Life And Its Stories
  • Motivation
  • Mythology
  • Political Satire
  • Spirituality
Life And Its Stories
  • Travel
  • Women’s Rights
  • Daily Life
  • Nature
  • Short Stories
  • Poems
  • Audio Stories
  • Video Stories
  • About Me
  • Contact
  • Motivation
  • Mythology
  • Political Satire
  • Spirituality
Life And Its Stories
  • Travel
  • Women’s Rights
  • Daily Life
  • Nature
Daily LifeShort Stories

गुपचुप से दरवाजे

by 2974shikhat September 12, 2018
by 2974shikhat September 12, 2018

Expression

हर किसी का होता है, अपना ‘आशियाना’

किसी ने खून पसीने की कमाई से, ईंटों को जोड़ा होता है
किसी के पास होता है,पुश्तैनी खजाने के साथ ‘आशियाना’ ।
हमेशा से आशियानों मे लगे दरवाजे, कभी शांत,कभी मस्ती मे झूलते
कभी फालतू मे बोलते दिखते हैं ।
दरवाजा,किवाड़,फाटक,दर,द्वार जैसे शब्दों के साथ
दरवाजे,अपनी तरफ आकर्षित करते दिखे ।
कहीं ऐतिहासिक इमारतों मे इतने ऊंचे दिखे कि
सिर को ऊपर उठा कर देखने पर मजबूर किये ।
कई धार्मिक स्थलों पर शायद !जानबूझ कर इतने नीचे बने कि
सिर को नीचे झुका कर,परिसर मे प्रवेश को उत्सुक दिखे ।
  धार्मिक स्थलों  के  द्वारों पर मस्तक झुकते ही
अहम् दर से टकरा जाता है ।
श्रद्धा और आस्था के भाव से
मन आलोकित हो जाता है ।
घरों के दरवाजे हों या किलों,बाजारों,दुकानों
या ऐतिहासिक इमारतों के
वास्तु के साथ-साथ खुद से जुड़ी हुई
तमाम बातें कह जाते हैं ।

Expression

एक दरवाजा,कितने रहस्यों को छुपाया होता है ।
कितने तरह के तालों को, अपने ऊपर लटकाया होता है ।
सामान्यतौर पर दरवाजे,घर के मान और सम्मान की पहचान बने ।
सम्मान के साथ खुलने पर,अतिथियों के लिए स्वागत के द्वार बने ।

अरब सागर भी अपने तट पर, एक द्वार लिए डोलता है ।

Expression

नाम पूछने पर,भारत का प्रवेश द्वार
“गेटवे आफ इंडिया”बोलता है ।

युद्ध स्मारक के नाम पर भी दरवाजा

नज़र आता है

राजपथ पर “इंडिया गेट”के नाम से

Expression

भारत का राष्ट्रीय स्मारक कहलाता है ।
इतिहास के पन्नों की तरफ जब ,नज़रों को फेरते हैं
तो, किलों और महलों मे लगे हुये दरवाजे
हर परिस्थिति मे, अपनी मजबूती की बात बोलते हैं ।
इन दरवाजों ने,अनेक ऐतिहासिक घटनाओं को
घटित होते हुए देखा है ।
एक जगह खड़े रहकर, आँखों देखी घटनाओं को
अपने भीतर समेटा है ।

सोचती हूं कभी-कभी दार्शनिक अंदाज से

काश! इन दरवाजों की भी अच्छी खासी जुबाँ होती

इतिहास की कहानियाँ भी तब शायद
इन दरवाजों की जुबाँ के माध्यम से ही लिखी होती ।
दरवाजों के खुलने और,बंद होने की आहटें ।
दरवाजों की दरारों के बीच मे से सरकती
धूल और,धूप की बातें
कितनी रहस्यमयी नज़र आती हैं ।
बने हो चाहे, मजबूत लकड़ी, धातु या काँच के
अपने आकार और आकृति से, गुपचुप ही बोल जाते हैं ।
AdaptationConversationDoorsExpressionHeritageHistoryIndian society and cultureStruggleThoughtsTravel
0 comment
0
FacebookTwitterPinterestEmail
2974shikhat

previous post
“कृष्ण जन्माष्टमी” पर, मन का उल्लास
next post
अक्षर ज्ञान के साथ शब्दों की पहचान

You may also like

कथा महाशिवरात्रि की

February 25, 2025

माँ अब नही रहीं

February 13, 2025

सैरऔर चिर परिचित चेहरे

February 4, 2025

बदलेगा क्या हमारा शहर ?

January 23, 2025

समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति

October 26, 2024

पुस्तकालय

August 10, 2024

लोकगाथा के साथ सोन और नर्मदा नदी (भाग...

April 23, 2024

लोक गाथा के साथ सोन और नर्मदा नदी

April 3, 2024

बातें गुलाबी जाड़ा के साथ

December 13, 2023

जय चंद्रयान 3

August 24, 2023

0 comment

Smile Quotes December 28, 2018 - 11:00 am

amazing places in india

About Me

About Me

कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

Popular Posts

  • 1

    The story of my Air conditioners

    September 10, 2016
  • 2

    विचार हैं तो लिखना है

    October 4, 2020
  • 3

    उत्तंग ऋषि की गुरुभक्ति (भाग1)

    November 11, 2020
  • PODCAST-जंगल का साथ बहुत सारी बात

    October 13, 2017
  • 5

    “कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत सारी शुभकामनायें”

    August 12, 2020

Related Posts

  • कथा महाशिवरात्रि की

    February 25, 2025
  • माँ अब नही रहीं

    February 13, 2025
  • सैरऔर चिर परिचित चेहरे

    February 4, 2025
  • बदलेगा क्या हमारा शहर ?

    January 23, 2025
  • समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति

    October 26, 2024

Keep in touch

Facebook Twitter Instagram Pinterest Youtube Bloglovin Snapchat

Recent Posts

  • The story of my Air conditioners

  • कथा महाशिवरात्रि की

  • माँ अब नही रहीं

  • सैरऔर चिर परिचित चेहरे

  • बदलेगा क्या हमारा शहर ?

  • समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति

  • पुस्तकालय

Categories

  • All (211)
  • Audio Stories (24)
  • Daily Life (135)
  • Motivation (47)
  • Mythology (16)
  • Nature (33)
  • Poems (61)
  • Political Satire (2)
  • Short Stories (184)
  • Spirituality (20)
  • Travel (25)
  • Women's Rights (8)
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram

@2019-2020 - All Right Reserved Life and It's Stories. Designed and Developed by Intelligize Digital India