प्रकृति ने दिये हैं जीवन को
जीने के लिए अनेक वरदान……
अंबुज,नीर सलिल,वारि,क्षीर
पय,अमृत,मेघपुष्प क्या लूं
ऐ जीवनदायक जल! तेरा नाम……
निश्चित तौर पर जल प्रकृति के द्वारा
दिया हुआ अदभुत वरदान है…..
जल ही जीवन की पहचान है……
जल ऐसा अवयव है जिसने पृथ्वी के
गर्भ को भी टटोल लिया……
पृथ्वी की गहराई में छिपे हुए तमाम तत्वों
को खोज निकाला……
अपने प्रवाह के साथ इन तत्त्वों को पृथ्वी की गहराइयों से
बाहर लेकर आया……
खुद माध्यम बन गया……
उपयोगी तत्वों और जीवन की
दैनिक जरूरतों का साथ हो गया…..
बड़ा अजीब सा पदार्थ है……
ठोस,द्रव और वाष्प तीनों अवस्था में
पाया जाता है……
जल का ठोस रूप देखना है तो
प्रकृति के साथ हिमखंड को देखिए…..
द्रव रूप में नदियों, झीलों और तालाबों में बहते
या रुके हुए जल को देखिए…..
जल का वाष्प रूप तो हवा का साथ पाते ही उड़ चला……
देखते ही देखते आकाश में बादल बन कर ठिठक गया……
जल वाष्प बहुत उपयोगी बन कर सामने आती है……
हवा के वेग के साथ विश्व में भ्रमण करती दिख जाती है……
कभी नन्ही नन्ही बूंद बन कर बरसती है…..
कभी मूसलाधार बारिश का रूप धर लेती है……
एक बार फिर से जल की बूंद जलस्रोत के साथ
हो लेती है….. या पृथ्वी के गर्भ में समा जाती है…..
इसी तरह से जीवन चक्र के साथ जल चक्र भी
चलता जाता है…..
कितना सीधा-साधा,रंगहीन,गंधहीन सा जल का
रूप दिखता है……
लेकिन औषधीय गुणों से भरपूर होता है…….
चिकित्सा क्षेत्र की अलग अलग पद्धतियों ने
जल के महत्त्व को बताया है……
जल ने शरीर के अंदर से हमेशा विषैले पदार्थों को
बाहर निकाला है……
जल प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधन का भी काम करता है……
शरीर में पर्याप्त मात्रा में होने से त्वचा को कोमलता
और चमक प्रदान करता है……
जीवन दायी जल के स्रोत आराधना के स्थल भी माने जाते हैं……
नदी,तालाब, पोखर, बावली,ताल या कूप……
श्रद्था और दैनिक जरूरतों से जुड़े होते हैं
जीवन के सूत्र…….
सृष्टि के पंचतत्वों में जल का
महत्त्वपूर्ण स्थान है…….
आज के समय में जल संरक्षण सारे विश्व के लिए
महत्त्वपूर्ण काम है……
पहाड़ों की ऊंचाई से गिरता हुआ जलप्रपात हो या
सागर में समाती हुई नदियों की धार हो……
जल के बहाव का वेग अलग-अलग होता है…….
नदियों के कछार उपजाऊ हो जाते हैं…….
किनारों पर बने हुए मिट्टी के टीले….. जल के
साथ बह कर आयी हुई मिट्टी के कारण ही सोना बन जाते हैं….
जल का कोई आकार नहीं होता……
पात्र के अनुरूप आकार में ढल जाता है…..
यह जल का अद्भुत गुण है…..
पर्यावरण संरक्षण के इस दौर में ही नहीं
सृष्टि की शुरुआत से ही जल जीवन की
मूलभूत आवश्यकता है…….
(सभी चित्र इन्टरनेट से)
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Beautiful poem of nature
Thanks 😊
जल चक्र को जीवन चक्र से जोड़ कर अच्छा विश्लेषण किया है।
Kya khoob