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Daily LifeShort Stories

       Let’s go back home आ अब लौट चले

by 2974shikhat December 7, 2019
by 2974shikhat December 7, 2019

सामान्यतौर पर हम भारतीय अमेरिकियों से बहुत ज्यादा प्रभावित रहते हैं, चाहे खानपान की आदतें हो परिधान हो ,या वहाँ की राजनीतिक उथल पुथल….

आजकल तो सारे विश्व के लोगों की निगाहें अमेरिकी राष्ट्रपति के ऊपर टिकी है ….हम भारतीय भी अपने राष्ट्रपति की तरफ न देखकर  अमेरिकी राष्ट्रपति को बड़े गौर से देखते हैं…..

Expression

google free image

कुछ दिन पहले की ही तो बात है, मेरा लेखक दिमाग अमेरिका पहुँच गया…. मेरी नजर अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ फिर गयी ,उनके सुन्दर और सुनहरे बालों पर जाकर ठिठक गयी “….इस उम्र में भी, अच्छे खासे बाल हैं उनके सिर पर …. दिमाग को भी ज्यादा देर तक विदेश मे रुकना सही नही लगा ….,

लेखक दिमाग, शाम होते होते स्वदेश वापस आ गया ,और मुझे बचपन से लेकर आज तक का अपने पापा का साथ याद आ गया….

 जब भी उनके साथ होती थी  उनके सिर के गिने चुने बालों को रंगने का भी काम मेरा ही होता ,सावधानी पूर्वक काम करना पड़ता है, इधर उधर रंग को फैलाने की कोई गुन्जाइश नही रहती है ….एक दिन मैने अपने पापा को बोला ,आप इन चंद बालों को क्यों रंगते हैं, मैदान साफ क्यूँ नही करा लेते…

मेरे इतना बोलते ही “उनका चेहरा उतर गया….. 440 वोल्ट के तेज वाला चेहरा 0 वोल्ट के बल्ब जैसे लटक गया…..

“लंबी लंबी-लंबी साँसे भरे ,और आत्मविश्वास के साथ कहने लगे” बेटा !कभी मेरे सिर पर भी “सतपुड़ा के घने जंगल ऊँघते अनमने जंगल”वाली स्थिति रहा करती थी, फिर कहने लगे ...

होते थे कभी हमारे सिर पर भी
अच्छे खासे बाल…

रहा है उनका भी कोई
35से 40 साल पुराना इतिहास….

मत देखो इन बची हुयी कहानियों को
तिरस्कार की नजरों से…

खड़े होते हैं बलवान ही
युद्ध के मैदानो मे…

आगे से कभी भी मुझे
ये मत समझाना…

मेरे इन बचे हुये सैनिकों को
शहीद मत करवाना..

यही तो हैं मेरा आत्मविश्वास..
कभी मत करना तुम इन पर हास-परिहास...

मैने कहा कोई बात नही ,आप जिसमे खुश हम भी उसमे खुश, लेकिन मेरे माथे पर बल पड़ गये….मै सोचने लगी जब से होश सँभाला, तब से यथास्थिति देखी है…..“मै मन ही मन मे बुदबुदा रही थी ,अपने पापा के सिर के बालों को सजा रही थी” …

थोड़ी देर के बाद ही एकबार फिर से विचारों के साथ खेलने लगी…

हमारी भारतीय महिलाओं को ही देख लीजिये ….उनका वजन उनके लिये बड़ा महत्व रखता है ….

हमारे समाज का ऐसा सोचना है कि, शादी से पहले लड़की मोटी नही होनी चाहिये…. दूसरी तरफ लड़कों के सिर पर पर्याप्त संख्या मे बाल होने चाहिये ….लड़कियाँ बेचारी वजन कम करने मे जुट जाती हैं …. लड़के नौकरी के साथ-साथ अपने बालों को बचाने मे जुट जाते हैं..:

हर महिला को अपने पुराने कपड़ों मे फिट होना बड़ा अच्छा लगता है ….

