औपचारिक पढ़ाई के साथ कागज़ और कलम
साथ में खड़ी नज़र आती है,…
हमेशा साथ निभाती है….
नंबरों के खेल का साथ कहो….
औपचारिक ज्ञान की चाह कहो…
क्रमशः कक्षाओं की सीढ़ियों को चढ़ने का उत्साह कहो…
कलम दौड़ती भागती, कूदती फांदती दिख जाती है…
औपचारिक ज्ञान के अलावा भी कागज़ और कलम का साथ
मुझे हमेशा भाया….
बस इसी कारण से लिखने के शौक को,आदत बनाने का ख्याल
ज़ेहन में कुलबुलाया…..
कुछ रचनात्मक लिखने के इरादे, एवम् मां सरस्वती के आशिर्वाद से….
कागज़ और कलम को हमने, ससम्मान अपनी रोज की दिनचर्या में अपनाया…
उत्साह के साथ विचारों को तमाम विधाओं में पिरोकर….
खुद के ही छोटे छोटे लक्ष्य को बनाया…
खुद के ही बनाए हुए लक्ष्य को पूरा होते हुए देखना मन को उत्साहित करता है….
मैंने WordPress पर अपनी 300 पोस्ट के लक्ष्य को पूरा किया है….
ये समय मेरा खुद को ही प्रोत्साहित करने का है…..
जब लिखना शुरू किया था, तब सोचा नही था कि WordPress पर लिखने का इतना लंबा सफर तय कर पाउंगी…..
आप लोगों के साथ ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया है….
कुछ समय के बाद WordPress पर ऊर्जा और उत्साह के साथ फिर से मिलूंगी …..
एक बार फिर से मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए तहेदिल से शुक्रिया……
अगर आप लोग मुझे कोई सलाह देना चाहते हैं…. या मेरे लिखने के तरीके में कुछ कमियां पाते हैं, तो मुझे जरूर बताइये…..
जिससे मैं अपनी कमियों को दूर कर सकूं…….😊
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मुझे आपके नये पोस्ट का इंतजार रहेगा।