As I looked up at the blue sky , a wave of thoughts swept by me .
आकाश प्रकृति का बड़ा सुन्दर रूप दिखाता है । मेरे विचार से अगर ध्यान से देखिये तो हर मौसम मे आकाश ज़रा सा बदला बदला सा दिखता है। ऐसा लगता है कि हठ करके अपने रंग को बदलता रहता है……
नीला आकाश भी कितना प्यारा होता है।
ज़रा सा”शर्मीला”ज़रा सा नखरीलाऔर”हठीला”होता है ।
देखा है कभी इसे ध्यान से?
देखना पड़ता है कभी-कभी सारे
काम छोड़ के।
आकाश की सुन्दरता भी बड़ी “न्यारी” होती है ।
कहानी हमेशा इसकी बड़ी “प्यारी” होती है।
सोचो अगर कभी गहराई से तो अंतर नही कर पाओगे ।
मानव की “चाहों”और आकाश के “भावों”मे।
प्रेम ,सुख ,दुख ,क्रोध सभी कुछ तो इसमे समाया होता है।
समय समय पर ही सही ये अपने भावों को दिखलाता है।
“ग्रीष्म ऋतु”मे ये अपने क्रोध को दिखाता है।
सूरज की तपन से हमे नानी दादी की याद दिलाता है।
सुख के भाव “शीत ऋत” की दुपहरी दिखलाती है।
बादलों के बीच मे से जब सूरज की किरणें
अपने “आँचल” को लहराती हैं।
दुख के भाव को “बरसात ऋतु” मे यही आकाश दिखाता है।
पानी की बूँदों को “अश्रुधारा” के रूप मे कभी तीव्रता से कभी
मध्यम गति से गिराता है।
प्रेम का सौन्दर्य “वसंत ऋतु” दिखाती है, कभी हल्की सी सर्दी
कभी थोड़ी सी बरसात के साथ अपने प्यार को जतलाती है।
आकाश की मस्ती को समझो मत “बेजुबानी”।
कहनी होती है इनको हर मौसम मे अलग कहानी ।
दूसरी तरफ बाजों को देखो हर मौसम मे
करते रहते हैं आकाश मे “मनमानी” ।
इतनी ऊँचाई पर बादलों के बीच मे
खेलते रहते हैं।
मानो अपने पंखो से सूरज को हवा
झेलते रहते हैं।
रात होते ही आकाश मे जमकर तारे “टिमटिमाते” हैं।
यूँ ही ये सारे उत्सव मनाने के बहाने खोजते हैं।
कहीं तारों का छोटा सा समूह कहीं बड़ा समूह दिखता है।
इससे उनके स्वभाव का पता चलता है।
कभी-कभी दिखता है कोई तारा किसी कोने मे अलग थलग सा पड़ा ।
ऐसा लगता है रूठ कर के दूर जा कर है खड़ा ।
मै तो यही सब देखते-देखते बादलों के बीच मे खो गयी।
सुबह के आकाश और रात के आकाश की तुलना मानव जीवन
से करते करते कल्पनाओं के झूले मे ही सो गयी ।
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अच्छा है।
धन्यवाद 😊