आनंद के साथ झूमती हुई प्रकृति….
होली का त्योहार लेकर आती है…
रंगोत्सव ,वसंतोत्सव की पूर्णता की बात बताता है….
वसंत का आगमन ही प्रकृति को हर्षाता है…
पेड़ पौधे फूल पत्ते सभी अपनी खुशी दिखाते हैं…
फूलों के अलग-अलग रंग बिना बोले ही
वसंत के आगमन की बात कहते जाते हैं…..
होलिका दहन की पौराणिक कहानी…
हमें यही बताती है कि
भीषण आग भी जीवन के सत्य को
भस्म नही कर सकती……
आध्यात्म के अनुसार यह त्योहार सकारात्मक सोच के साथ
परम चेतना और आंतरिक आनंद प्रदान करता है…
होली की मस्ती की बात ब्रज की होली के बिना
अधूरी लगती है….
जहां होली की अल्हड़ मस्ती और शालीन
हुड़दंग दिखती है….
वसंत पंचमी के साथ शुरू हुआ होली महोत्सव
देशी विदेशी सभी पर्यटकों को
होली के रंगों से रंगता जाता है….
ब्रज के मंदिरों से रसिया गायन की मधुर आवाज़
आती है….
सारी ब्रज भूमि पूरे उत्साह और पारंपरिकता के साथ
रंगों का त्योहार मनाती हुई दिख जाती है….
बलदेव के दाऊजी मन्दिर में होने वाला
हुरंगा का उल्लास…..
ब्रज की निश्छल शैली को बयान करता है…..
वृन्दावन के बांकेबिहारी मंदिर में जब
बिहारी जी कमर में रंग भरी पोटली और हाथ में
चांदी की पिचकारी लेकर भक्तों को दर्शन देते हैं….
उस समय भक्त भावों के साथ बह जाते हैं….
और बिहारी जी के दर्शन से निहाल हो जाते हैं….
बरसाना की लट्ठमार होली हो….
या मथुरा की लड्डू होली हो…
बलदेव का हुरंगा हो या
होली के रंगों के साथ मथुरा का पेड़ा और ठंडाई…
सब होली की मस्ती को दिखाते हैं…..
होली का त्योहार सीधे तौर पर प्रकृति से जोड़ता है….
होली के समय उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में गाया जाने वाले फाग में
प्रकृति की सुंदरता और, राधा कृष्ण के प्रेम का वर्णन होता है…
होली में रंग बिरंगे अबीर और गुलाल….
ढोल की थाप….
हाथों में मिठाइयों के थाल…..
आपस के मतभेद को भुलाकर….
जीवन को पारंपरिक त्योहारों के माध्यम से
खुशियों से निश्चित तौर पर जोड़ते हैं…
प्रकृति के साथ जनसमूह होली के रंगों में रंगता और
थिरकता नज़र आता है…
(सभी चित्र इन्टरनेट से)
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Same to you Mam.
Happy Holi