कुछ दृश्य विचलित करते हैं I दौड़ते भागते हुए महानगरों में आसानी से दिखते हैं I महानगरों में कहीं तो फुटपाथों पर, निर्माण कार्य होता हुआ दिखता है I कहीं फुटपाथों पर जिंदगी गुजर बसर होती हुई दिखती है I इन्हीं मजदूरों और गरीब परिवारों के बच्चों की बेफिक्र सी दुनिया , सिग्नल की बत्तियों के आस पास भी नजर आ जाती है I आर्थिक विपन्नता के इस दौर में भी , माँ की ममता नजर आ जाती है I
Maa Ki Mamta
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