हाइवे के सफर का अपना अलग ही मजा होता है ….अगर रास्ता साफ सुथरा और व्यवस्थित सा हो तो गाड़ियाँ सरपट भागती हुई नज़र आती हैं…… देखते ही देखते बगल से निकलकर आँखों से ओझल हो जाती है…..
रोज की दिनचर्या से अलग लंबे रास्तों पर सफर करना जीवन मे स्फूर्ति लाता है ,और व्यक्ति रास्तों के साथ खुद को जुड़ा पाता है…..
मेरे विचार से रास्तों के किनारे सजे हुए ढाबे या होटल हों, या खेत और पेड़ हों, ये सब तो राजमार्गों की पहचान होते हैं…..लेकिन सबसे ज्यादा आश्चर्य मे डालता है, रास्तों और गाड़ियों के टायरों का साथ…..
बिना टायरों और सड़कों के साथ ,किसी का भी सफर पूरा होता हुआ नही दिखता…..
इन टायरों की बदौलत ही गाड़ियाँ, उछलती कूदती अपने सफर को पूरा करती हुई नज़र आती हैं….
राजमार्गों पर यात्रा करती हर गाड़ी का, अपना आकार,अपना अंदाज,अपनी गति होती है….
कभी कभी तो ऐसा लगता है, एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी हो…..
अपनी क्षमता से ज्यादा सामान ढोते हुये ट्रैक्टर,सामान्य चाल मे चलते समय भी दुर्घटना को आमंत्रित करते हुये लगते हैं……
बड़े बड़े ट्रेलर और ट्रक को देखकर,मन रोमांच और भय दोनो को साथ लाता है …..पूरे रास्ते पर अतिक्रमण करते हुये ,अपनी मदमस्त चाल मे चलते हुये लगते हैं…..दर्जन से भी ज्यादा टायरों का साथ होता है …..हार्न ऐसा कि कानों को बड़ी देर तक उसकी प्रतिध्वनि सुनायी पड़ती हुयी सी लगती है….
सिर्फ इंसान ही सफर के दौरान सजता संवरता है….इस बात को ये ट्रक झुठलाते हुये लगते हैं…..
रंगबिरंगे कपड़ों के टुकड़े ,झालर,प्लास्टिक की माला गुलदस्ते के साथ साथ तरह तरह की आकृति ,प्रेरक विचार,समाज मे प्रसारित करने वाले संदेश ,इन मालवाहक ट्रकों के साथ सफर करते हैं.,…
बड़े बड़े ट्रेलर और ट्रकों मे लगे हुये अतिरिक्त टायर को देखकर ऐसा लगता है….. मानो उन्हें वो अपनी गोदी मे उठाकर सरपट भागते जा रहे हो……
इन रास्तों के साथ चलता हुआ आकाश,और दौड़म भाग करते हुए बादल भी अपनी मस्ती मे दिखते हैं…..कहीं तो काले काले काले मेघों ने आकाश को घेर लिया…..देखते ही देखते बारिश की बूँदों ने धरा के साथ-साथ रास्तों को भिगो दिया…..
आकाश रुई के समान सफेद बादलों से आकाश मे तरह तरह की आकृति बनाते नज़र आते हैं….इन बादलों को भी समूह मे ज्यादा देर तक साथ रहना नही भाता है…..
कुछ ही समय मे छोटे छोटे बादलों के टुकड़े,अलग-अलग दिशा मे उड़ते हुए नज़र आते हैं…..
आकाश मे बादलों की सहायता से बनती हुई आकृति हो, या सड़क के दोनो तरफ लगी वनस्पति हो, आकर्षक लगती है….आकाश परिंदों के हौसलों की बात बताता है,उड़ान आकाश की होती है ….लेकिन धरा की वनस्पतियों पर इनका ठिकाना होता है…
रास्तों मे मिलते हुये जलस्रोत, सफर की थकान को पूरी तरह से मिटाते हुये लगते है….
ये जलस्रोत भी तरह तरह के जीवजंतुओं के ठिकाने होते हैं….
भव्यता को धारण किये हुये पहाड़,गर्म मौसम की मारामारी, या विकास के कारण रोते बिसूरते से लगते हैं….
बड़ी बड़ी मशीनों के द्वारा,विकास की राह पर, इन पहाड़ों के बीच से रास्ते निकलते दिखते हैं…
पहाड़ों के ऊपर वनस्पतियों की कमी पर्यावरण के विषय मे सोचने पर मजबूर कर जाती है…..
राजमार्गों पर सफर के दौरान सांस्कृतिक विभिन्नता परिधानो के कारण देखी जा सकती है।
कहीं चटकीले रंगों के कपड़े और पगड़ी ,ऐतिहासिक विरासत को संजोये हुये भवन, दिवारों पर बनी हुयी तरह तरह की आकृति ,ये सब यात्रा के दौरान एक अच्छी स्मृति के रूप मे दिलो-दिमाग मे शामिल हो जाती है….
( चित्र internet से )
ये रास्ते भी जीवन के लिए उपयोगी तमाम चीजों को बताते हैं…..
ट्रकों मे वाहन से लेकर ,गृह उपयोगी तरह तरह के सामान भी सफर करते हुये दिखते हैं…..
सफर टायरों और रास्तों के सामंजस्य को हमेशा दिखाता है….
जीवन का सफर भी इन रास्तों के साथ,घरों से भी जुड़ जाता है …..इन राजमार्गों पर दौड़ते भागते हुए वाहनो के कारण ही,इंसान अपने जीवन की तमाम आवश्यक चीजों को पाता है…
सच है यह बात कि, सफर जीवन का हो या राजमार्गों का खुशी ,भय ,रोमांच जैसे अनेक भावों के साथ चलता जाता है…..
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Very refreshing article