खुद से किया गया वादा ही
इरादा बन गया……
कुछ लिखने का शौक…..
कुछ सार्थक लिखने का, जुनून बन गया…..
लेखकों के लेख और, कवियों की कवितायें…..
समय समय पर, प्रेरित करते जाते हैं….
अपने विचारों से, कागजों को रंगना…..
कभी उन्हीं विचारों मे उलझना….
कभी उन्हीं विचारों से सुलझना…..
कविता या कहानी, लिखवाता चला गया…..
मेरे ब्लॉगिंग के सफर को….
आगे बढ़ाता चला गया…..
लिखने के इरादे से ही….
जीवन के सफर में चलते हुए…..
चीजों या घटनाओं को देखती नही…..
कभी कोई घटना,रोज के काम काज….
प्रकृति का क्रियाकलाप,कोई वस्तु या रास्ते…..
मेरे विचारों के साथी बन जाते हैं……
कागज और कलम की, याद दिला जाते हैं…..
कुछ न कुछ लिखवा देते हैं…..
बस यूँ ही,कुछ लिखने के इरादे से….
दो साल पहले, आज के दिन से ही
ब्लागिंग को अपनाया था…..
पता नही था मुझे कि, मेरी कलम से…..
इतनी कवितायें और कहानियाँ, लिख जायेंगी…..
मेरी खुद की लिखी कवितायें भी…..
कमजोर पड़ने पर,मेरा उत्साह बढ़ायेंगी……
अपनी पहली पोस्ट को, आज ज़रा ध्यान से देखा है…..
जिसने मेरे सफर मे, नींव के पत्थर का काम किया है…..
आज “333”पोस्ट के साथ ने…..
मेरे आत्मविश्वास को बढा दिया है….
माँ सरस्वती का आर्शिवाद लेकर…..
निरंतर लिखते रहने का, इरादा किया है…..
एक बार खुद से ही….
कागज और कलम को….
सम्मान पूर्वक थामे रहने का, वादा किया है…..
सभी ब्लाॅगर फ्रैंड्स को, मेरे ब्लॉगिंग के सफर मे साथ चलने के लिए
तहेदिल से शुक्रिया 😊