MotivationPoems अनोखी रचना by 2974shikhat December 2, 2018 by 2974shikhat December 2, 2018 लिखने का जुनून भी अजीब होता है…. यूँ ही कुछ लिखने की कोशिश मे डायरी के पन्नों को पलटने का क्रम जारी था…. कुछ पन्ने अधलिखी कविता और कहानी के साथ नज़र आ रहे थे….. विचारों की उथल पुथल के साथ….. कागज पर बैठे बैठे ही आराम फरमा रहे थे….. हमारे लिखने की विषय वस्तु मे…. कहीं तो कर्म की बात अधूरी थी….. कहीं अवनि और अंबर के बीच मे अच्छी खासी दूरी थी….. कहीं फास्ट फूड और पारंपरिक खाने की लड़ाई थी….. कहीं युवाओं मे नशे की लत….. समाज की सबसे बड़ी बुराई थी…. कहीं स्वास्थ्य और मोटापे के बीच में जंग छिड़ी थी….. वहीं जीभ को स्वाद की पड़ी थी…… वजन नापने की मशीन ….. कुटिल मुस्कान के साथ सरे राह खड़ी थी…… कहीं मेहनत और हौसले को साथ लेकर….. कर्म की सीढ़ी सामने दिखी….. कहीं ऊपर वाले की दुआ….. लेखनी के साथ दिखी….. कहीं दिमाग और मन का द्वंद् जारी था….. कहीं दिमाग ने अहम् और चाटुकारिता को पहचाना था….. कहीं भारतीय और पाश्चात्य परिधान आमने सामने खड़ा था …… कहीं बातों के साथ चाय भी रचना मे महत्वपूर्ण मुद्दा थी ….. कहीं काॅफी अपने बारे मे लिखे जाने के इंतजार मे खड़ी थी….. कहीं ऐतिहासिक इमारतों के साथ कोई शहर …. तो कहीं प्राकृतिक सुंदरता के साथ कोई शहर …. हमारी रचना मे खुश दिख रहा था….. कहीं समाचार पत्र दरवाजे के बाहर रखा था….. मोबाइल और लैपटाप अकड़ के साथ हाथों मे दिख रहा था ….. कहीं कविता या कहानी के माध्यम से जमीर ललकारता हुआ दिख गया …. तुरंत ही हमारी रचनाओं पर …. आलोचनात्मक रचना का ठप्पा लग गया …… कहीं सुबकता हुआ बचपन दिख गया ….. कहीं दिख रहा न्याय का खेल था ….. कहीं धन,छल और,बल का मेल था ….. कहीं विश्वास अपने पैरों को जमा रहा था ….. लेकिन दिमाग अविश्वास की बात को…. बार बार सामने ला रहा था ….. कहीं जुबाँ की तल्खी नज़र आयी ….. कहीं आपसी सहयोग और,विश्वास की बात ….. किसी रचना से झाँकती नज़र आयी …. बार बार एक विषय की पुनरावृत्ति हो रही थी ….. कभी स्त्री ! ‘स्वप्न और संघर्ष के साथ’…. कहीं बेटियों की उड़ान के साथ ….. कभी जगी देखी बेटियों में कुछ नया करने की चाह …… अनेक बार लिखा जाने वाला यह विषय ….. “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ”जैसे अभियान को …. छोटी सी पहल से आगे बढ़ाता हुआ दिख रहा था …. पन्नों को पलटते पलटते ही …. हमारी कलम एक बार फिर से चल पड़ी …… देखते ही देखते शब्दों के तानेबाने से अनोखी सी रचना बुन गई …… DutyEncouragementExpressionHard workHuman behaviorLanguagePen and paperPractice and learningprogressSelf confidenceStruggleThoughtsWill powerWriting 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail 2974shikhat previous post यात्रा मध्यप्रदेश की,मानव एवम् प्रकृति के द्वारा रचे सौंदर्य की next post नृत्य आनंद और उत्साह You may also like जय चंद्रयान 3 August 24, 2023 तट नदिया का February 17, 2022 चलता चल राही September 30, 2021 बदलता सा मौसम September 15, 2021 शब्दों का तिलिस्म September 6, 2021 माँ September 3, 2021 बेटियां August 30, 2021 जीभ गुनहगार बढ़े हुए वजन की जिम्मेदार August 20, 2021 आवाज प्रकृति की August 16, 2021 बात इतनी सी August 6, 2021