झरोखों से आती हुई प्रकाश की किरण
अपना रास्ता खोज रही थी…….
प्रकाश की किरण प्रकाश की गति के सिद्धांत
के मुताबिक ही अपनी सीधी राह में चल रही थी……
अलग-अलग झरोखे प्रकाश को आने का
रास्ता दे रहे थे…….
ऐसा लग रहा था मानो प्रकाश की किरणों के
आने का रास्ता सुगम कर रहे थे……
ध्यान से देखो अगर झरोखों और दरारों
के बीच में से आती हुई किरणों को…..
सुनहरी किरणों के बीच में छोटे छोटे कण तीव्रता
से हिल डुलते दिखते हैं…….
अपनी तीव्रता के कारण ही,जीवन से भरपूर दिखते हैं……
सामान्य रोशनी में अनदेखी सी रही कणों की गति
और सूक्ष्म जीवन
प्रकाश पुंज के माध्यम में आसानी से दिखता है……
अपनी तीव्र गति के कारण ही तमाम सवालों को
दिमाग में छोड़ जाता है……
अब यूं ही नहीं विज्ञान सूक्ष्म जीवों को देखने के लिए
सूक्ष्मदर्शी जैसे यंत्रों को उपयोग में लाता है…..
जीवन हर जगह नज़र आता है……
हवा,भूमि, आकाश के अलावा समुद्र की गहराइयों
में भी जीव चलायमान दिखता है…..
जीवों की गति और जीवन का रहस्य
हमेशा उलझाता है……
जीवन क्या है, ये सोचो तो तरह-तरह के
उत्तर सामने आते हैं……..
कोई जन्म से लेकर मृत्यु के बीच के समय को
जीवन कहता है…..
कोई कर्मों की प्रतिध्वनि को जीवन कहता है……
किसी ने जीवन को एक दीपक के समान माना……
किसी ने जीवन को संघर्ष ही कह डाला……..
वहीं किसी ने जीवन को एक सरल परीक्षा का
नाम दे डाला……..
अब जब आ ही गयी जीवन की बात……
तब आ ही गया दिमाग में एक सवाल……
जीवन में किसका है सबसे लंबा साथ……
मनुष्य के जीवन में विचार ही सबसे लंबे
साथी होते हैं……
जन्म से मृत्यु तक साथ निभाते हैं…..
वास्तविकता में व्यक्ति के विचार ही सबसे बड़े मित्र
और सबसे बड़े शत्रु होते हैं…….
विचार ही आत्मा को भटकाते हैं……
विचार ही आत्मा को सही राह दिखाते हैं…….
सच मानिए तो जीवन नकारात्मक और सकारात्मक विचार रुपी
शत्रु और मित्र के बीच की ही एक किताब है…….
(सभी चित्र इन्टरनेट से)