रोज के जीवन मे,आपसी बातचीत का
अलग ही महत्व होता है
बातचीत मे, तरह -तरह के शब्दों का
उपयोग होता है ।
हिंदी भाषा के शब्दकोष की बात करें
या अन्य देशी, विदेशी भाषा की
शब्दों की दुनिया भी, वृहत सी होती है ।
शब्दों से गुथे हुए वाक्य,बातचीत के समय
व्यक्ति की जिज्ञासा को बता देते हैं ।
क्या?क्यों?कैसे?कहाँ?किसने?किससे?कौन ?
शब्दों के प्रयोग से ,सुनाई पड़ते हैं समाज मे प्रश्न ।
प्रश्नवाचक शब्द , प्रश्नवाचक चिन्ह ? के साथ
अपने आप मे ही उलझे होते हैं ।
वाक्य के साथ उपयोग मे आते ही
सवाल के जवाब के लिए
सामने खड़े होते हैं ।
विद्वानों ,ज्ञानियों ,बड़े बुजुर्गों या कहो ,सयानों ने
हमेशा से कही है,यह बात ।
ज्ञान बढ़ाना है ,तो करनी होगी जीवन में
प्रश्न पूछने की शुरुआत ।
कोई भी विषय हो,प्रश्न को हमेशा ही
अहमियत देता है ।
बात अगर विज्ञान विषय की करो तो
क्या ?क्यों? कैसे? के सिद्धांत मे ही
सारा विज्ञान समाया होता है ।
प्रश्न के जवाब के साथ ही, हर क्षेत्र मे
प्रगति के साथ
विज्ञान का विकास दिखता है ।
इतिहास विषय की अगर, बात करें तो
कहाँ? कब?और क्यों? इन तीन शब्दों के बीच मे
सारा इतिहास पढ़ा जाता है ।
किसी भी देश या नगर का इतिहास
सभ्यता और संस्कृति की हो बात ।
इन तीन शब्दों के साथ, उत्तर की तलाश मे
पोथियों को पढ़वाता है ।
इतिहास मे रुचि रखने वाले, विद्यार्थी हों या यात्री
इन प्रश्नों के साथ ही, यात्रा करते दिखते हैं ।
अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से
ऐतिहासिक इमारतों के जरिये भी
जवाब मिलते दिखते हैं ।
राजनीति शाष्त्र,ज़रा सा उलझा हुआ सा विषय
समझ मे आता है ।
ज्यादातर कब?और कैसे?इन दो शब्दों के बीच में
अपना अध्ययन करवाता है ।
विस्मय कारक चिन्ह !!!!
योजक चिन्ह —और ,,, अल्पविराम को
राजनीत शाष्त्र उपयोगी समझता है ।
अध्ययन ,अध्यापन की बात को
अगर एक तरफ रखे इंसान
सामाजिक और पारिवारिक जीवन मे भी
प्रश्न !अपनी अहमियत रखते हैं ।
नन्हे शिशु की गतिविधियों को,अगर ध्यान से देखो तो
छोटे बच्चों के कौतूहल को, समझने की कोशिश करो तो
बोलने की शुरुआत, करता हुआ बच्चा सिर्फ !
सवाल करता हुआ ही, समझ मे आता है ।
अपने अभिवावकों और शुभचिंतकों को.
सवालों के जाल मे उलझाता है ।
ऊपर वाले के दरबार मे भी इंसान!
सवालों के साथ खड़ा होता है ।
कभी सवालों के जवाब के साथ प्रसन्न
कभी सवालों के जवाब, खोजता नज़र आता है ।
प्रश्न हमेशा ही, प्रगति के साथ जुड़े होते हैं ।
चाहे दैवीय जगत की बात हो
चाहे सामाजिक जीवन की बात हो ।
प्रश्नवाचक शब्द ?
हमेशा जीवन के साथ
अपनी उपयोगिता बता जाते हैं ।