या अन्य किसी भी विधा मे हमारे भाव…. कागज पर उतरने मे ही दिखाते हैं,चाव…. जब करनी होती है ,कविता और कहानियों को लंबी दूरी की सवारी…. तब आती है इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बारी….. आधुनिक तकनीकि के इस दौर मे….. सफलता के लिये, आँखों को बंद करके भागने की होड़ मे….. लेखकों के भाव को,कागज और कलम…. आज भी, तमाम तरह की विधाओं के जरिये समाज के सामने ला रहे हैं…. इमानदारी से अपने कार्यों को पूरा करते जा रहे हैं….. ExpressionHappinessLanguagePen and paperpositivityPractice and learningStruggleThoughtsWill powerwriter 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail 2974shikhat previous post सजी सँवरी सी, माॅल की दुनिया next post उलझा हुआ सा सवाल,यात्रा के दौरान परिधान You may also like कथा महाशिवरात्रि की February 25, 2025 सैरऔर चिर परिचित चेहरे February 4, 2025 बदलेगा क्या हमारा शहर ? January 23, 2025 समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति October 26, 2024 पुस्तकालय August 10, 2024 लोकगाथा के साथ सोन और नर्मदा नदी (भाग... April 23, 2024 लोक गाथा के साथ सोन और नर्मदा नदी April 3, 2024 बातें गुलाबी जाड़ा के साथ December 13, 2023 जय चंद्रयान 3 August 24, 2023 प्रकृति का सौम्य या रौद्र रूप और सावन... August 5, 2023 0 comment कुछ सच, कुछ भावनाएं , कुछ विचार व नजरिया September 28, 2018 - 6:05 pm mai es baat se sahmat hu pankajchandnani September 29, 2018 - 5:55 am Achha lekh, Modern Life ke hamari jindagi me asar par achhi lines Shikha September 30, 2018 - 7:14 am धन्यवाद 😊
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mai es baat se sahmat hu
Achha lekh,
Modern Life ke hamari jindagi me asar par achhi lines
धन्यवाद 😊