Daily LifeShort Stories गुपचुप से दरवाजे by 2974shikhat September 12, 2018 by 2974shikhat September 12, 2018 हर किसी का होता है, अपना ‘आशियाना’ किसी ने खून पसीने की कमाई से, ईंटों को जोड़ा होता है किसी के पास होता है,पुश्तैनी खजाने के साथ ‘आशियाना’ । हमेशा से आशियानों मे लगे दरवाजे, कभी शांत,कभी मस्ती मे झूलते कभी फालतू मे बोलते दिखते हैं । दरवाजा,किवाड़,फाटक,दर,द्वार जैसे शब्दों के साथ दरवाजे,अपनी तरफ आकर्षित करते दिखे । कहीं ऐतिहासिक इमारतों मे इतने ऊंचे दिखे कि सिर को ऊपर उठा कर देखने पर मजबूर किये । कई धार्मिक स्थलों पर शायद !जानबूझ कर इतने नीचे बने कि सिर को नीचे झुका कर,परिसर मे प्रवेश को उत्सुक दिखे । धार्मिक स्थलों के द्वारों पर मस्तक झुकते ही अहम् दर से टकरा जाता है । श्रद्धा और आस्था के भाव से मन आलोकित हो जाता है । घरों के दरवाजे हों या किलों,बाजारों,दुकानों या ऐतिहासिक इमारतों के वास्तु के साथ-साथ खुद से जुड़ी हुई तमाम बातें कह जाते हैं । एक दरवाजा,कितने रहस्यों को छुपाया होता है । कितने तरह के तालों को, अपने ऊपर लटकाया होता है । सामान्यतौर पर दरवाजे,घर के मान और सम्मान की पहचान बने । सम्मान के साथ खुलने पर,अतिथियों के लिए स्वागत के द्वार बने । अरब सागर भी अपने तट पर, एक द्वार लिए डोलता है । नाम पूछने पर,भारत का प्रवेश द्वार “गेटवे आफ इंडिया”बोलता है । युद्ध स्मारक के नाम पर भी दरवाजा नज़र आता है राजपथ पर “इंडिया गेट”के नाम से भारत का राष्ट्रीय स्मारक कहलाता है । इतिहास के पन्नों की तरफ जब ,नज़रों को फेरते हैं तो, किलों और महलों मे लगे हुये दरवाजे हर परिस्थिति मे, अपनी मजबूती की बात बोलते हैं । इन दरवाजों ने,अनेक ऐतिहासिक घटनाओं को घटित होते हुए देखा है । एक जगह खड़े रहकर, आँखों देखी घटनाओं को अपने भीतर समेटा है । सोचती हूं कभी-कभी दार्शनिक अंदाज से काश! इन दरवाजों की भी अच्छी खासी जुबाँ होती इतिहास की कहानियाँ भी तब शायद इन दरवाजों की जुबाँ के माध्यम से ही लिखी होती । दरवाजों के खुलने और,बंद होने की आहटें । दरवाजों की दरारों के बीच मे से सरकती धूल और,धूप की बातें कितनी रहस्यमयी नज़र आती हैं । बने हो चाहे, मजबूत लकड़ी, धातु या काँच के अपने आकार और आकृति से, गुपचुप ही बोल जाते हैं । AdaptationConversationDoorsExpressionHeritageHistoryIndian society and cultureStruggleThoughtsTravel 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail 2974shikhat previous post “कृष्ण जन्माष्टमी” पर, मन का उल्लास next post अक्षर ज्ञान के साथ शब्दों की पहचान You may also like कथा महाशिवरात्रि की February 25, 2025 माँ अब नही रहीं February 13, 2025 सैरऔर चिर परिचित चेहरे February 4, 2025 बदलेगा क्या हमारा शहर ? January 23, 2025 समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति October 26, 2024 पुस्तकालय August 10, 2024 लोकगाथा के साथ सोन और नर्मदा नदी (भाग... April 23, 2024 लोक गाथा के साथ सोन और नर्मदा नदी April 3, 2024 बातें गुलाबी जाड़ा के साथ December 13, 2023 जय चंद्रयान 3 August 24, 2023 0 comment Smile Quotes December 28, 2018 - 11:00 am amazing places in india
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