मुझे सोशल साइट्स पर जोक्स और वीडियो बनाने वाले ऐसे लोगों के ऊपर बड़ा गुस्सा आता है …, जो महिलाओं की मोटी सी तस्वीर बना कर उन्हें झूठा आइना दिखाते हैं …..,और अपनी चटोरी नजर और काली जुबान उनकी खाने पीने की आदत पर लगाते हैं…

Expression

अगर आप संयुक्त परिवार वाली संस्कृति से परिचित हैं, या आपके दोस्तों का दायरा अच्छा है….तब कई दिनो के बाद मिलने पर सबसे जरूरी बात ये होती है कि, किसका वजन कितना बढ़ा है और, सिर पर बालों की स्थिति क्या है ….

मुझे कभी-कभी अपने एक पारिवारिक मित्र की बात याद आ जाती है , जो हमेशा अपनी पत्नी की तुलना दूसरी महिलाओं से करते थे….

उनको अपनी पत्नी का, दही को चीनी के साथ खाना तो बिल्कुल भी पसंद नहीं था, बोला करते थे ….

आखिर क्यों हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ाती हो ?

हमेशा तुम दही को चीनी के साथ
ही क्यों खाती हो ?.

मुझे पता है कि, जानबूझ कर सताती हो…
केवल इसी कारण से ही अपना मोटापा बढाती हो…

कर लिया करो कभी तो अपने
दिमाग का भी सदुपयोग…
हमेशा किया करो दही के साथ
केवल नमक का ही उपयोग…

मेरे इसी सुझाव से पतले होने की तरफ
अपने विजयी कदम बढाओगी…
नही तो पूरी जिंदगी अपने मोटापे के कारण

हमेशा मुझे, तुलनात्मक दृष्टिकोण रखने के लिए बाध्य पाओगी ..

मैने महिलाओं की तुलना मे पुरूषों को ज्यादा देखा है, सड़क के किनारे खड़ी गाड़ियों के साइड मिरर मे अपने बालों को सँवारते हुये, या गाड़ी से बाहर निकलने से पहले, रिअर व्यू मिरर मे देखकर अपने आप को सँवारते हुये …..

Expression

google free image

आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि, आपके फोन पर जो इमोजी होती हैं , अधिकतर बिना बालों वाले चेहरे वाली होती हैं …..कभी-कभी लगता है , किसी ऐसे ही व्यक्ति की सोच का परिणाम रही होगी, जिसके सिर पर बालों की संख्या या तो बहुत कम रही होगी या हो सकता है ,बिल्कुल न रहे  हो …

मेरे विचार से व्यक्ति का आत्मविश्वास सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है …..

उसको किसी बाहरी आवरण के सहारे अपने को प्रस्तुत करने की जरूरत नही होती ….नही तो सारे के सारे सफल व्यक्ति ,सिर पर पूरी तरह से घने बालों के साथ और सुन्दर काया वाले ही होते ….

दिमाग ने मुझे बड़े प्यार से समझा दिया….

अमेरिकी राष्ट्रपति को इतने ध्यान से देखने की कोई जरूरत नहीं है….

बड़ी जोर से बोला “आ अब लौट चले” अपने देश की तरफ वापस ….

क्योंकि हमारे देश का ज्वलंत नारा है “स्वदेशी को ही दिमाग मे लाना है “और अपने देश की स्थिति के अनुरूप, कलम चलाना है…..

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फिलहाल लेखक दिमाग ! अलग विषय वस्तु के साथ शब्दों के ताने बाने को बुनता नज़र आ रहा है….

AdaptationBe HappyEncouragementExpressionFood and happinessFriendly talkfunny conversationsHuman behaviorinspirationLaughter is the best medicineLove and carePen and paperSelf confidencesocietyThoughtsTruth
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0 comment

Manisha February 13, 2017 - 2:00 pm

मस्त।

Mrs. Vachaal February 13, 2017 - 2:27 pm

धन्यवाद 😊👍

UK mishra February 15, 2017 - 3:17 pm

Very good

Mrs. Vachaal February 15, 2017 - 6:06 pm

Thanx sir😊

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कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

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