परोक्ष या अपरोक्ष रूप से संसार को देखो तो….
चारो तरफ ज्ञान और विज्ञान का प्रकाश दिखता है….
विज्ञान की तमाम चीजें सामने दिखती हैं….
उद्गम से लेकर विकास….
छोटे बड़े तमाम सवालों के जवाब….
विज्ञान की तमाम चीजें या वस्तुयें …..
नियंत्रक कह लो….
रेगुलेटर कह लो…..
प्रबंधकर्ता कह लो….
उन्हीं के द्वारा नियंत्रित होती हैं……
सरल शब्दों मे कहिये तो विज्ञान के अविष्कार …..
मानव की बुद्धि और ज्ञान के परिणाम स्वरूप होते हैं……
इसीलिए मानव को परोक्ष या अपरोक्ष रूप से…..
नियंत्रक या प्रबंधकर्ता कहलवाते हैं…..
लेकिन! मानव अपनी सोच और विचार का….
काफी हद तक खुद ही नियंत्रक होता है….
शरीर की मेटाबॉलिक क्रियाएं ….
भिन्न-भिन्न प्रकार के रेगुलेटर (हार्मोन) के द्वारा नियंत्रित होती हैं….
रेगुलेटर के अलावा, एन्जाइम्स और इलेक्ट्रोलाइट्स की सही मात्रा से जीव!
सुचारू रूप से अपने शरीर को स्वस्थ रखता है….
विज्ञान का विकास….
साथ मे भौतिक सुख सुविधाओं का विस्तार……
घर से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक ,देखा जा सकता है…..
रिमोट के द्वारा नियंत्रित होती हुई, भौतिक सुख सुविधायें…..
विज्ञान के विकास की बात बतलाती हैं…..
अविष्कारों की दुनिया! आश्चर्य मे डालती है….
मानव शरीर ईश्वर का दिया हुआ…..
अनमोल उपहार होता है…
ज्ञानी विज्ञानियों ने दृढ़ता से है, यह बात मानी ….
रेगुलेटर सिर्फ, विज्ञान या तकनीकि के संबंध मे
उपयोग मे आना वाला शब्द नही है….
जब आती है नीले आकाश ,जल,पृथ्वी और वनस्पतियों के साथ…..
सभी प्रकार के जीव जन्तुओं की बात….
जीवन का क्रम….
जल का प्रवाह….
मेघों की बरसात…..
धरा अपनी उर्वरता के साथ..,.
बदलता हुआ मौसम….
प्रकृति का संतुलन.,..
आकाश से पाताल लोक तक….
परोक्ष या अपरोक्ष रूप से दिखता हुआ जीवन..,.
कौन होता है इन सब का प्रबंधक,शाशक या रेगुलेटर ??