सर्दी का मौसम सिमट गया…..
शरीर से लिपटे हुए गर्म कपड़ों,गर्म तासीर वाले
खाने पीने की चीजों को भी अपने साथ समेट लिया….
घरों में दिखती हुई रजाईयां,कंबल,जुराबें……
शालें,दुशाले सब आलमारियों के भीतर सो गये…..
ऐसा लगा मानो बोल रहे हों…..
हम तो चले आराम फरमाने…..
अब आप सभी पंखे ,कूलर और एयर कंडीशनर की
कृत्रिम ठंडक के साथ ग्रीष्म ऋतु का मजा लीजिए……
रसोई का अंदाज भी बदला हुआ सा नज़र आता है……
फ्रिज भी बदले हुए मौसम की फल और सब्जियों से
भरा हुआ दिख जाता है…….
आकाश का रंग भी बदल गया…..
आकाश भी साफ सुथरा और हल्के नीले रंग से सज गया…..
चटकीले गाढ़े रंगों की जगह…..
हल्का रंग अब हर किसी को भाता है…..
आकाश में सूर्य अपनी तमतमाहट दिखाने के लिए
उत्सुक दिख रहा था…….
तब चमकीली और चटकीली किरणों ने समझाया…..
अभी तो अप्रैल का महीना ही आया है…..
मार्च में हल्की सर्दी का एहसास कराया है……
फिर इतनी जल्दी अपने ताप को क्यूं बढ़ाया है….
मई और जून आगे खड़ा दिख रहा है……
सारा जग सूर्य के ताप से आकुल व्याकुल दिख रहा है……
दिखने लगे सड़कों पर और बाजारों में….
खीरा,ककड़ी,तरबूज, खरबूजे के ठेले, बड़े प्यार से बोले……
हमारी बहुतायत को देखकर……
अब तो सर्द मौसम के फलों को भूलिए…..
सूरज के आंखों को तरेरते ही याद आते हैं…..
शरीर के लिए फायदेमंद तरल पेय पदार्थ……
इसमें सबसे ऊपर आता है…..
मीठी या नमकीन लस्सी का नाम…..
लोक कहावतें कहती हैं बात सीधी और सच्ची…..
“जो पिए लस्सी वो जिए अस्सी”
“वैद्य को बिसराइये लस्सी को अपनाइये”
पारा कितना भी चढ़े एक गिलास लस्सी का जवाब नहीं……
आर्युवेद ने भी लस्सी से, हृदय को बल देने की और तृप्ति की बात मानी….
जब आ ही गयी लस्सी से शरीर को राहत पहुंचाने की बात तो
याद करते हैं,इसकी परंपरा और इतिहास……
यह एक पारंपरिक दक्षिण एशियाई पेय है….
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है…..
आंतरिक अंगों में इलेक्ट्रोलाइट, पानी की मात्रा
और नमी को बरकरार रखती है…..
अगर लिया है गरिष्ठ खाने का स्वाद……
तब तो हमेशा उपयोगी होता है, छाछ या दही का साथ…..
तासीर ठंडी होने के कारण गर्मी के मौसम में….
और एसिडिटी की समस्या में…..
रामबाण का काम करती है……
बदल गया है आजकल लस्सी का अंदाज…..
मैंगो,मलाई, केसर बादाम, रोज़ बादाम
और नमक के साथ…. जीरा वाली लस्सी का भी हो गया है साथ…..
भाने लगा है विदेशी सैलानियों को भी…….
पारंपरिक लस्सी का बदला हुआ अंदाज…..
भारत भ्रमण के दौरान भूल कर कोक,पेप्सी
और एल्कोहलिक पेय को…
अहमियत देते हैं,लस्सी के स्वाद को…..
भुलाकर कृत्रिम स्वाद वाले हानिकारक पेय पदार्थों को….
चलिये चलते हैं,हम सभी इन गर्मियों में…….
पारंपरिक लस्सी के स्वाद और स्वास्थ के साथ…