एक बार फिर से हो गया आज…..
कुछ लिखने के विचारों के साथ….
वनस्पति और आध्यात्म का आमना-सामना….
पेड़ था रुद्राक्ष का,नाम था…..
हमेशा से ही जाना पहचाना……
वैरागी से लेकर गृहस्थ और बच्चों के पास भी
रुद्राक्ष का साथ दिख जाता है…..
अपने गुणों के साथ सकारात्मक ऊर्जा को
बिखेरता जाता है…..
पौराणिक कहानी के अनुसार,रुद्राक्ष का संबंध रुद्र अर्थात शिव से है….
यह ‘रुद्र’ और ‘अक्ष’दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है, जिसका अर्थ होता है “रुद्र के आंसू”……
भगवान शिव के दो ही आभूषण है…..
एक ‘नाग’और दूसरा ‘रुद्राक्ष’….
रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर की आंखों के जलबिंदु से हुई है…..
रुद्राक्ष एक गुठली वाला जंगली फल है……
इसका फल जामुन के समान नीला तथा स्वाद बेर के समान होता है…..
यह विभिन्न आकार का होता है, तथा इसके रंग भी अलग-अलग होते हैं….
इसकी पैदावार समुद्र तल से लगभग दो हजार मीटर तक की ऊंचाई वाले पर्वतीय और पठारी क्षेत्रों में होती है……
इसके ऊपरी सतह पर प्राकृतिक रूप से संतरे के समान फांकें बनी होती हैं….
जिन्हें आध्यात्मिक भाषा में मुख कहा जाता है….
रुद्राक्षों का मूल्यांकन उनमें पाये जाने वाले मुख, आकार तथा छिद्र के आधार पर किया जाता है…..
भारत में ये मुख्यत: हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों….. बंगाल,असम,बिहार, मध्यप्रदेश,उत्तर पूर्वी राज्यों के अलावा दक्षिण भारत के नीलगिरी,मैसूर और अन्नामलाई के क्षेत्रों में पाये जाते हैं…..
नेपाल में सबसे बड़े आकार का रुद्राक्ष पैदा होता है….
यहां के रुद्राक्ष की किस्म सबसे अच्छी होती है….
विश्व का सर्वोत्तम किस्म का एकमुखी बड़ा गोलाकार रुद्राक्ष, नेपाल में ही पाया जाता है…..
इन एकमुखी रुद्राक्षों का मूल्य लाखों में होता है…..
नेपाल राज्य के नियमों के अनुसार जितने भी एकमुखी रुद्राक्ष पैदा होते थे….
उन्हें नेपाल के शाही खजाने में जमा करने का प्रावधान बनाया हुआ था….
एकमुखी से लेकर इक्कीसमुखी तक रुद्राक्ष पाते जाते हैं….
हर रुद्राक्ष की अपनी विशेषता, और धारण करने का तरीका अलग -अलग होता है…..
ऐसी मान्यता है कि एक अनोखे तरह का स्पंदन, इस बीज में होता है,जो रुद्राक्ष पहने हुए व्यक्ति के लिए एक सुरक्षा कवच बना देता है…..
पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे सुरक्षित माना जाता है,जो हर किसी के लिए सुरक्षित विकल्प होता है…..
यह सेहत और सुख की दृष्टि से भी फायदेमंद होता है…..
दूसरी तरफ एकमुखी रुद्राक्ष को साक्षात शिव का रूप मानते हैं…..
इसे दिव्य अलौकिक और सबसे पवित्र माना जाता है….
विश्व में सबसे ज्यादा रुद्राक्ष की उपज इंडोनेशिया में, उसके बाद नेपाल और भारत में बाकी के केवल पांच प्रतिशत ही अन्य जगहों पर होते हैं
भारत और नेपाल में पाये जाने वाले रुद्राक्ष आकार में बड़े,जबकि इंडोनेशिया में पाये जाने वाले, मटर के दानों के आकार के होते हैं…..
अनोखे और विलक्षण गुणों के साथ रुद्राक्ष, सकारात्मक ऊर्जा बिखेरते हुए, आध्यात्म के साथ खड़ा नज़र आता है…..
(सभी चित्र इन्टरनेट से)
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
इस विषय पर और प्रकाश डालने की कोशिश करें।