बात तो ये हमेशा से ही, सच लगती है….
बड़े बड़े अस्पताल हों या, हकीमों के यहाँ
लगी हो, लंबी-लंबी कतार…..
दवाओं के साथ-साथ, दुआयें भी काम
आती हैं….
न तो,अकेले दवा काम आती है….
न तो,अकेले दुआ काम आती है…..
ऊपर वाले के दरबार से भी, हमेशा
यही आवाज आती है…..
मुसीबतें कह लो या, परेशानियां कह लो….
जीवन के सफर में,कठिनाईयां कह लो…..
होती हैं ये,
जीवन के सफर का अटूट हिस्सा….
टूटने के लिए नही, मजबूती के साथ खड़े होने के लिए
जरूरी होती हैं……
अगर हो सके तो, जीवन के सफर मे…..
छोटी छोटी खुशियों को,बचा कर रखना…..
हंसते हुए चेहरे को, मुसीबतों के बीच में
संभाल कर रखना…..
हंसता हुआ चेहरा देखकर, जिंदगी भी
उलझन मे पड़ गयी…..
मुसीबतों के सैलाब के बीच मे से…..
ये हंसी किस कोने से निकल गयी……
जीवन के सफर मे उदासी को ज़रा
नाम का ही रखना…..
आइना अगर सामने दिखे तो
मुस्कुराहट को साथ मे रखना…..
जिंदगी मे आने वाली मुसीबतें भी, कब तलक
आंखें दिखायेंगी……
जीवन के सफर मे,ऊपर वाले के रहमोकरम से…..
कभी न कभी तो, धूमिल होती नज़र आयेंगी……
खुद पर विश्वास और, हौसलों को
साथ मे रखना…..
आंखों मे हो यदि नमी तो, गमों के बीच में
खुशियों को भी याद रखना…..
जीवन का इतना तो तर्जुबा नहीं, ऐ जमाना!
बात बड़े बुजुर्गों की, हमेशा से यह सही लगती है……
मुसीबतों के बीच मे, अगर निकलते हैं आंसू तो……
अपने साथ ये,मुसीबतों को भी बहा ले जाते हैं……
कभी तो खुशियों को भी,जतला जाते हैं….
देखते ही देखते इंसान, मुस्कान के साथ नज़र आता है…..
खुद पर विश्वास और हौसले के साथ
आगे बढ़ता दिख जाता है….
जीवन के संघर्ष मे, टूट कर बिखरने के लिए नही……
बल्कि मुसीबतों के सामने….
अटल खड़ा हुआ सा नज़र आता है…...
( सभी चित्र pixabay से )