चलते हुए रास्तों पर चारों तरफ जीवन दिखता है…….
जीवंतता, जुझारूपन और तरह तरह के भावों के साथ
हर जीव अपने अपने सफ़र में मशगूल दिखता है……
कहीं दिखते हैं शांत भाव के साथ खड़े हुए पेड़……
उन्हीं पेड़ों के ऊपर दिखती हैं
प्रसन्न मुद्रा में हिलती डुलती हुयी
चंचलता से भरी हुई पत्तियां…….
फूलों से सजे पौधों और झाड़ियों को देखकर
मन भी प्रसन्न हो जाता है…….
क्योंकि अलग अलग रंगों में खिले हुए फूल
अपने उल्लास को दिखा रहे थे……
ऐसा लग रहा था मानो प्रसन्नता के कारण ही
कभी मुस्करा तो कभी खिलखिला रहे थे……
अलग-अलग आकार और आकृति के वृक्ष
यूं ही खड़े होकर रास्तों को देख रहे थे……
खुद को भी हर्ष और उल्लास के भाव के साथ
सजाने के लिए प्रयत्नशील दिख रहे थे…….
वनस्पतियों की तरफ से ध्यान हटा……
तो जीव जंतुओं की तरफ जा टिका……
पक्षियों की चहचहाहट,हवा की गति के साथ
आकाश में तैरना……
उनकी खुशी को दिखा रहा था…….
ऐसा लग रहा था अलग-अलग रंगों के साथ
आकाश भी प्रसन्न मुद्रा में खड़ा नज़र आ रहा था…….
प्रसन्नता के कारण ही बादलों से दौड़ाभागी करा रहा था……..
रास्तों पर दौड़ती भागती हुई गाड़ियों के साथ भी
जीवन दिख रहा था……
रिक्शों,सायकिल, ठेलों और तमाम तरह की बड़ी और
छोटी गाड़ियों के साथ जीवन की वास्तविकता दिख रही थी……
कहीं संपन्नता के साथ प्रसन्नता तो……
कहीं विपन्नता के साथ भी प्रसन्नता दिख रही थी……
दिमाग में अचानक से एक सवाल कौंधा…..
कुछ पल के लिए ही मन और दिमाग दोनों ने मिलकर सोचा……
संपन्नता हमेशा ही प्रसन्नता लेकर आती है क्या?….
वनस्पतियों और पशु पक्षियों को छोड़कर……
मानव जीवन के लिए ही यह सवाल उचित लगता है……
खुशी,हर्ष,प्रसन्न रहने की अवस्था ही तो प्रसन्नता कहलाती है……
इच्छा,क्रोध और लालच की परम् शून्य अवस्था में
प्रसन्नता सबसे अधिक होती है….
मनुष्यों में भी बाल अवस्था में ये हमेशा दिखती है…….
बच्चों का निश्छल भाव का चेहरा हमेशा प्रसन्नता को दिखाता है……
कामना,क्रोध और लालच के भाव को अपने पास
ज्यादा देर तक नही टिकाता है….
दूसरी तरफ इन तीनों मनोभावों का स्तर बढते ही
प्रसन्नता में कमी आती दिखती है……
सकारात्मक विचारों के साथ चलते हुए
हर कोई जीवन में प्रसन्नता को महसूस कर सकता है……
थोड़े समय की खुशी भौतिक सुख सुविधाएं
निश्चित तौर पर ला सकती है……
आत्मबल,सच्चाई और ईमानदारी बिना किसी
भौतिक बाहरी प्रभाव के प्रसन्नता को बढ़ा सकते हैं……
इन तीनों को अपने जीवन में स्थान देकर……
इंसान बिना किसी भय के प्रसन्नता के साथ
मुस्कुरा या खिलखिला सकते हैं…….
(सभी चित्र इन्टरनेट से)