सामान्य सी लगती है,यह बात…..
मानव जीवन और, वनस्पतियों का होता है…..
जीवन भर का साथ……
सभी जीवों का जीवन,सच मानो तो
वनस्पतियों के आस पास ही टिकता…..
इस बात से मानव जीवन कैसे
मुकर सकता…..
जीवन के लिये महत्वपूर्ण प्राणदायिनी आक्सीजन…..
वनस्पतियाँ हमे, नि:स्वार्थ भाव से देती…..
कभी-कभी उठता है, मन मे यह सवाल….
जीवन क्या ,वनस्पतियों के बिना
अपना अस्तित्व बचा पायेगा ?
विकास के साथ, जीवन का सफर……
वनस्पतियों के बिना, घुटती हुई साँसों के साथ…..
अस्त व्यस्त सा नज़र आयेगा…..
श्वासों को अपने भीतर लेने, और बाहर छोड़ने के क्रम मे….
पेड़ पौधे भी,मनुष्यों के समान ….
जीवन के सफर मे
साथ खड़े दिखते हैं…..
गर्व के साथ खुशनुमा अंदाज़ मे….
हरे भरे वृक्ष, पौधे, झाड़ियाँ और लतायें दिखते हैं….
एक बड़े से वृक्ष को,अगर ध्यान से देखो तो….
उनका अपना ही संसार होता है….
वृक्ष बड़े से संगठन का
प्रतिनिधि ही तो लगता है….
वृक्ष का हर भाग,जीवन के सफर मे…..
अपनी-अपनी भूमिका जिम्मेदारी के साथ
निभाता नज़र आता है…..
एक कोमल सा और,नन्हा-सा पत्ता भी….
अपने हिस्से का काम करता हुआ,नज़र आता है…..
संगठित तरीके से,छोटी बड़ी पत्तियाँ…..
सूर्य की रोशनी मे खाना पकाती हैं…..
बड़े से वृक्ष को,पोषित करती जाती हैं…..
दूसरी तरफ,जड़ों का काम भी निराला होता है…..
सबसे पहले मिट्टी मे,अपनी मजबूत पकड़ बनाना होता है……
इसके बाद होता है… खनिज, लवण और जल को धरा से लेना….
ध्यान से अगर वृक्ष के काम को देखो तो…..
एक बड़ा सा वृक्ष ,अकेले ही नही
मजबूती से खड़ा होता है…..
वृक्ष के रूप मे एक,सफल संगठक नज़र आता है…..
सफल जीवन,सफल संगठन और सफल संगठक….
का महत्वपूर्ण जीवन सूत्र…..
प्रकृति हमे वृक्ष के द्वारा ही, सिखा देती है…..
जीवन को जीने का, अंदाज़ बता देती है……
(सभी चित्र internet से )